आज तो लगता है जिंदगी खुशनुमा हो गई....
आई बहार खिली खिली सी जैसे पानखर में वसंत खिल उठी.....
पनघट में पनिहारी आई जैसे पानी की हेल लेके....
पर उसमें से छलक रही है खुशियां....
लगता है प्यार अभी खतम नही हुआ
दुनिया से....ओये दिल....
बटोर ले जी चाहे इतना कोन जाने कल ऐसे लोग मिले ना मिले....