हम हमेशा फ़रेब खाते रहे

फिर भी सदा मुस्कुराते रहे
लोग फ़रेब से हमें फ़र्श पर लाने की गफ़लत में जुटते चले गए ,
और हम , फ़रेब खा - खाकर ज़िंदगी जीने का हुनर सीखते गए ।

Hindi Blog by उषा जरवाल : 111818649

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