शुभ संध्या दोस्तों !
सर्वप्रथम वर्ष के प्रारंभ में मातृभारती को धन्यवाद करती हूँ जिसने हम सभी को एक ऐसा मंच दिया जहाँ हम अपनी लेखनी को एक पहचान और स्थान दिला पा रहें हैं।
दूसरे उन सभी साथी लेखकों और पाठकों का धन्यवाद करती हूँ, जो मुझे फॉलो कर रहे हैं और मेरी रचनाओं को अपने दिल में एक स्थान दे रहे हैं।
आप सभी को पुनः एक बार नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ एवं बधाई स्वीकार हो?????
मंगल से आरम्भ हो मंगल से ही अन्त,
मंगल ही कड़ियाँ बने,
मध्य आरम्भ और अन्त।
हृदयतल से मंगल कामनाओं के साथ
नीलिमा कुमार