बहुत पहले मैंने किसी से झूठ कहा था की मैं वर्तमान अपनी इच्छा अनुसार जी रहा हूं. जो असल में एक झूठी कल्पना थी. उस वक्त कतई वर्तमान को अपने अनुसार नहीं जी रहा था. मैंने तय किया यह झूठ एक समय बाद सच होना चाहिए. ढेरों बदलाव के बाद आज अपनी झूठी कल्पना के सत्य में वर्तमान जी रहा हूं. सच कहूं तो मेरे सपने एक झूठी कल्पना जैसे है, जिसे अक्सर लोगों से कहता हूं लेकिन बहुत समय बाद उसे सत्य में बदलकर एक कप कॉफ़ी के साथ एकांत में उत्सव मानते हुए खुद को पाता हूं. मुझे लगता है, हमें अपने बनाए हुए जीवन में रहना चाहिए फिर वह अभाव में हो या फिर प्रभाव में. वह हर पल जीवित खुशी ही देगा. 🌸♥️