#खुश
हालाते बयाँ क्या करु आज मेरी खुश क़िस्मती का
बारिश का मौसम है और महेबुबा से मुलाकात है ।
बादलों का बरसना, बिजली का कडकना लयबद्ध है
मौसम महज़ इत्तेफाक नहीं उनका समाना मुझमें तय है ।
झुम उठे है पेड़ पौधें और आलम आसपास का सारा
प्रणय पल्लीत होना भी खुश किस्मती का पर्याय है ।
#rambin