तेरे होंठों पे खामोशी की बात
तेरे होंठों पे चुप की बातें,
पर आँखों में चाहत की बरसात,
एक लम्हा ठहर सा जाता है,
जब मिलती है मुझसे तेरी मुलाकात।
सर्द हवा का झोंका आया,
तेरे होंठ मेरे पास ले आया,
एक नरमी, एक सिहरन,
जैसे कोई ख्वाब सच्चा हो गया।
तेरी साँसों की गर्माहट में,
मैं खुद को खोने लगा,
तेरे लबों की मिठास में,
इश्क़ मेरा सोने लगा।
कोई शिकवा, कोई वादा नहीं,
बस महसूस कर लो प्यार मेरा,
तेरे होंठों पे जो नाम है मेरा,
उसे कभी मिटाना नहीं।