जीवन के अंतिम दिनों तक मुझे अपना वजूद चाहिए मुझे लड़ना नहीं है ।किसी से लड़ाई है, मेरी खुद नहीं उतरना खरी दूसरों की निगाहों में क्योंकि जब मां सीता स्वयं देवी होकर देती है परीक्षा, तो ऐसे में मैं स्त्रियों की क्या करूं समीक्षा परीक्षा देते देते पहले सीता मां आग में समा गई उसके बाद भी जब ना हुआ चुनौतियों का अंत तब जाकर उन्होंने पृथ्वी में लिया खुद समा जब ऎसा द्वापर युग में था चलन सोचती हूं मैं क्या कलयुग क्या होगा इसका चरम
#अंतरिम