जरा देखा जो पीछे जमाना जा चुका था वो।
जहां देखा कभी पुरानी पादुका वो।
कही तो था कुसुम का एक पुराना सा बगीचा।
पुरानी कुतरनो का था बना वो एक गलीचा।
मेरी कॉपी जो 3 इन 1 बताकर
मेरी पेंसिल जिसका रबड़ खाकर
बड़ा मेरा ये जीवन हुआ हो।
जरा देखा जो पीछे जमाना जा चुका वो .....
द्वारे पर बंधी एक गाय छोटी।
जिसे मैं सुलभ मन से दे दिया करता था रोटी।
वही उसका दुलारा सा वो बेटा
मुझे घूरे मेरे संग अठखेलियां करने को ऐंठा।
मुझे फुरसत कहां थी टायर को घुमाने से।
मेरा बचपन बड़ा ही साफ दिखता था जमाने मे।
सुबह से शाम करके घर को पहुचु , देकर बहाने कोई भी मां का आंचल पकड़ लूं। , जमाना जा चुका वो।
continue .....