जान की बाजी लगाकर वो ही लड़ सकता है।
जो अपने साथी को अपना परिवार का हिस्सा समझें।
बेशक गुलाम की तो आदत ही होती है कन्ही भी झुक जाने की।

✍️प्रेम - आनंद

Hindi Blog by Pramod Solanki : 111568454

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