आया बसंत हुआ मन हर्षित, चारो दिशाओं में शोर हुआ है,
सरसो फूल खिले चहुँ ओर,
भ्रमर मन जैसे अँजोर हुआ है,
खुशबू में डूबी हवा मदमस्त,
यहाँ रसमय सब पोर हुआ है।
आएंगे कंत मोरे अँगना सखी,फागुनमय अब मन मोर हुआ है।।
-राकेश पाण्डेय"सागर"

Hindi Song by Rakesh Kumar Pandey Sagar : 111332923
Satyendra prajapati 4 year ago

बेहद उत्कृष्ट रचना सर जी..

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now