कुछ खोने का डर
कुछ ज्यादा पाने को
आगे नहीं बढ़ने देता
गिरने का डर
ऊपर चढ़ने नहीं देता
पर जिंदगी का सच यह है
कुछ पाने के लिए
कुछ खोना ही पड़ता है
मंजिल पर पहुँचने के लिए
गिरने का डर छोड़कर
ऊपर चढ़ना ही पड़ता है
आगे बढ़ना ही पड़ता है

डॉ. कविता त्यागी

Hindi Quotes by Dr kavita Tyagi : 111540476
Dr kavita Tyagi 4 year ago

Thanks a lot harsh ji

Prem Nhr 4 year ago

सही कहा आपने... काम चाहे कोई भी हो लेकिन उसे करने में जोखिम तो उठाना ही पड़ता है। अगर डरते ही रहे तो कोई भी काम नहीं कर सकते फिर आसान लक्ष्य भी अप्राप्य हो जाएगा।।

Dr kavita Tyagi 4 year ago

बिल्कुल सही कह रहे हैं आचार्य जी ! लोभ , क्रोध आदि अनेक मनोविकार हैं , जिन पर विजय पाना मानवीयता के लिए जरूरी भी है और कठिन भी है ।

Dr kavita Tyagi 4 year ago

बच्चों में डर का भाव इसलिए नहीं होता , क्योंकि बच्चे हानि लाभ का गणित नहीं लगाते । जब हानि लाभ की समझ हो जाती है , उसी समय से डर पनपने लगता है ।

बिट्टू श्री दार्शनिक 4 year ago

और वैसे सिर्फ भय ही नहीं है जिसे जितना सबसे कठिन है, बल्कि और भी मानसिक भाव है, जो भय से भी कई अधिक कठिन है।

बिट्टू श्री दार्शनिक 4 year ago

डर को केवल साहस से जीता जा सकता है। यदि आप बच्चो को देखे तो वे कभी भी साहस का परिचय देने से पीछे नहीं हटेंगे। बस यह मा बाप और बाकी बड़े लोग ही है जो उसे संभावनाओं से भटका कर मर्यादा और भय मेे बांध देते है । बस यही वापस लाना है ।

Dr kavita Tyagi 4 year ago

आचार्य जी , सही प्रश्न उठाया है आपने । डर को जीतना ही तो सबसे कठिन कार्य है ।

बिट्टू श्री दार्शनिक 4 year ago

सही बात है ! पर इसके लिए सबसे पहले डर (भय) को जितना पड़ता है ! और इस भय को केसे जीता जाता है यह कोन शिखाता है ?

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