क्या अर्थ सिर्फ़ ?
ज़ुबां से टपकते
लफ़्ज़ों का होता है
किताबों में लिखे
शब्दों का होता है
क्या अर्थ नहीं होता ?
आंखों से झांकते हुए
जज्बातों का
चेहरे पर पड़ी
सिलवटों का
धरती और नभ में
फैले रंगों का
कोयल की कूक का
गौरैय्या की चहक का
इन सभी को
पढ़ने के लिए
समझने के लिए
चाहिए सिर्फ
बस मन की
भाषा के कुछ हर्फ
:- भुवन पांडे
#અર્થ