hindi Best Short Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Short Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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  • आदर्श शिक्षक

    आदर्श शिक्षक --- अक्सर कक्षाओं में अपने विद्यार्थियों को राष्ट्र भक्ति ईमानदारी...

  • लिव-इन - रिलेशनशिप

    फ्रेंडशिप कॉन्ट्रेक्ट व विवाह में क्या अन्तर है नीलम कुलश्रेष्ठ 13 अप्रैल 2015 क...

  • जुड़वा देश

    जुड़वां देश, एक गर्भ से एक वक्त में पैदाभारत-पाकिस्तान। एक ही आर्मी, एक कॉलेज से...

चले ससुराल पँहुचे हवालात By नंदलाल मणि त्रिपाठी

चले ससुराल पहुंच गए हवालात---------- यदि आपको किसी भी विषय कि विशेषज्ञता है तो तब तक अपनी जानकारियां सलाह सुझाव तब तक ना दे जब तक कोई भी आपसे जानने का उत्सुक ना हो या ना मांगे।साथ...

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पति का करवा चौथ By Sudhir Srivastava

पिछले कुछ वर्षों से लीना का मानसिक संतुलन खराब चल रहा था। जिसकी वजह से उसका परिवार अस्त व्यस्त हो गया, उसका पति लाखन उसके इलाज के चक्कर में चक्करघिन्नी बन गया था, उसका व्यवसाय चौपट...

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गाय हमारी माता है By ABHAY SINGH

गाय हमारी माता है,गफूर उसको खाता हैगाय खावक आदमी मुख्यमंत्री कैसे रहेगा। हटाओ ससुर.. जेपी की जिंदा कौम, कैसे भी, अब्दुल गफूर से सिंहासन खाली करवाकर, खुद बैठने को आतुर थी।ये 1975 था...

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कान्हा की कहानी By DINESH KUMAR KEER

कान्हा लुट गये.एक बार एक पंडित जी थे, वो रोज घर घर जा के भगवत गीता का पाठ करते तथा कान्हा की कथा सुनाते थे | .एक दिन उन्हे एक चोर ने पकड़ लिया और उसे कहा तेरे पास जो कुछ भी है मुझे...

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सत्याग्रह और उग्रता By नंदलाल मणि त्रिपाठी

सत्याग्रह और उग्रता---- भारत ने ब्रिटिश औपनिवेश से मुक्ति के लिए पूरे नब्बे वर्षो तक संघर्ष किया इस दौर में नए नए विचार धाराएं एव आंदोलन के बिभिन्न सिद्धांतो ने अवधारणा कि वास्तविक...

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इंस्टालमेंट - 2 By Bharat(ભારત) Molker

इन्सान की ख्वाइशे कभी कम नहीं होती l ग़ालिब फरमा गए है ना, "बहुत निकले मेरे अरमां फिर भी कम निकले", वगेरा वगेरा...l तभी तो इन्सान हर किसम का जोर लगाकर सपने या जरुरत पूरी करने का तरी...

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महारानी ईश्वरी देवी By DINESH KUMAR KEER

महारानी ईश्वरी देवीगुम हो रही तुलसीपुर की महारानी ऐश्वर्य राज राजेश्वरी देवी ( महारानी ईश्वरी देवी ) यानि तुलसीपुर की रानी लक्ष्मीबाई की शौर्यगाथा -1857 के स्वाधीनता संग्राम की जब...

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एक था बर्ड By ABHAY SINGH

एक था बर्ड। बर्ड बड़ा था, तो बड़ा वाला बर्डवादी भी था.. आत्मानुभूति से शिक्षाएं लेता था, और देता भी था। उड़ता था नील गगन में , ऊंचे ऊंचे आसमान में। बाहें फैलाये, खुला आकाश.. मंद मं...

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ये तुम्हारी मेरी बातें - 3 By Preeti

"सौ मर्तबा कहा होगा तुमसे कि कपड़े फैलाते वक्त कपड़ों की क्लिप का भी इस्तेमाल किया करो, लेकिन छत पर नज़रें और ध्यान कपड़ों पर कहां रह जाता है, है ना वकील बाबू!" "सुनो, तुम ना गाली...

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मंजिल अपनी अपनी - 2 By Awantika Palewale

घसीटा बोला था और गौर करता हुआ बोला वाकई में लाजवाब है ।नीला लाल फूलों तो जैसे कपड़ों पर रखे हुए लगते हैं और इन चारों कोनों पर सूरज लिखा है बिना चंदा के सूरज अधूरा है। चंदा बोली अब...

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आदर्श शिक्षक By नंदलाल मणि त्रिपाठी

आदर्श शिक्षक --- अक्सर कक्षाओं में अपने विद्यार्थियों को राष्ट्र भक्ति ईमानदारी और सदाचार कि शिक्षा शिक्षक गुरु द्वारा दिया जाता है ।लेकिन स्वंय भी इन शिक्षाओ को अपने आचरण में जो श...

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माँ - बाप की लाडली By DINESH KUMAR KEER

ये स्टोरी उनके लिए हैं जो अपनी बीवी को गालियां देते हैं मारते हैं ... फ्रीज में पानी रखा बत्ती चली गई पानी ठंडा ना हुआ तो गाली बीवी को दे रहे है जरा ठंडे दिमाग से सोचो मैं एक बात क...

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सूझ बूझ By नंदलाल मणि त्रिपाठी

सूझ बूझ----- देवरिया जनपद के आस पास भटनी भाटपार आदि क्षेत्रो से बड़ी संख्या में पढ़ने वाले छात्र देवरिया आते है ।अब तो शायद ही कोई छात्र बिना टिकट या मासिक सीजनल टिकट के चलता हो लेकि...

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बजटोत्सव By ABHAY SINGH

सदन मे बजटोत्सव है। जनता फाग गा रही है, थालियां, गालियां, बेल आइकन, मंजीरे बज रहे हैं। सुर, यक्ष, देवता , दानव, भांड... सब सेंट्रल विस्टा के आकाश पर उत्सुकतापूर्वक विद्यमान हैं। सद...

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राधारानी ( तुलसी सेवा ) By DINESH KUMAR KEER

राधारानी की तुलसी सेवा एक बार राधाजी सखी से बोलीं–‘सखी ! तुम श्री कृष्ण की प्रसन्नता के लिए किसी देवता की ऐसी पूजा बताओ जो परम सौभाग्यवर्द्धक हो ?’ तब समस्त सखियों में श्रेष्ठ चन्द...

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सो ही वाज ए टेरेरिस्ट By ABHAY SINGH

5 अगस्त 1994, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन। सुबह 4 बजे एक बन्दा, कहीं नही जाने के लिए प्लेटफॉर्म में बैठा था। बम्बई ब्लास्ट का मास्टरमाइंड, साल भर पहले पाकिस्तान भाग गया, पर आज कराची से...

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क्रोध By नंदलाल मणि त्रिपाठी

क्रोध-- क्रोध जानवर का हो या इंसान का सदा हानिकारक ही होता है।जानवर कोई भी हो अगर विदक जाए तो घातक हो जाता है चाहे बड़ा जानवर हो या छोटा जानवर मनुष्य को उसकी वेदना संवेदना समझना चाह...

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इस बार गांधी को मरने नहीं देंगे By ABHAY SINGH

गांधी को फिर मरने नही देंगे।गांधी भगवान नहीं, अवतार नही, नबी नही, जीसस भी नही है। वो एक मामूली इंसान था। कुछ सोचता था, बोलता था.. लोग सुनते थे, मान जाते थे, या नही भी मानते थे।फिर...

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सुनेहरा आम का पेड़ By Wow Mission successful

एक जंगल के पास लालू और कालू दो भाई रहा करते थे। इन दोनों में से जो बड़ा भाई लालू था , वो बहुत ही ख़राब बर्ताव करता था छोटे भाई के साथ । जैसे की वो प्रतिदिन छोटे भाई का सब खाना खा ल...

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मन से पवित्र By DINESH KUMAR KEER

मन से पवित्रएक बार देवर्षि नारद ज्ञान का प्रचार करते हुए किसी सघन वन में जा पहुँचे।वहाँ उन्होंने एक बहुत बड़ी घनी छाया वाला सेमल का वृक्ष देखा। उसकी छाया में विश्राम करने का विचार क...

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एक पहेली By ABHAY SINGH

अग्ली मैन, विद अग्ली फेस, अग्ली माइंड एंड अग्ली हार्ट... ये दुष्ट नेहरू ने कहा था। तब आजादी की बेला थी। नेहरू को नया पड़ोसी मिला था। एक प्रोपर्टी उनके और सरदार पटेल के सरकारी मकान...

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कठोर निर्णय By DINESH KUMAR KEER

एक प्रोफेसर अपनी क्लास में कहानी सुना रहे थे, जोकि इस प्रकार है –एक बार समुद्र के बीच में एक बड़े जहाज पर बड़ी दुर्घटना हो गयी. कप्तान ने शिप खाली करने का आदेश दिया.जहाज पर एक युवा द...

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लिव-इन - रिलेशनशिप By Neelam Kulshreshtha

फ्रेंडशिप कॉन्ट्रेक्ट व विवाह में क्या अन्तर है नीलम कुलश्रेष्ठ 13 अप्रैल 2015 को जस्टिस एम. वाय. इक़बाल और जस्टिस अमिताभ रॉय की बेंच ने 'लिव इन रिलेशनशिप' में रहने वाले परि...

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जुड़वा देश By ABHAY SINGH

जुड़वां देश, एक गर्भ से एक वक्त में पैदाभारत-पाकिस्तान। एक ही आर्मी, एक कॉलेज से प्रशिक्षित अफसर। परर पाकिस्तान में 3 मिलट्री तख्तापलट, भारत मे लोकतन्त्र फला।कभी सोचा क्यों?? आज सम...

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सकारात्मकता By DINESH KUMAR KEER

एक छोटे से खेत में एक जवान लड़का और उसके दादा मिट्टी खोद रहे थे। वे मिट्टी को पलट रहे थे, उसकी गांठों को तोड़ रहे थे ताकि मिट्टी उस वर्ष की बुवाई के लिए अच्छे से तैयार हो सके। उस क...

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प्राइमिनिस्टर गांधी By ABHAY SINGH

प्राइमिनिस्टर गांधी !!!!1924 बेलगाम अधिवेशन में गांधी कांग्रेस अध्यक्ष बने। अफ्रीका से आये उन्हें 10 साल हो गए थे। अब तक उनकी वो छवि बन चुकी थी, जो कांग्रेस के ढांचे से ऊपर थी।●●उन...

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अध्यापिका (एक प्यारा सा किस्सा) By DINESH KUMAR KEER

लड़कियों के एक विद्यालय में आई नई अध्यापिका बहुत खूबसूरत थी, बस उम्र थोड़ी अधिक हो रही थी लेकिन उसने अभी तक शादी नहीं की थी...सभी छात्राएं उसे देखकर तरह तरह के अनुमान लगाया करती थी...

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क्रोध By DINESH KUMAR KEER

एक राजा घने जंगल में भटक गया, राजा गर्मी और प्यास से व्याकुल हो गया।इधर उधर हर जगह तलाश करने पर भी उसे कहीं पानी नही मिला।प्यास से गला सूखा जा रहा था।तभी उसकी नजर एक वृक्ष पर पड़ी...

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हीरू ओनेडा जापानी समुराई By ABHAY SINGH

ये हीरू ओनेडा हैं। जापान की इम्पीरियल आर्मी का सिपाही, जिसने जिंदगी के "30 साल" दूसरा विश्वयुद्ध लड़ते हुए गुजार दिए।●●दूसरे विश्वयुद्ध के पूर्व जापान में राजशाही, वस्तुतः एक फासिस...

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मेरा पुनर्जन्म हुआ लेकिन बन गया कौआ!!! By [7P] RAVINDRA

मेरा पुनर्जन्म हुआ लेकिन बन गया कौआ!!! हम्म््् काश मैंने अपनो की बात मानी होती काश मैंने इस बारे में ठीक से सोचा होता.... मैं एक घोंसले में बैठे बैठे सोच रहा था रुको रुको रुको मैं...

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स्वतंत्रता सेनानी - गोपाल कुम्हार By DINESH KUMAR KEER

स्वतंत्रता सेनानी - गोपाल कुम्हारस्वतंत्रता सेनानी श्री बोध कुम्हार" जी का झारखंड में स्मारक /शिलालेखगोपाल कुम्हार जी - भारत को गुलामी की बेड़ियों से मुक्त कराने के लिए अंग्रेजों स...

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डॉ भीमराव अंबेडकर By ABHAY SINGH

जब अंबेडकर बन गए पाकिस्तान की सम्विधान सभा के सदस्य - किस्मत इंसान को क्या क्या रंग दिखाती है। राजनीति और भी रंग दिखाती है। अंबेडकर राजनीति और किस्मत दोनो के बनाये अजीब हालात से गु...

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एक प्यारी सी बच्ची By DINESH KUMAR KEER

एक प्यारी सी बच्चीचालीस - बयालीस साल की घरेलू स्त्री थी सीमा जी का भरापूरा परिवार था । धन - धान्य की कोई कमी नहीं थी । सुधा भी ख़ुश ही थी अपने घर - संसार में , लेकिन कभी - कभी अचान...

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4 अप्रैल 1979 By ABHAY SINGH

4 अप्रेल 1979 की रात दो बजे.. पूर्व प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो फांसी के तख्ते पर खड़े थे। जेलर, घड़ी की सुइयों पर नजर टिकाए था। 2 बजकर 4 मिनट हुए, पांचवा मिनट शुरू हो चुका थ...

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हार या जीत By Suresh Chaudhary

कोर्ट का आदेश आने के साथ ही माधुरी के चेहरे पर विजयी मुस्कान लहराने लगी, मानव की ओर घृणा भरी नजरों से देखा, गर्दन सीधी हो गई, दोनों कंधे अकड़ के कारण सीधे तन गए। लेकिन मानव हारे हु...

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बुढ़ापे का सहारा By DINESH KUMAR KEER

बुढ़ापे का सहारासीमा... आखिर बात क्या है कल से देख रहा हूं तुम बार - बार छत पर जाती हो ... कई बार छत से चढ़ते - उतरते हुए देखकर आखिरकार दिनेश जी ने अपनी पत्नी जानकी से पूछा ही लिया...

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आसिफ़ अली By ABHAY SINGH

पहली फोटो उस बन्दे की है, जिसने भगतसिंह का केस लड़ा। इनका परिचय दूं.. इसके पहले एक मजेदार घटना बताता हूँ। 2020 में मैनें भक्तों की भीड़ पर रैंडम पत्थर फेंका। चार लोग चोटिल हुए। पूछ...

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पिता का सम्मान By DINESH KUMAR KEER

" पितृ सम्मान "रात के दस बज रहे हैं और तुम अभी तक घर नहीं लौटे ... ? कल से तुम्हारा बाहर जाना बंद ... ! !यह कमरे में धुंंआ किस चीज का है ... ?सिगरेट का पैकेट ... ! !लगता है अब तुम्...

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बाप, खुद बाप बनने के बाद समझ आता है। By ABHAY SINGH

बाप, खुद बाप बनने के बाद समझ आता है। कहीं पढ़ा था,कि पिता-पुत्र के सम्बंध वक्त के साथ बदलते हैं। कम उम्र का बच्चा पिता को आइडोलाइज करता है, उसके जैसा बनना चाहता है। लेकिन निजी वैयक...

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चोपड़ चकल्लस By Yashwant Kothari

यशवन्त कोठारी  जयपुर की कई विशेषताएं हैं, जैसे दर्टीनेस दाऊ नेम इज जयपुर। कई बार जब जयपुर को देखता हूंख् तो यह समझ में नहीं आता कि जयपुर में गंदगी है या गंदगी में कहीं जयपुर छ...

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अनमोल धरोहर By DINESH KUMAR KEER

अनमोल धरोहरडैडी... आज आपके रखें नये ड्राइवर ने मेरे साथ बदतमीजी की ... देर शाम लौटी जांहवी ने अपने पापा को बाहर हाल में बैठे हुए देखकर शिकायती लिहाजे में कहा...क्या ... उसकी ये हिम...

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द ऐक्सप्लोडिंग मैंगोज़ By ABHAY SINGH

नेताओ को आम खाने का शौक होता है।काटकर, चूसकर, छीलकर..आम, और अवाम को खाने वाले नेताओं ने हमारे बीच काफी गहरी लकीरें बनाई।जो ऐसी खाई में तब्दील हुई कि आम आदमी, उसमें धंसकर रह गया। जि...

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रामदुलारी की तेरहवीं By Sonali Rawat

आकाश में काले बादल घुमड़ रहे थे ।किसी भी क्षण वर्षा हो सकती थी ।वर्षा की संभावना से मनुष्योंका समूह- “राम नाम सत्य है “ की गुहार लगाता जल्दी-जल्दी कदम बढ़ाता शमशान की ओर जा रहा था।...

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सावित्री और सत्यवान की कहानी By DINESH KUMAR KEER

सावित्री को अपने पिता की चेतावनी बार बार स्मरण हो उठती, उसने गिनती लगाई, आज मास का अंतिम दिवस है। तपस्या और प्रेम की परीक्षा का आखिरी पड़ाव आ पहुँचा था। अंधे सास ससुर को खाना खिलाकर...

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सिमटते क्षेत्रीय दल, सिमटता लोकतन्त्र By ABHAY SINGH

सिमटते क्षेत्रीय दल, सिमटता लोकतन्त्र..90 का दशक,कांग्रेस के बिखराव का दौर रहा है। आखरी कांग्रेस सरकार 1985 में बनी। फिर गठबन्धन सरकारों का युग आया। ●●नरसिंहराव सरकार, अनेक छोटे दल...

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रास बिहारी बोस By DINESH KUMAR KEER

रास बिहारी बोस की पुण्य तिथि पर कोटि कोटि नमन...Rash Bihari Bose: रास बिहारी ने Subhash Chandra Bose को बनाकर दी आजाद हिंद फौज | Jharokha 30 Augमहान स्वतंत्रता सेनानी रास बिहारी बो...

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समय के साथ बदलाव By ABHAY SINGH

समय के साथ चलिए वरना....1998 में Kodak में 1,70,000 कर्मचारी काम करते थे और वो दुनिया का 85% फ़ोटो पेपर बेचते थे..चंद सालों में ही Digital photography ने उनको बाज़ार से बाहर कर दिय...

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चले ससुराल पँहुचे हवालात By नंदलाल मणि त्रिपाठी

चले ससुराल पहुंच गए हवालात---------- यदि आपको किसी भी विषय कि विशेषज्ञता है तो तब तक अपनी जानकारियां सलाह सुझाव तब तक ना दे जब तक कोई भी आपसे जानने का उत्सुक ना हो या ना मांगे।साथ...

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पति का करवा चौथ By Sudhir Srivastava

पिछले कुछ वर्षों से लीना का मानसिक संतुलन खराब चल रहा था। जिसकी वजह से उसका परिवार अस्त व्यस्त हो गया, उसका पति लाखन उसके इलाज के चक्कर में चक्करघिन्नी बन गया था, उसका व्यवसाय चौपट...

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गाय हमारी माता है By ABHAY SINGH

गाय हमारी माता है,गफूर उसको खाता हैगाय खावक आदमी मुख्यमंत्री कैसे रहेगा। हटाओ ससुर.. जेपी की जिंदा कौम, कैसे भी, अब्दुल गफूर से सिंहासन खाली करवाकर, खुद बैठने को आतुर थी।ये 1975 था...

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कान्हा की कहानी By DINESH KUMAR KEER

कान्हा लुट गये.एक बार एक पंडित जी थे, वो रोज घर घर जा के भगवत गीता का पाठ करते तथा कान्हा की कथा सुनाते थे | .एक दिन उन्हे एक चोर ने पकड़ लिया और उसे कहा तेरे पास जो कुछ भी है मुझे...

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सत्याग्रह और उग्रता By नंदलाल मणि त्रिपाठी

सत्याग्रह और उग्रता---- भारत ने ब्रिटिश औपनिवेश से मुक्ति के लिए पूरे नब्बे वर्षो तक संघर्ष किया इस दौर में नए नए विचार धाराएं एव आंदोलन के बिभिन्न सिद्धांतो ने अवधारणा कि वास्तविक...

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इंस्टालमेंट - 2 By Bharat(ભારત) Molker

इन्सान की ख्वाइशे कभी कम नहीं होती l ग़ालिब फरमा गए है ना, "बहुत निकले मेरे अरमां फिर भी कम निकले", वगेरा वगेरा...l तभी तो इन्सान हर किसम का जोर लगाकर सपने या जरुरत पूरी करने का तरी...

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महारानी ईश्वरी देवी By DINESH KUMAR KEER

महारानी ईश्वरी देवीगुम हो रही तुलसीपुर की महारानी ऐश्वर्य राज राजेश्वरी देवी ( महारानी ईश्वरी देवी ) यानि तुलसीपुर की रानी लक्ष्मीबाई की शौर्यगाथा -1857 के स्वाधीनता संग्राम की जब...

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एक था बर्ड By ABHAY SINGH

एक था बर्ड। बर्ड बड़ा था, तो बड़ा वाला बर्डवादी भी था.. आत्मानुभूति से शिक्षाएं लेता था, और देता भी था। उड़ता था नील गगन में , ऊंचे ऊंचे आसमान में। बाहें फैलाये, खुला आकाश.. मंद मं...

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ये तुम्हारी मेरी बातें - 3 By Preeti

"सौ मर्तबा कहा होगा तुमसे कि कपड़े फैलाते वक्त कपड़ों की क्लिप का भी इस्तेमाल किया करो, लेकिन छत पर नज़रें और ध्यान कपड़ों पर कहां रह जाता है, है ना वकील बाबू!" "सुनो, तुम ना गाली...

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मंजिल अपनी अपनी - 2 By Awantika Palewale

घसीटा बोला था और गौर करता हुआ बोला वाकई में लाजवाब है ।नीला लाल फूलों तो जैसे कपड़ों पर रखे हुए लगते हैं और इन चारों कोनों पर सूरज लिखा है बिना चंदा के सूरज अधूरा है। चंदा बोली अब...

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आदर्श शिक्षक By नंदलाल मणि त्रिपाठी

आदर्श शिक्षक --- अक्सर कक्षाओं में अपने विद्यार्थियों को राष्ट्र भक्ति ईमानदारी और सदाचार कि शिक्षा शिक्षक गुरु द्वारा दिया जाता है ।लेकिन स्वंय भी इन शिक्षाओ को अपने आचरण में जो श...

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माँ - बाप की लाडली By DINESH KUMAR KEER

ये स्टोरी उनके लिए हैं जो अपनी बीवी को गालियां देते हैं मारते हैं ... फ्रीज में पानी रखा बत्ती चली गई पानी ठंडा ना हुआ तो गाली बीवी को दे रहे है जरा ठंडे दिमाग से सोचो मैं एक बात क...

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सूझ बूझ By नंदलाल मणि त्रिपाठी

सूझ बूझ----- देवरिया जनपद के आस पास भटनी भाटपार आदि क्षेत्रो से बड़ी संख्या में पढ़ने वाले छात्र देवरिया आते है ।अब तो शायद ही कोई छात्र बिना टिकट या मासिक सीजनल टिकट के चलता हो लेकि...

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बजटोत्सव By ABHAY SINGH

सदन मे बजटोत्सव है। जनता फाग गा रही है, थालियां, गालियां, बेल आइकन, मंजीरे बज रहे हैं। सुर, यक्ष, देवता , दानव, भांड... सब सेंट्रल विस्टा के आकाश पर उत्सुकतापूर्वक विद्यमान हैं। सद...

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राधारानी ( तुलसी सेवा ) By DINESH KUMAR KEER

राधारानी की तुलसी सेवा एक बार राधाजी सखी से बोलीं–‘सखी ! तुम श्री कृष्ण की प्रसन्नता के लिए किसी देवता की ऐसी पूजा बताओ जो परम सौभाग्यवर्द्धक हो ?’ तब समस्त सखियों में श्रेष्ठ चन्द...

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सो ही वाज ए टेरेरिस्ट By ABHAY SINGH

5 अगस्त 1994, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन। सुबह 4 बजे एक बन्दा, कहीं नही जाने के लिए प्लेटफॉर्म में बैठा था। बम्बई ब्लास्ट का मास्टरमाइंड, साल भर पहले पाकिस्तान भाग गया, पर आज कराची से...

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क्रोध By नंदलाल मणि त्रिपाठी

क्रोध-- क्रोध जानवर का हो या इंसान का सदा हानिकारक ही होता है।जानवर कोई भी हो अगर विदक जाए तो घातक हो जाता है चाहे बड़ा जानवर हो या छोटा जानवर मनुष्य को उसकी वेदना संवेदना समझना चाह...

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इस बार गांधी को मरने नहीं देंगे By ABHAY SINGH

गांधी को फिर मरने नही देंगे।गांधी भगवान नहीं, अवतार नही, नबी नही, जीसस भी नही है। वो एक मामूली इंसान था। कुछ सोचता था, बोलता था.. लोग सुनते थे, मान जाते थे, या नही भी मानते थे।फिर...

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सुनेहरा आम का पेड़ By Wow Mission successful

एक जंगल के पास लालू और कालू दो भाई रहा करते थे। इन दोनों में से जो बड़ा भाई लालू था , वो बहुत ही ख़राब बर्ताव करता था छोटे भाई के साथ । जैसे की वो प्रतिदिन छोटे भाई का सब खाना खा ल...

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मन से पवित्र By DINESH KUMAR KEER

मन से पवित्रएक बार देवर्षि नारद ज्ञान का प्रचार करते हुए किसी सघन वन में जा पहुँचे।वहाँ उन्होंने एक बहुत बड़ी घनी छाया वाला सेमल का वृक्ष देखा। उसकी छाया में विश्राम करने का विचार क...

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एक पहेली By ABHAY SINGH

अग्ली मैन, विद अग्ली फेस, अग्ली माइंड एंड अग्ली हार्ट... ये दुष्ट नेहरू ने कहा था। तब आजादी की बेला थी। नेहरू को नया पड़ोसी मिला था। एक प्रोपर्टी उनके और सरदार पटेल के सरकारी मकान...

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कठोर निर्णय By DINESH KUMAR KEER

एक प्रोफेसर अपनी क्लास में कहानी सुना रहे थे, जोकि इस प्रकार है –एक बार समुद्र के बीच में एक बड़े जहाज पर बड़ी दुर्घटना हो गयी. कप्तान ने शिप खाली करने का आदेश दिया.जहाज पर एक युवा द...

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लिव-इन - रिलेशनशिप By Neelam Kulshreshtha

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जुड़वा देश By ABHAY SINGH

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सकारात्मकता By DINESH KUMAR KEER

एक छोटे से खेत में एक जवान लड़का और उसके दादा मिट्टी खोद रहे थे। वे मिट्टी को पलट रहे थे, उसकी गांठों को तोड़ रहे थे ताकि मिट्टी उस वर्ष की बुवाई के लिए अच्छे से तैयार हो सके। उस क...

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प्राइमिनिस्टर गांधी By ABHAY SINGH

प्राइमिनिस्टर गांधी !!!!1924 बेलगाम अधिवेशन में गांधी कांग्रेस अध्यक्ष बने। अफ्रीका से आये उन्हें 10 साल हो गए थे। अब तक उनकी वो छवि बन चुकी थी, जो कांग्रेस के ढांचे से ऊपर थी।●●उन...

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अध्यापिका (एक प्यारा सा किस्सा) By DINESH KUMAR KEER

लड़कियों के एक विद्यालय में आई नई अध्यापिका बहुत खूबसूरत थी, बस उम्र थोड़ी अधिक हो रही थी लेकिन उसने अभी तक शादी नहीं की थी...सभी छात्राएं उसे देखकर तरह तरह के अनुमान लगाया करती थी...

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क्रोध By DINESH KUMAR KEER

एक राजा घने जंगल में भटक गया, राजा गर्मी और प्यास से व्याकुल हो गया।इधर उधर हर जगह तलाश करने पर भी उसे कहीं पानी नही मिला।प्यास से गला सूखा जा रहा था।तभी उसकी नजर एक वृक्ष पर पड़ी...

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हीरू ओनेडा जापानी समुराई By ABHAY SINGH

ये हीरू ओनेडा हैं। जापान की इम्पीरियल आर्मी का सिपाही, जिसने जिंदगी के "30 साल" दूसरा विश्वयुद्ध लड़ते हुए गुजार दिए।●●दूसरे विश्वयुद्ध के पूर्व जापान में राजशाही, वस्तुतः एक फासिस...

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मेरा पुनर्जन्म हुआ लेकिन बन गया कौआ!!! By [7P] RAVINDRA

मेरा पुनर्जन्म हुआ लेकिन बन गया कौआ!!! हम्म््् काश मैंने अपनो की बात मानी होती काश मैंने इस बारे में ठीक से सोचा होता.... मैं एक घोंसले में बैठे बैठे सोच रहा था रुको रुको रुको मैं...

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स्वतंत्रता सेनानी - गोपाल कुम्हार By DINESH KUMAR KEER

स्वतंत्रता सेनानी - गोपाल कुम्हारस्वतंत्रता सेनानी श्री बोध कुम्हार" जी का झारखंड में स्मारक /शिलालेखगोपाल कुम्हार जी - भारत को गुलामी की बेड़ियों से मुक्त कराने के लिए अंग्रेजों स...

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डॉ भीमराव अंबेडकर By ABHAY SINGH

जब अंबेडकर बन गए पाकिस्तान की सम्विधान सभा के सदस्य - किस्मत इंसान को क्या क्या रंग दिखाती है। राजनीति और भी रंग दिखाती है। अंबेडकर राजनीति और किस्मत दोनो के बनाये अजीब हालात से गु...

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एक प्यारी सी बच्ची By DINESH KUMAR KEER

एक प्यारी सी बच्चीचालीस - बयालीस साल की घरेलू स्त्री थी सीमा जी का भरापूरा परिवार था । धन - धान्य की कोई कमी नहीं थी । सुधा भी ख़ुश ही थी अपने घर - संसार में , लेकिन कभी - कभी अचान...

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4 अप्रैल 1979 By ABHAY SINGH

4 अप्रेल 1979 की रात दो बजे.. पूर्व प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो फांसी के तख्ते पर खड़े थे। जेलर, घड़ी की सुइयों पर नजर टिकाए था। 2 बजकर 4 मिनट हुए, पांचवा मिनट शुरू हो चुका थ...

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हार या जीत By Suresh Chaudhary

कोर्ट का आदेश आने के साथ ही माधुरी के चेहरे पर विजयी मुस्कान लहराने लगी, मानव की ओर घृणा भरी नजरों से देखा, गर्दन सीधी हो गई, दोनों कंधे अकड़ के कारण सीधे तन गए। लेकिन मानव हारे हु...

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बुढ़ापे का सहारा By DINESH KUMAR KEER

बुढ़ापे का सहारासीमा... आखिर बात क्या है कल से देख रहा हूं तुम बार - बार छत पर जाती हो ... कई बार छत से चढ़ते - उतरते हुए देखकर आखिरकार दिनेश जी ने अपनी पत्नी जानकी से पूछा ही लिया...

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आसिफ़ अली By ABHAY SINGH

पहली फोटो उस बन्दे की है, जिसने भगतसिंह का केस लड़ा। इनका परिचय दूं.. इसके पहले एक मजेदार घटना बताता हूँ। 2020 में मैनें भक्तों की भीड़ पर रैंडम पत्थर फेंका। चार लोग चोटिल हुए। पूछ...

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पिता का सम्मान By DINESH KUMAR KEER

" पितृ सम्मान "रात के दस बज रहे हैं और तुम अभी तक घर नहीं लौटे ... ? कल से तुम्हारा बाहर जाना बंद ... ! !यह कमरे में धुंंआ किस चीज का है ... ?सिगरेट का पैकेट ... ! !लगता है अब तुम्...

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बाप, खुद बाप बनने के बाद समझ आता है। By ABHAY SINGH

बाप, खुद बाप बनने के बाद समझ आता है। कहीं पढ़ा था,कि पिता-पुत्र के सम्बंध वक्त के साथ बदलते हैं। कम उम्र का बच्चा पिता को आइडोलाइज करता है, उसके जैसा बनना चाहता है। लेकिन निजी वैयक...

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चोपड़ चकल्लस By Yashwant Kothari

यशवन्त कोठारी  जयपुर की कई विशेषताएं हैं, जैसे दर्टीनेस दाऊ नेम इज जयपुर। कई बार जब जयपुर को देखता हूंख् तो यह समझ में नहीं आता कि जयपुर में गंदगी है या गंदगी में कहीं जयपुर छ...

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अनमोल धरोहर By DINESH KUMAR KEER

अनमोल धरोहरडैडी... आज आपके रखें नये ड्राइवर ने मेरे साथ बदतमीजी की ... देर शाम लौटी जांहवी ने अपने पापा को बाहर हाल में बैठे हुए देखकर शिकायती लिहाजे में कहा...क्या ... उसकी ये हिम...

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द ऐक्सप्लोडिंग मैंगोज़ By ABHAY SINGH

नेताओ को आम खाने का शौक होता है।काटकर, चूसकर, छीलकर..आम, और अवाम को खाने वाले नेताओं ने हमारे बीच काफी गहरी लकीरें बनाई।जो ऐसी खाई में तब्दील हुई कि आम आदमी, उसमें धंसकर रह गया। जि...

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रामदुलारी की तेरहवीं By Sonali Rawat

आकाश में काले बादल घुमड़ रहे थे ।किसी भी क्षण वर्षा हो सकती थी ।वर्षा की संभावना से मनुष्योंका समूह- “राम नाम सत्य है “ की गुहार लगाता जल्दी-जल्दी कदम बढ़ाता शमशान की ओर जा रहा था।...

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सावित्री और सत्यवान की कहानी By DINESH KUMAR KEER

सावित्री को अपने पिता की चेतावनी बार बार स्मरण हो उठती, उसने गिनती लगाई, आज मास का अंतिम दिवस है। तपस्या और प्रेम की परीक्षा का आखिरी पड़ाव आ पहुँचा था। अंधे सास ससुर को खाना खिलाकर...

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सिमटते क्षेत्रीय दल, सिमटता लोकतन्त्र By ABHAY SINGH

सिमटते क्षेत्रीय दल, सिमटता लोकतन्त्र..90 का दशक,कांग्रेस के बिखराव का दौर रहा है। आखरी कांग्रेस सरकार 1985 में बनी। फिर गठबन्धन सरकारों का युग आया। ●●नरसिंहराव सरकार, अनेक छोटे दल...

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रास बिहारी बोस By DINESH KUMAR KEER

रास बिहारी बोस की पुण्य तिथि पर कोटि कोटि नमन...Rash Bihari Bose: रास बिहारी ने Subhash Chandra Bose को बनाकर दी आजाद हिंद फौज | Jharokha 30 Augमहान स्वतंत्रता सेनानी रास बिहारी बो...

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समय के साथ बदलाव By ABHAY SINGH

समय के साथ चलिए वरना....1998 में Kodak में 1,70,000 कर्मचारी काम करते थे और वो दुनिया का 85% फ़ोटो पेपर बेचते थे..चंद सालों में ही Digital photography ने उनको बाज़ार से बाहर कर दिय...

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