hindi Best Women Focused Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Women Focused in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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गुलाबो - भाग 19 By Neerja Pandey

भाग 19पिछले भाग में आपने पढ़ा की जगत रानी रज्जो को बांझ कहते हुए मन्दिर ले जाने से मना कर देती है। रज्जो को जय का दोस्त रतन तसल्ली देता है की वो जरूर मां बनेगी। अब आगे पढ़े।रज्जो क...

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मुझे न्याय चाहिए - भाग 4 By Pallavi Saxena

भाग- 4   हाँ खैर यह बात तो मैं भी बखूबी समझता हूँ. ऐसा है तो फिलहाल मैं आपको इतना नहीं दे पाऊँगा. जी कोई बात नहीं, रेणु को फिर पैसे लौटाने की चिंता सताने लगी.. इस महीने तो उसने एडव...

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एहिवात - भाग 8 By नंदलाल मणि त्रिपाठी

चिन्मय अपने गांव बल्लीपुर लौट गया पिता शोभराज तिवारी ने बेटे चिन्मय से पूछा बेटा गांव के जो लड़के तुम्हारे साथ पढ़ते है बहुत पहले स्कूल से घर लौट आए तुम्हे लौटने में क्यो विलंब हुआ?...

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वीरा हमारी बहादुर मुखिया - 16 By Pooja Singh

रांगा के कहने पर ऊमि उस पुड़िया को लेकर वहां से चली जाती हैं .....इधर इशिता अपने रूम में बैठी कुछ सोच ही रही थी तभी निराली जी उसके रुम का डोर नाॅक होता है लेकिन किसी ख्यालों में खो...

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एक थी नचनिया - भाग(३९) By Saroj Verma

इधर ये सब रामखिलावन और मोरमुकुट सिंह ने नहीं सोचा था कि जुझार सिंह ऐसा कुछ करेगा,इसलिए ऐसी बात उन सभी के दिमाग़ में नहीं आई और तीसरी रात को ही पानकुँवर कस्तूरी को अस्पताल के बगीचे म...

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अन्धायुग और नारी - भाग(४८) By Saroj Verma

उन्होंने हमारा इलाज किया और हम बिलकुल ठीक हो गए वे लगातार दो चार दिन हमें देखने हवेली आएँ और आखिरी दिन उन्होंने हमसे कहा.... "ख़ालाजान! अब आप बिलकुल ठीक हैं,अब आपको मेरे इलाज की जरू...

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आत्मनिर्भरता By Dr. Pradeep Kumar Sharma

आत्मनिर्भरता सेठ किरोड़ीमल कई फैक्ट्रियों के मालिक थे। ईश्वर की कृपा से उन्हें पैसों की कोई कमी नहीं थी। यही कारण है कि वे अपने कर्मचारियों को पर्याप्त वेतन, भत्ते और सुविधाएं देते...

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Social Media ( एक खतरनाक जाल ) By Krishna

कहानी एक रचना है जिसमें जीवन के किसी एक अंग या किसी एक मनोभाव को प्रदर्शित करना ही लेखक का उद्देश्य रहता है। लेकिन आज की ये कहानी किसी और की नही लेकिन मेरी खुद की आप बीती है जिसको...

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एक बेटी के लिए क्या होते हैं पिता ..... By Purnima Kaushik

एक बेटी जब इस दुनिया में जन्म लेती है तो सबसे अधिक खुशी, उसके पिता को होती है। बेटी का जन्म होने पर एक पिता अपनी बेटी सबसे पहले गोद में उठाना चाहता है। अपनी नन्हीं सी जान के लिए वह...

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आत्मरक्षा By Dr. Pradeep Kumar Sharma

आत्मरक्षा दुबली-पतली 22 वर्षीया रेशमा एम.ए. फायनल ईयर की एक होनहार स्टूडेंट थी। पढ़ाई-लिखाई ही नहीं, अच्छे व्यवहार और खूबसूरती में भी वह अपने कॉलेज में नंबर वन थी। कुछ महीने पहले ही...

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नारी शक्ति के नौ रूप By नंदलाल मणि त्रिपाठी

नारी शक्ति के नौ रूपों कि आराधना नौरात एवं वर्तमान में भारत में नारी का यथार्थ -किसी भी युग या समाज के अस्तित्व कि कल्पना ही नही की जा सकती है ब्रह्म भी बिना नारी शक्ति के अधूरा है...

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कुलटा By Vishram Goswami

                             गर्मियों की छुट्टियों में जब मैं अक्सर मेरे घर पर होता था रात्रि भोजन के पश्चात करीब 8:00 बजे टहलने एक पार्क को निकल जाता था, जो मेरे घर से करीब एक किम...

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नारी गौरव By नंदलाल मणि त्रिपाठी

पंडित जमुना प्रसाद लखीसराय गांव के प्रतिष्ठित व्यक्तियों में माने जाते थे लखीसराय वैसे भी धनाढ्य और विद्वत लोंगो का गांव था गांव में सभी जाति के लोग थे जोअपने परिश्रम से साक्षर शिक...

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गुलाबो - भाग 19 By Neerja Pandey

भाग 19पिछले भाग में आपने पढ़ा की जगत रानी रज्जो को बांझ कहते हुए मन्दिर ले जाने से मना कर देती है। रज्जो को जय का दोस्त रतन तसल्ली देता है की वो जरूर मां बनेगी। अब आगे पढ़े।रज्जो क...

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मुझे न्याय चाहिए - भाग 4 By Pallavi Saxena

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एहिवात - भाग 8 By नंदलाल मणि त्रिपाठी

चिन्मय अपने गांव बल्लीपुर लौट गया पिता शोभराज तिवारी ने बेटे चिन्मय से पूछा बेटा गांव के जो लड़के तुम्हारे साथ पढ़ते है बहुत पहले स्कूल से घर लौट आए तुम्हे लौटने में क्यो विलंब हुआ?...

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वीरा हमारी बहादुर मुखिया - 16 By Pooja Singh

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इधर ये सब रामखिलावन और मोरमुकुट सिंह ने नहीं सोचा था कि जुझार सिंह ऐसा कुछ करेगा,इसलिए ऐसी बात उन सभी के दिमाग़ में नहीं आई और तीसरी रात को ही पानकुँवर कस्तूरी को अस्पताल के बगीचे म...

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आत्मनिर्भरता सेठ किरोड़ीमल कई फैक्ट्रियों के मालिक थे। ईश्वर की कृपा से उन्हें पैसों की कोई कमी नहीं थी। यही कारण है कि वे अपने कर्मचारियों को पर्याप्त वेतन, भत्ते और सुविधाएं देते...

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आत्मरक्षा दुबली-पतली 22 वर्षीया रेशमा एम.ए. फायनल ईयर की एक होनहार स्टूडेंट थी। पढ़ाई-लिखाई ही नहीं, अच्छे व्यवहार और खूबसूरती में भी वह अपने कॉलेज में नंबर वन थी। कुछ महीने पहले ही...

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नारी गौरव By नंदलाल मणि त्रिपाठी

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