#काव्योत्सव2 #Kavyotsav2
#प्रेम #भावनाप्रधान

कोई आ गया इस जिंदगी में
जिसने हंसने का मकसद दे दिया

मेरी सूखी सी कलम को
मोहब्बत का रंग दे दिया

भुला कर किस्से बेवफाई के
फिर से खुशियों का स्वर दे दिया

उसकी एक नजर ने यारों
मुझको एक नया सवेरा दे दिया

चाहत-इश्क-प्यार-मोहब्बत
इन सबका एक साथ असर दे दिया

English Poem by अnu : 111162909
Jalpan Shah 5 year ago

kya ehsas hai...wah

अnu 5 year ago

शुक्रिया शरद जी। आपने हमेशा मेरी हौसला अफजाई की है। बहुत बहुत शुक्रिया।

Sharad Maloo 5 year ago

आपके चेहरे पे हंसी आई, पूरे ग्रुप ने खुशिया मनाई।। वाह।

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