लोग हसने के बहाने ढूंढ़ते है
हम रोने के लिए तड़पते है,
आंखों से गिरे आंसू हकीकत ना बया कर दे,
तभी तो रोने के बहाने ढूंढ़ते है

-बिंदीया

Hindi Shayri by બિંદી પંચાલ : 111538711

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