प्रधान प्रत्याशी
लॉकडाउन में रुपिया चुकि ग, मन बड़ा हैरानी में
झुनकू भइया रोज चढ़वाइ, होइ जा खड़ा परधानी में
रुपिया छापि ल मौका बा, चिंता छोड़ि द पइसा क
पूंजी तोहरे पास पड़ी बा, दाम लगाइ द भंइसा क
अबही पर्चा साफ नाहीं बा कउन वर्ग क चानी बा
ठाकुर ब्राह्मण यादव गौतम सभइ खड़ा परधानी बा
मन भ्रम दलाल फैलावइ दुइ बच्चा क बाप लड़े
लोन उठाइ ल ए भइया साठि हजरवा भरे पड़े
असमंजस में जान पड़ी बा दुइ बच्चा वाला मसला बा
साठि हजार क चिंता नाही गहना भरि भरि तसला बा
हे झुनकू भइया अइसन बा जाई मिली परदेशी से
हाथ जोरि के गांव बोलाउब काम चलाउब देशी से
सौ शीशी के ठार्रा में आंधी हमरे ओर चले
देखि लेब जे आगे आए जलइ के दुश्मन रोज जले।।
कृपया आप खुद को बेचें नहीं, वोट अमूल्य है इसका सदुपयोग करें। धन्यवाद