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तुम को हज़ारों की भीड़ मे भी पेहचान सकता हूं,
आधी रात को जाग कर तेरी तस्वीर बना सकता हूं,
तेरी हर आदत से वाकिफ हूं,
तेरा अगला रिप्लाय क्या होगा वो भी मे जानता हूं,
क्यूंकि तेरे हर खयाल को मेहसूस कर सकता हू,
पर लोगो को हमारी बीच की दूरी दिखती हैं
पर उनको कोन समजाए तुझे मिलने केलिए मुजे पलके झुकानी होती हे, 😍🥰
मुश्किल है तुम्हारे बिना जीना पर आदत होही जाएगी तेरे बगेर जीने की...... 😭😭😭
#SoDh #मुश्किल

Hindi Poem by SoDh : 111525077
Priyan Sri 4 year ago

बहुत ख़ूब 👌

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