कुछ यूं आ गई दूरियां,
हम दोनों के दरमियां।
कभी दूरी होते हुए भी,
हर पल थी नजदीकियां।
आज टूट गया वो ख्याब,
जो जिया था एक साथ।
साथ रहने के थे जो वादे,
आज मिट गये हर इरादे।
न सुकून है न है कोई करार,
फिर भी क्यु दिल है बस उनके लिए बेकरार।


#distance

Hindi Shayri by Tasleem Shal : 111361644
siddharaj 4 year ago

क्यू दूर किया खुदसे इतना कि पास ना फिर आसकु पुकारोगे मुझे तुम और में सुन ना सकु होजाओगे जब अकेले तब में अपनी कमी पूरी करना सकू क्यू किया दूर इतना कि होकर भी में तुम्हारा बन ना सकू।

પ્રભુ 4 year ago

વાહ મસ્ત 👏✍️👏👏

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now