धर्म चाहें कोई भी रहे हर किसी का

वो हर इंसान को जीने की राह बताता है

मगर इंसान हीं अपने स्वार्थ के आगे

इंसानियत की बलि चढ़ाता है ।।

नरेन्द्र परमार " तन्हा "

Hindi Thought by Narendra Parmar : 111649795

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