जीतनी मासूम है,उतनी नादान है हमारी मुहोब्बत्त।
ना गिला है ना शिकवा है
बस एक-दूजे के लिए खैरियत -ए-इबादत है

Hindi Shayri by Rudra : 111323229
Rudra 4 year ago

वाह!! सितारों से आगे जहाँ और भी हैं अभी इश्क़ के इम्तिहाँ और भी हैं

Parmar Geeta 4 year ago

वाह क्या बात.. तेरे इंतजार में, मेरा बिखरना इश्क है, और तेरी मुलाकात पर मेरा निखरना इश्क है..

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