लोग समझते हैं कि कोई भारत से हज़ार करोड़ रुपए ले भागा और अब वो पैसा लेकर विदेश में बैठा है। ऐसा नहीं होता। अगर किसी के पास ये रुपया हो तो वो दुनिया भर में छिपते हुए घूमने की जगह वो पैसा वापस लौटा न दे?
असल में ऋण लेकर पूंजीपति अपना पैसा उद्योग में लगाता है। करोड़ों की इमारतें बनती हैं, करोड़ों की जमीन होती है, करोड़ों की मशीनरी होती है, करोड़ों यहां निवेश होते हैं।
दुर्भाग्य से उद्योग सफल नहीं होता तो पूंजी वापस नहीं आती और ऋण नहीं चुक पाते। और हताश आदमी छिपने चला जाता है।
जो लोग सोचते हैं कि सारा पैसा बाहर चला गया, वे इस पक्ष को शायद नहीं समझ पाते।