कैसी वो मुराद थी जो आज जल गई?

परियों के ज़हन में जो आग बन गई

देखी ना थी सपनों-खयालों में कभी

ऐसी ज़िन्दगी से मुलाक़ात बन गई

#Shivan

Hindi Shayri by Poorav : 111514792

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