तू.... तू है।
मैं.... मैं हूँ।।
तूझ से मैं पूरा।
मुझ बिन तू अधूरी।।
तेरा समर्पण मेरी खुद्दारी।
यही तो है प्रकृति और तत्व की बलिहारी।।
सूक्ष्म से भी सूक्ष्म है ज्ञान ये यारा
मिलन हो जब हमारा तब संपूर्ण हो संसार सारा।।

Hindi Shayri by Rudra : 111324291
Rudra 4 year ago

આભાર

Shefali 4 year ago

અદભુત...

Rudra 4 year ago

આભાર

Parmar Geeta 4 year ago

વાહ મસ્ત.. 👌

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