क्या परिचय दु मे उस फरीसते का ......

खुद जलते रहे धुप में और इस फुल मुरजाने ना दिया ।

ईस छोटे से छोड़ को सींच के अच्छा पौधा बनाया ।

मुरजा जाता ये छोटा सा फुल तो साया बनके साथ चले ।

खुद सहेते रहे दु:ख और ईस फुल को देते रहे खुशी ।

ये प्यारा सा फरीसता या नी की पापा

Dear papa 😘😘😘😘😘 .......

Dhara vyas

#परिचय

Hindi Poem by Vyas Dhara : 111433347
Gaurang 4 year ago

मा बाप के प्यार का परिचय लिखने बैठा था, जो उपकार उनका लिखा तो भागवत गीता सामने छोटी दिखी,

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