#मेरी प्यारी माँ


में किन लब्जों में बयां करु उनकी क्षमता,
जबकी उनका दूसरा नाम ही तो है ममता.
दिल करता है कि कुछ लिखूं यूं लाजवाब,
क्योंकि मेरीे माँ का है ही नही कोई जवाब!
बरदास भी की है उसने कई कठनाईया,
फिर भी पूरी करती रही हमारी हर मनमर्जिया!
मेरी शरारतों से कभी हो जाती परेशान,
फिर थोड़ी देर मुझे देख,रोक नही पाती खुदकी मुस्कान!
कभी गुस्से से लाल,तो कभी बन जाती ममता की मूरत,
हो जाती पलमें दूर थकावट,जब देखूं उनकी सूरत!
'तुमने ही बिगाड़ा इसे ' पापा की ये डांट भी सह लेती ,
फ़िरभी वो कुछ यूं हमारी गलतियों पर पर्दा डाल देती!
कभी ग़ुस्सेमे बोल भी दिया 'जा तुजसे नही करनी बात',
फिर सबसे छुपाकर रोती रही वो सारी रात!
कई दिनों बाद मुझे घर आया देख,उसकी आंखें हो जाती नम,
फिर गलेसे लगाकर कहती, 'अब मेरी फिकर हुई थोड़ी कम!'
मुझे बस खुदा से एक गुंजाइश खास करनी है,
मेरी माँ कहे या कहे तुझे उनकी हर ख्वाइश पूरी करनी है!

Hindi Poem by Kiran : 111562615
shekhar kharadi Idriya 4 year ago

अति सुंदर..

Rama Sharma Manavi 4 year ago

खूबसूरत अभिव्यक्ति

Mayur 4 year ago

Nice one 👌👌

Kiran 4 year ago

Thank u so much😍😘

Priyanka Jangir 4 year ago

बहुत अच्छी कविता लिखी है आपने........ 😘

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now