हर किसी के नसीब में

सुख समृद्धि नहीं होता है

किसी को चांदी की थाली में परोठा

तो किसी को कागज़ के टुकड़ों में भी

रोटी नसीब नहीं होता है ।।

नरेन्द्र परमार " तन्हा "

Gujarati Thought by Narendra Parmar : 111688266

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