संतुलन..!!
अगर जीवन के किसी मोड़ पर चलते चलते आपको ठोकर लग जाए और थोड़ी देर के लिए आप अपना संतुलन खो दे तो इसका ये मतलब नहीं कि आप हतोत्साहित होकर रोने बैठ जाए अपने मन को स्थिर रखकर एकाग्रता से सोचे कि आप गिरे किस वजह से आपके अंदर ऐसी क्या कमी थी फिर थोड़ा विश्राम करें और फिर अपने गंतव्य की ओर बढ़ चले क्योंकि अभी आपके लिए विराम लेने का समय नहीं आया है ये तो आपके लिए अल्पविराम था ताकि आप फिर से अपने अंदर एक नवशक्ति और प्रबल इच्छाशक्ति का संचार कर सके जो कि आपको अपने एक नए उज्जवल भविष्य की ओर ले जाएगी।।