ज़िन्दगी में आज कल आफ़ताब बहुत है,
जिस्म से ज्यादा रूह की पायाब बहुत है,
अपनी कमियां को लोग छुपाते गजब है
दूसरों की कमी जानने लोग बेताब बहुत है,
दूसरों की कामयाबी किसीको पसंद नही,
कामयाबी पाने में आज कल अजाब बहुत है,
हम जो लिखते है वो दिल के अल्फ़ाज़ है,
हमारा कलाम लिखने का अस्बाब बहुत है,
जनाब हमे आते आज कल ख्वाब बहुत है,
"पागल" आज खुली किताब नायाब बहुत है।
✍?"पागल"✍?
आफ़ताब - कड़ी धूप
रूह - आत्मा
पायाब - कम गहरा / मानव की गहराई
बेताब - व्याकुल
कामयाबी - सफलता
अजाब - पीड़ा / दर्द
अल्फ़ाज़ - शब्द
कलाम - शायरी / ग़ज़ल / कविता / गीत
अस्बाब - कारण / वजह
जनाब - श्रीमान / माननीय
ख्वाब - स्वप्न / नींद
किताब - पुस्तक
नायाब - दुर्लभ / दुष्प्राप्य