दिल की गहराइयों में
तुम उतर कर देखना
आंख से चश्मा हटाकर,
आंसुओ में झांकना
प्रीति की ठंडी छुवन
गर तुम्हें महसूस हो
अपना दिल फिर तुम
दिल पर ही तुम हारना

-Namita Gupta

Hindi Poem by Namita Gupta : 111572914

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