लबों पे तेरा नाम आए तो राहत सी मिले है

तू नज्म है?इश्क है? दुआ है?
क्या है?

Hindi Shayri by Rudra : 111303166
Rudra 4 year ago

धन्यवाद जी

Shilpi Saxena_Barkha_ 4 year ago

Bahut khoobsurat...👌🏻👌🏻👌🏻

Parmar Geeta 4 year ago

વાહ ક્યાં બાત હૈ.. 👌

Rudra 4 year ago

वाह!!! कहाँ से लाऐँ अपनी बेगुनाही के पक्के सबूत दिल,दिमाग,नजर सब कुछ तो तेरी कैद मेँ है।

Parmar Geeta 4 year ago

વાહ... 👌 हादसोँ के गवाह हम भी हैं, अपने दिल से तबाह हम भी हैं.. बिना जुर्म के सजा मिली, ऐसे एक बेगुनाह हम भी हैं..!!

Rudra 4 year ago

क्या बात!!! इश्क इक हादसा है और कैसा हसीन हादसा मौत से भी ख़त्म जिस का सिलसिला होता नहीं

Rudra 4 year ago

धन्यवाद जी

Parmar Geeta 4 year ago

वाह.. ये नगमा नहीं है, ये मेरे दिल का खून है.. अब मर भी जाये तो क्या, सुकून है..!!

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