#radical
दिव्यता
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सूरज का संसार है
धरती का उपवन,
जल वायु अग्नि दे रहे हिदायत
तेरा मेरा कुछ नहीं जग में
सब कुछ प्रकृति है जान।
समय तू है
उड़ान भी तेरा है
पंखी जब नीड छोड़ जाएगी
निश्चल हो जाएगा जग सारा।
संभल जा रे मानव
ना कुछ तेरा मेरा
जब तक जान है जी ले
कर्म, कर्तव्य, जीवन, रिश्ते
सब कुछ माया है
नित्य जो पूजे दिव्यता को
वही दिव्यता पावे।
©लता तेजेश्वर रेणुका
©लता तेजेश्वर रेणुका