तू ठहर जा ज़रा
वक़्त नू गुज़र जाण दे
वक़्त दा कुसूर है
तू तां बेकसूर हैं
तू जो चली गई
वक़्त फ़ेर ठहर जायेगा
एस कर के ही कह रया हां
तू ठहर जा ज़रा
वक़्त नू गुज़र जाण दे

-R.KapOOr

Hindi Poem by R.KapOOr : 111757963

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now