लगी पुरानी एक तसवीर दिवार पर
गिर कर तुट गई अचानक से,
न थी आदत आँखो को के देखे
दिवार को बिना उस तसवीर के,
लगा वक़्त बहुत उन आँखो को
भरने में स्थान उस तसवीर का,
तसवीर थी बेजान फिर भी इतना लगाव
सोचो! क्या बितती होगी जिंदा इंसानों के जाने पर ?
-Pandya Rimple
@shabdo_ni_suvas_