आज तुम सही हो,
पर गलत मैं भी नहीं।
क्यों इतना है सोचना?
कहीं कोई गफलत तो नहीं।
ज़िन्दगी देती है एक पल,
ज़रा सोच लो और विचार लो।
एक पल तो रुक जाओ,
खुद को जरा संभाल लो।
एक पल भी नहीं है लगता,
थोड़ी सी गलती में तो।
बार बार है फिर दुखता,
गलती का वो एहसास तो।
करना फिर तुम इतना,
कि फिर कभी गलती ना हो।
क्या फर्क है फिर पड़ता?
यदि इक पल को तुम सोच लो।
© shubham36