hindi Best Spiritual Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Spiritual Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and...Read More


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पावागढ़ मंदिर - भाग 1 By Neelam Kulshreshtha

नीलम कुलश्रेष्ठ एपीसोड --1 [यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल [वर्ल्ड हेरिटेज साइट ]--- चाँपानेर ] क्या आप उत्तरप्रदेश व कश्मीर के पहाड़ देख चुके हैं ? उन के सौंदर्य से हट कर कुछ अलग देखना...

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भगवान् विष्णु के मत्स्य अवतार By Dr Sakshi Rote

भगवान् विष्णु के मत्स्य अवतारमत्स्य अवतार भगवान विष्णु के प्रथम अवतार है। मछली के रूप में अवतार लेकर भगवान विष्णु ने एक ऋषि को सब प्रकार के जीव-जन्तु एकत्रित करने के लिये कहा और पृ...

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सामाजिक और धार्मिक कार्यों में आगे कैसे बढ़ें? By Sudhir Srivastava

आलेख-सामाजिक और धार्मिक कार्यों में आगे कैसे बढ़ें?********************* मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है।जिसका अपना सामाजिक और मानवीय धर्म भी है, जिसका निर्वहन उसे करना ही होता है। चूं...

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बंटवारे की त्रासदी By Vikas rajput

प्रस्तुत कहानी 1947 के विभाजन एम उसके बाद की त्रासदी का वर्णन करती है। मेरा एक सिख मित्र जो अपनी मां को माजी कहता है और मेरे साथ मुंबई में काम करता है। विभाजन से पहले माजी रावलपिंड...

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सनातन धर्म के पुनरुत्थान और आस्था का जन सैलाब  By Sudhir Srivastava

अंततः पांच सौ सालों की लंबी प्रतीक्षा, कई पीढ़ियों के साथ वर्तमान पीढ़ी का भी सपना 22 जनवरी को तब साकार हो गया,जब अयोध्याधाम में भव्य राम मंदिर में हम सबके प्रभु श्रीराम जी के विग्...

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बाबा की चमत्कार और सुनहेड़ा मछली By Wow Mission successful

एक छोटे से गांव में, मनन नाम का एक किसान रहता था। वो अपने बीवी और बाल बच्चों का पालन पोषण करने में सक्षम नहीं था। वो पुरा दिन खेतों में काम करता था। परंतु वो इतना पैसा नहीं कमा पता...

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श्री लक्ष्मी By Rajiya

इसी दिन समुद्र मंथन के समय क्षीर सागर से लक्ष्मी जी प्रकट हुई थीं और भगवान विष्णु को अपना पति स्वीकार किया था। कथा इस प्रकार है- एक बार भगवान शंकर के अंशभूत महर्षि दुर्वासा पृथ्वी...

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अखा भगत By Renu

अखा भगत गुजराती भाषा के प्राचीन कवियों में महत्त्वपूर्ण स्थान है। वे अपने समय के सर्वोत्तम प्रतिभा संपन्न कवि थे। उनका समय 1592 से 1673 ई. तक माना जाता है। वृत्ति की दृष्टि से वे स...

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श्रीधर स्वामी By Renu

श्रीधर स्वामी के विषय में प्रामाणिक सामग्री तो उपलब्ध नहीं है, जो किंवदन्तियां हैं, उन्‍हीं के आधार पर कुछ जानकारी है। महापुरुषों के जीवन के सत्‍य को ऐसी किंवदन्तियां ही बहुत कुछ प...

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भाव का भूखा By DINESH KUMAR KEER

भाव का भूखा एक अमीर आदमी बहुत ही संकट में था । उसे लाखों - करोड़ों का नुकसान जो हुआ था, और सारी जीवन की कमाई डूबने के करीब थी ! जीवन की नाव डगमगा रही थी । वह कभी मंदिर नहीं गया था,...

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चोखा मेला By Renu

चोखा मेला महार जाति के थे। मंगलवेढ़ा नामक स्‍थान में रहते थे। बस्‍ती से मरे हुए जानवर उठा ले जाना ही इनका धंधा था। बचपन से ही ये बड़े सरल और धर्मभीरु थे। श्रीविट्ठल जी के दर्शनों क...

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नानी बाई रो मायरो By DINESH KUMAR KEER

नानी बाई रो मायरोनानी बाई ने (मायरा) भात भरने के लिए नरसी जी को बुलाया। नरसी जी के पास भात भरने के लिए कुछ नहीं था. वह निर्धन थे लेकिन भगवन की भक्ति का खजाना भरपूर था. वो कहते थे क...

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विसोबा सराफ By Renu

पण्‍ढरपुर से पचास कोस की दूरी पर औंढ़िया नागनाथ एक प्रसिद्ध शिवक्षेत्र है। यहीं पर यजुर्वेदी ब्राह्मण कुल में विसोबा का जन्‍म हुआ था। सराफी का काम करने के कारण ये 'सराफ' कह...

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नाम जप साधना - भाग 18 By Charu Mittal

भगवन्नाम महिमाहरिनामपरा ये च घोरे कलियुगे नराः ।त एव कृतकृत्याप्चश्न कलिर्बाधिते हि तान् ॥ “घोर कलियुग में जो मनुष्य हरिनाम परायण हैं वे ही कृतकृत्य हैं। कलियुग उन्हें बाधा नहीं पह...

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श्री नामदेव जी By Renu

जल-थल और अग्नि आदि में सर्वत्र अपने इष्ट का ही दर्शन करूंगा — यह प्रतिज्ञा श्री नामदेव जी की उसी प्रकार निभी, जैसे कि त्रेतायुग में नरसिंह भगवान् के दास श्री प्रह्लाद जी की निभी थी...

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प्रभु श्रीराम By DINESH KUMAR KEER

प्रभु श्रीराम सालों बाद आज अयोध्या नगरी में प्रभु श्रीराम आए हैं ।सूनी आँखों ने आज प्रभु श्रीराम के दर्शन पाए हैं ।बालक - वृद्ध, नर - नारी सभी जश्न मनाते हैं ।देवगण, ऋषिगण - मुनिगण...

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मेरे प्रभु श्री राम आए हैं ...... By Purnima Kaushik

22 जनवरी का अत्यंत खुशियों से भरा दिन था, जिसका इंतजार अनेक वर्षों से भारत का प्रत्येक नागरिक कर रहा था। इस शुभ अवसर का इंतजार न जाने कितने वर्षों से सभी राम भक्त कर रहे थे। हमारे...

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ईश्वर या धन? By Diyac

ईश्वर या धन? आप क्या चाहते हैं?एक बार एक नगर के राजा के यहाँ पुत्र पैदा हुआ। इस खुशी में राजा ने पूरे नगर में घोषणा करवा दी कि कल पूरी जनता के लिए राजदरबार खोल दिया जायेगा। जो व्यक...

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ईश्वर तू ही अन्नदाता है By Diyac

ईश्वर तू ही अन्नदाता हैकिसी राज्य में एक प्रतापी राज्य हुआ करता था। वो राजा रोज सुबह उठकर पूजा पाठ करता और गरीबों को दान देता। अपने इस उदार व्यवहार और दया की भावना की वजह से राजा प...

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एक बोरी गेहूँ By Diyac

एक बोरी गेहूँचंपक बाल कहानीप्रतापनगर एक बहुत ही संपन्न राज्य था। वहाँ के राजा बहुत ही प्रतापी थे और प्रजा का पूरा ख्याल रखते थे। राजा ने पूरे जीवन प्रजा की मन से सेवा की थी लेकिन अ...

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श्रीमद्भगवद्गीता मेरी समझ में - अध्याय 8 By Ashish Kumar Trivedi

अध्याय 8 अक्षर ब्रह्म योगअध्याय सात में ईश्वर के व्यापक रूप का वर्णन किया गया था। अब अर्जुन के मन में कई सारे प्रश्न उठ रहे थे। उसने श्रीकृष्ण के समक्ष अपने प्रश्न रख दिए। अर्जुन न...

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एक फकीर हुआ, अगस्तीन By SR Daily

एक फकीर हुआ, अगस्तीन।एक फकीर हुआ, अगस्तीन। कोई तीस वर्षों से परमात्मा की खोज में था।भूखा और प्यासा, रोता और चिल्लाता और प्रार्थना करता। एक क्षण का विश्राम न लेता। जीवन का कोई भरोसा...

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बजरंग बाण से अद्भुत लाभ By Captain Dharnidhar

गायत्री मंत्र को दुनिया का सबसे प्रभावी मंत्र माना जाता है लेकिन गायत्री मंत्र की तरह और भी प्रभावशाली मंत्र एवं पाठ है । जैसे - हनुमान चालीसा, बजरंग बाण। हनुमान जी एक ऐसे देवता है...

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चंद्रिका - 1 By Sonali Rawat

नीले पहाड़ों के पीछे एक राज्य था जो सुख और समृद्धि से भरा हुआ था जिसके लोग एक दूसरे की मदद करते थे और सभी के बीच बहुत बर्फ थी जिसके कारण सभी लोग राजा और उसके परिवार का बहुत सम्मान...

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विक्रम और बेताल - 6 - लड़की किसको मिलनी चाहिए? By Your Dreams

लड़की किसको मिलनी चाहिए? उज्जैन में महाबल नाम का एक राजा रहता था। उसके हरिदास नाम का एक दूत था जिसके महादेवी नाम की बड़ी सुन्दर कन्या थी। जब वह विवाह योग्य हुई तो हरिदास को बहुत चि...

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लोक कथा - 2 By Sonali Rawat

समझदार किसान और जादुई बीजएक समय की बात है, हरे-भरे खेतों के बीच बसे एक शांतिपूर्ण गाँव में, राम नाम का एक बुद्धिमान किसान रहता था। राम को उनकी कड़ी मेहनत के लिए जाना जाता था, लेकिन...

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शिवलिंग By Jay Dave

शिवलिंग पर चढाये जल को लाँघा नही जाता और शिवलिंग की परिक्रमा आधी की जाती है. शिवलिंग पर अर्पित नैवेद्य भी नहीं खाया जाता उसे गऊ वंश को खिला दिया जाता है क्योंकि उनमें ही इसकी शक्ति...

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कुछ अंजान जिंदगी की कहानियां - 3 By Your Dreams

द्रुपद का पुत्रेष्टि यज्ञ प्राचीन भारत में पुत्रेष्टि यज्ञ के द्वारा तेजस्वी पुत्र प्राप्त करने की प्रथा थी| जब किसी बहुत बड़े नृपति को संतान का अभाव दुख देता था, तो वह ऋषियों और...

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गायत्री मंत्र से बदलते हैं विचार By Captain Dharnidhar

गायत्री मंत्र को महामंत्र कहा जाता है ,क्योंकि गायत्री मंत्र अपने आप में ही महामंत्र है , गायत्री मंत्र को मंत्रो का मंत्र कहा जाता है ,गायत्री मंत्र के हर अक्षर में बीज मंत्र है अ...

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सब कुछ तुम्हारे हाथ में है! By Your Dreams

सब कुछ तुम्हारे हाथ में है!एक आदमी रेगिस्तान से गुजरते वक़्त बुदबुदा रहा था, “कितनी बेकार जगह है ये, बिलकुल भी हरियाली नहीं है…और हो भी कैसे सकती है यहाँ तो पानी का नामो-निशान भी नह...

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एक योगी की आत्मकथा - 40 By Ira

मेरा भारत लौटनाअत्यंत आनन्द के साथ मैं भारत की पवित्र हवा में फिर एक बार श्वास ले रहा था । हमारा जहाज “राजपूताना” २२ अगस्त १९३५ को मुंबई के विशाल बन्दरगाह में आकर खड़ा हो गया। जहाज...

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राम नाम की ओषधि काटत सभी क्लेश By prabha pareek

         राम नाम की औषघि काटे सभी कलेश गौस्वामी तुलसी दास जी कहते हैं कि मनुष्य का तन शरीर खेत है ओर मन ,वचन, कर्म किसान है। जैसे किसान बीज बोता है वैसे ही हम मन, वचन और कर्म से बी...

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पावागढ़ मंदिर - भाग 1 By Neelam Kulshreshtha

नीलम कुलश्रेष्ठ एपीसोड --1 [यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल [वर्ल्ड हेरिटेज साइट ]--- चाँपानेर ] क्या आप उत्तरप्रदेश व कश्मीर के पहाड़ देख चुके हैं ? उन के सौंदर्य से हट कर कुछ अलग देखना...

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भगवान् विष्णु के मत्स्य अवतार By Dr Sakshi Rote

भगवान् विष्णु के मत्स्य अवतारमत्स्य अवतार भगवान विष्णु के प्रथम अवतार है। मछली के रूप में अवतार लेकर भगवान विष्णु ने एक ऋषि को सब प्रकार के जीव-जन्तु एकत्रित करने के लिये कहा और पृ...

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सामाजिक और धार्मिक कार्यों में आगे कैसे बढ़ें? By Sudhir Srivastava

आलेख-सामाजिक और धार्मिक कार्यों में आगे कैसे बढ़ें?********************* मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है।जिसका अपना सामाजिक और मानवीय धर्म भी है, जिसका निर्वहन उसे करना ही होता है। चूं...

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बंटवारे की त्रासदी By Vikas rajput

प्रस्तुत कहानी 1947 के विभाजन एम उसके बाद की त्रासदी का वर्णन करती है। मेरा एक सिख मित्र जो अपनी मां को माजी कहता है और मेरे साथ मुंबई में काम करता है। विभाजन से पहले माजी रावलपिंड...

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सनातन धर्म के पुनरुत्थान और आस्था का जन सैलाब  By Sudhir Srivastava

अंततः पांच सौ सालों की लंबी प्रतीक्षा, कई पीढ़ियों के साथ वर्तमान पीढ़ी का भी सपना 22 जनवरी को तब साकार हो गया,जब अयोध्याधाम में भव्य राम मंदिर में हम सबके प्रभु श्रीराम जी के विग्...

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बाबा की चमत्कार और सुनहेड़ा मछली By Wow Mission successful

एक छोटे से गांव में, मनन नाम का एक किसान रहता था। वो अपने बीवी और बाल बच्चों का पालन पोषण करने में सक्षम नहीं था। वो पुरा दिन खेतों में काम करता था। परंतु वो इतना पैसा नहीं कमा पता...

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श्री लक्ष्मी By Rajiya

इसी दिन समुद्र मंथन के समय क्षीर सागर से लक्ष्मी जी प्रकट हुई थीं और भगवान विष्णु को अपना पति स्वीकार किया था। कथा इस प्रकार है- एक बार भगवान शंकर के अंशभूत महर्षि दुर्वासा पृथ्वी...

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अखा भगत By Renu

अखा भगत गुजराती भाषा के प्राचीन कवियों में महत्त्वपूर्ण स्थान है। वे अपने समय के सर्वोत्तम प्रतिभा संपन्न कवि थे। उनका समय 1592 से 1673 ई. तक माना जाता है। वृत्ति की दृष्टि से वे स...

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श्रीधर स्वामी By Renu

श्रीधर स्वामी के विषय में प्रामाणिक सामग्री तो उपलब्ध नहीं है, जो किंवदन्तियां हैं, उन्‍हीं के आधार पर कुछ जानकारी है। महापुरुषों के जीवन के सत्‍य को ऐसी किंवदन्तियां ही बहुत कुछ प...

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भाव का भूखा By DINESH KUMAR KEER

भाव का भूखा एक अमीर आदमी बहुत ही संकट में था । उसे लाखों - करोड़ों का नुकसान जो हुआ था, और सारी जीवन की कमाई डूबने के करीब थी ! जीवन की नाव डगमगा रही थी । वह कभी मंदिर नहीं गया था,...

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चोखा मेला By Renu

चोखा मेला महार जाति के थे। मंगलवेढ़ा नामक स्‍थान में रहते थे। बस्‍ती से मरे हुए जानवर उठा ले जाना ही इनका धंधा था। बचपन से ही ये बड़े सरल और धर्मभीरु थे। श्रीविट्ठल जी के दर्शनों क...

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नानी बाई रो मायरो By DINESH KUMAR KEER

नानी बाई रो मायरोनानी बाई ने (मायरा) भात भरने के लिए नरसी जी को बुलाया। नरसी जी के पास भात भरने के लिए कुछ नहीं था. वह निर्धन थे लेकिन भगवन की भक्ति का खजाना भरपूर था. वो कहते थे क...

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विसोबा सराफ By Renu

पण्‍ढरपुर से पचास कोस की दूरी पर औंढ़िया नागनाथ एक प्रसिद्ध शिवक्षेत्र है। यहीं पर यजुर्वेदी ब्राह्मण कुल में विसोबा का जन्‍म हुआ था। सराफी का काम करने के कारण ये 'सराफ' कह...

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नाम जप साधना - भाग 18 By Charu Mittal

भगवन्नाम महिमाहरिनामपरा ये च घोरे कलियुगे नराः ।त एव कृतकृत्याप्चश्न कलिर्बाधिते हि तान् ॥ “घोर कलियुग में जो मनुष्य हरिनाम परायण हैं वे ही कृतकृत्य हैं। कलियुग उन्हें बाधा नहीं पह...

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श्री नामदेव जी By Renu

जल-थल और अग्नि आदि में सर्वत्र अपने इष्ट का ही दर्शन करूंगा — यह प्रतिज्ञा श्री नामदेव जी की उसी प्रकार निभी, जैसे कि त्रेतायुग में नरसिंह भगवान् के दास श्री प्रह्लाद जी की निभी थी...

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प्रभु श्रीराम By DINESH KUMAR KEER

प्रभु श्रीराम सालों बाद आज अयोध्या नगरी में प्रभु श्रीराम आए हैं ।सूनी आँखों ने आज प्रभु श्रीराम के दर्शन पाए हैं ।बालक - वृद्ध, नर - नारी सभी जश्न मनाते हैं ।देवगण, ऋषिगण - मुनिगण...

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मेरे प्रभु श्री राम आए हैं ...... By Purnima Kaushik

22 जनवरी का अत्यंत खुशियों से भरा दिन था, जिसका इंतजार अनेक वर्षों से भारत का प्रत्येक नागरिक कर रहा था। इस शुभ अवसर का इंतजार न जाने कितने वर्षों से सभी राम भक्त कर रहे थे। हमारे...

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ईश्वर या धन? By Diyac

ईश्वर या धन? आप क्या चाहते हैं?एक बार एक नगर के राजा के यहाँ पुत्र पैदा हुआ। इस खुशी में राजा ने पूरे नगर में घोषणा करवा दी कि कल पूरी जनता के लिए राजदरबार खोल दिया जायेगा। जो व्यक...

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ईश्वर तू ही अन्नदाता है By Diyac

ईश्वर तू ही अन्नदाता हैकिसी राज्य में एक प्रतापी राज्य हुआ करता था। वो राजा रोज सुबह उठकर पूजा पाठ करता और गरीबों को दान देता। अपने इस उदार व्यवहार और दया की भावना की वजह से राजा प...

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एक बोरी गेहूँचंपक बाल कहानीप्रतापनगर एक बहुत ही संपन्न राज्य था। वहाँ के राजा बहुत ही प्रतापी थे और प्रजा का पूरा ख्याल रखते थे। राजा ने पूरे जीवन प्रजा की मन से सेवा की थी लेकिन अ...

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श्रीमद्भगवद्गीता मेरी समझ में - अध्याय 8 By Ashish Kumar Trivedi

अध्याय 8 अक्षर ब्रह्म योगअध्याय सात में ईश्वर के व्यापक रूप का वर्णन किया गया था। अब अर्जुन के मन में कई सारे प्रश्न उठ रहे थे। उसने श्रीकृष्ण के समक्ष अपने प्रश्न रख दिए। अर्जुन न...

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बजरंग बाण से अद्भुत लाभ By Captain Dharnidhar

गायत्री मंत्र को दुनिया का सबसे प्रभावी मंत्र माना जाता है लेकिन गायत्री मंत्र की तरह और भी प्रभावशाली मंत्र एवं पाठ है । जैसे - हनुमान चालीसा, बजरंग बाण। हनुमान जी एक ऐसे देवता है...

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चंद्रिका - 1 By Sonali Rawat

नीले पहाड़ों के पीछे एक राज्य था जो सुख और समृद्धि से भरा हुआ था जिसके लोग एक दूसरे की मदद करते थे और सभी के बीच बहुत बर्फ थी जिसके कारण सभी लोग राजा और उसके परिवार का बहुत सम्मान...

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विक्रम और बेताल - 6 - लड़की किसको मिलनी चाहिए? By Your Dreams

लड़की किसको मिलनी चाहिए? उज्जैन में महाबल नाम का एक राजा रहता था। उसके हरिदास नाम का एक दूत था जिसके महादेवी नाम की बड़ी सुन्दर कन्या थी। जब वह विवाह योग्य हुई तो हरिदास को बहुत चि...

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लोक कथा - 2 By Sonali Rawat

समझदार किसान और जादुई बीजएक समय की बात है, हरे-भरे खेतों के बीच बसे एक शांतिपूर्ण गाँव में, राम नाम का एक बुद्धिमान किसान रहता था। राम को उनकी कड़ी मेहनत के लिए जाना जाता था, लेकिन...

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शिवलिंग By Jay Dave

शिवलिंग पर चढाये जल को लाँघा नही जाता और शिवलिंग की परिक्रमा आधी की जाती है. शिवलिंग पर अर्पित नैवेद्य भी नहीं खाया जाता उसे गऊ वंश को खिला दिया जाता है क्योंकि उनमें ही इसकी शक्ति...

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कुछ अंजान जिंदगी की कहानियां - 3 By Your Dreams

द्रुपद का पुत्रेष्टि यज्ञ प्राचीन भारत में पुत्रेष्टि यज्ञ के द्वारा तेजस्वी पुत्र प्राप्त करने की प्रथा थी| जब किसी बहुत बड़े नृपति को संतान का अभाव दुख देता था, तो वह ऋषियों और...

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गायत्री मंत्र से बदलते हैं विचार By Captain Dharnidhar

गायत्री मंत्र को महामंत्र कहा जाता है ,क्योंकि गायत्री मंत्र अपने आप में ही महामंत्र है , गायत्री मंत्र को मंत्रो का मंत्र कहा जाता है ,गायत्री मंत्र के हर अक्षर में बीज मंत्र है अ...

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सब कुछ तुम्हारे हाथ में है! By Your Dreams

सब कुछ तुम्हारे हाथ में है!एक आदमी रेगिस्तान से गुजरते वक़्त बुदबुदा रहा था, “कितनी बेकार जगह है ये, बिलकुल भी हरियाली नहीं है…और हो भी कैसे सकती है यहाँ तो पानी का नामो-निशान भी नह...

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एक योगी की आत्मकथा - 40 By Ira

मेरा भारत लौटनाअत्यंत आनन्द के साथ मैं भारत की पवित्र हवा में फिर एक बार श्वास ले रहा था । हमारा जहाज “राजपूताना” २२ अगस्त १९३५ को मुंबई के विशाल बन्दरगाह में आकर खड़ा हो गया। जहाज...

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         राम नाम की औषघि काटे सभी कलेश गौस्वामी तुलसी दास जी कहते हैं कि मनुष्य का तन शरीर खेत है ओर मन ,वचन, कर्म किसान है। जैसे किसान बीज बोता है वैसे ही हम मन, वचन और कर्म से बी...

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