hindi Best Poems Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Poems in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cultures. Th...Read More


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मेरी कविता संग्रह भाग 4 By Prahlad Pk Verma

कविता 1st तुम आओ कभी मेरे लिए ????????तुम आओ कभी मेरे लिएसाथ महक गेंदे के फूल की लेकरफिर हम तुम गुप्तगुं करे सात जन्मों कीतुम आओ तो कभी????????तुम आओ कभी मेरे लिएफिर तुम गरमागरम क...

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सफर-ए-अल्फाज़ By Deepak Bundela AryMoulik

1.कोई गुज़रे या ना गुज़रे इन आंखों से जो मिरा अश्क़ गुज़र गया.. !अपना तो इक अश्क़ ही था जो अपनों की याद में कहर गया...!कोई देखें या ना दिखे अपनों से मिले जो ज़माना गुज़र गया. !!दूर बैठ...

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समय का दौर - 6 By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

काव्य संकलन - समय का दौर वेदराम प्रजापति मनमस्त सम्पर्क सूत्र. गायत्री शक्ति...

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दरिंदगी से इंसाफ़... By Dear Zindagi

दुख दर्द और जख्मी जिस्म ,तड़प रही रूह दुनिया के सामने,जूझ रहा कायनात का हर वक़्त,नन्ही कली को कैद बना रख घर ,बिखरा हुआ हर एक शक्श जहा से,निखर जाए जो लड़ा जाए इस सोच पर,सुनना एक दर्...

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स्कूल के वो दिन ही अच्छे थे By Tarkeshwer Kumar

प्रिय दोस्तो, जिंदगी बहुत तेज़ी से अपने मुक़ाम की और दौड़ रहीं हैं। इस छोटी सी जिंदगी में अनेकों पड़ाव आते हैं जिन्हें पार कर के हम आगे बढ़ते रहते हैं। इस दौरान बहुत ही अच्छे, बुरे, और...

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मे और मेरे अह्सास - 19 By Darshita Babubhai Shah

मे और मेरे अह्सास 19 मुहब्बत दर्द भी है और दवा भी देती है lकिसको क्या मिला मुकद्दर की बात है ll ****************************************** दर्द देने वाला मरहम लगाने भी ना आया lइंतज...

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स्त्री By Asmita Madhesiya

एक स्त्री में बहुत शक्ती होती है,कभी कभी बिना गलती के भी रोती है,समाज के तानो से डरती है,फिर भी पीछे ना हटती है,एक स्त्री में बहुत शक्ती होती है,अपने आप में ही सं...

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उन्हें सूर्य के संघर्षों का कोई क्या महत्व समझाएं By कृष्ण विहारी लाल पांडेय

केबीएल पांडे के गीत संधि पत्र अंधकार के साथ जिन्होंने संधि पत्र लिखिए खुशी से उन्हें सूर्य के संघर्षों का कोई क्या महत्व समझाएं मेले संदर्भों पर जीवित यह ऐसी आधुनिक शिक्षाएं मोहक...

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विज्ञापन की महिला By padma sharma

विज्ञापन की महिला चेहरे पर खुशी आँखों में उत्साह मेकअप की कई पर्तों में ढँकी सजी-सँवरी बाहर से हँसती हुई अन्दर से गमगीन पर खिली हुई दीखती हैं विज्ञापन की महिलाएँ दिल में हैं...

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खाली मन By my star kid

"जिंदगी रंगीन होनी चाहिए,ब्लैक एंड व्हाइट तो टीवी भी होते हैं।जिंदगी खुशनुमा होनी चाहिए,गमगीन तो मातम हुआ करते हैं।आज कल घरों में डाइनिंग टेबल तो है,लेकिन साथ में खाना खाने वाले नह...

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पीढ़ी की पीड़ा बादामी By padma sharma

मुझे हतप्रभ छोड बादामी तो एक झटके से बाहर निकल गई लेकिन मैं उसके शब्दों के अर्थ खोजने लगी थी। उसकी बातें दुगने बेग से मेरे विचारों पर छाती चली गई। दूसरी औंरतों से कुछ अलग व्यक्ति...

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स्त्री सशक्तिकरण By padma sharma

कहानी मॉल रह-रहकर बच्चे का चेहरा उसकी आँखों के सामने आ रहा था। कैसे वह दुपट्टे को पकड़कर उससे रुकने का आग्रह कर रहा था। उम्र ही क्या है उसकी ... अभी वो ढाई साल का ही तो है। इस उम्...

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सिर्फ तुम.. - 4 By Sarita Sharma

सिर्फ तुम-4खत्म हो जाते हैं कुछ रिस्ते यूँही,बेइंतहा मोहब्बत के बाद भी,और साथ में खत्म हो जाती है ज़िन्दगी,जो जी रही होती है हममें..और रह जाती है, एक उदासी हमेशा के लिए ज़हन में..हर...

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बेनाम शायरी - 5 By Er.Bhargav Joshi અડિયલ

बेनाम शायरी?? ?? ?? ?? ?? ??हम चांद को पाने की हिमाकत लिए बैठे है।हम धरती पर रहकर आसमान लिए बैठे है।।?? ?? ?? ?? ?? ??डूबने का डर लिए समन्दर किनारे बैठे है।टूटन...

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दुर्गेश जी का काव्य संग्रह By Durgesh Tiwari

(गाथा बुढ़िया माई का)चली आ रही बारात एक ओर,जिसमें लोगो की भीड़ जोड़ एक ओर।नाच रहा जोकर जोड़-२ एक ओर,थोड़ी देर में मची शोर जोड़ एक ओर।।बन्द करो बाजा जोड़-थॉर एक ओर,रास्ता अभी है ड...

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आत्मव्यक्ति - काव्य संग्रह By Abhaya Sinha

फुटानी बाबुजी के दलानी में का उ फुटानी रहे बाबुजी के दलानी में,भर हीक खाई के, फटफटिया घुमाई के।यारन सभे आगे पीछे, गौगल चमकाई के,मोबाईल से सेल्फी लेवे गुटखा...

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From Bottom Of Heart - 10 By Jiya Vora

1.मेरे विचार आज बह रहे है इस कलम से, और जाकर ठहरे हैं इन पन्नों पे | इस पंक्तियों के बीच दबे हैं कहीं अल्फाज, जिनमे मैंने छुपाकर भी खोल दिए हैं इन लफ्जों के राज2.बेटी !प्यार की...

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संवाद, दिल से By Neha Awasthi

मेरी कुछ इस तरह से हुई वार्तालाप मेरे दिल से । कि दिल भी हार गया समझाते समझाते । हुई कुछ दलीले इस तरह की । कभी मैं आगे कभी दिल ।▪▪▪▪▪▪▪▪▪▪▪▪▪▪▪▪▪▪▪▪▪...

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ख़ामोश आवाजें... By Satyendra prajapati

__१__हक भी अदा किया है....

जिस्म से मानो जान को जुदा किया है।
इक बाप ने अपनी बेटी को विदा किया है।।

सब मांगते हैं यहां हक अपना-अपना मगर।
आज इक मां ने अपना हक भी अदा किया है।।...

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सधे हुये आखेटक बैठे चारों ओर मचान पर...! By कृष्ण विहारी लाल पांडेय

केबीएल पांडे के गीत नवगीत- सधे हुये आखेटक बैठे चारों ओर मचान पर...! जाने कब से सोच रहा हूँ मै भी कोई गीत लिखू ! खुशियों में खोये सोये अपने हिंदुस्तान पर!!...

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प्यार हो गया By Kishanlal Sharma

काश------/////----तुमब्रह्मा की अनुपम कृति हो,लगता है,सृष्टि के निर्माता ने,तुम्हे,फुर्सत में,बड़े जतन से घड़ा है,तभी तो,तुम्हारा हर अंग,प्रत्यंगबोलता है,तुम्हारी झील सी गहरी,आंखेगुल...

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शब्दांश (मेरा काव्य संग्रह ) By Arjuna Bunty

पहला संस्करण: 2020 इस पुस्तक का कोई भी भाग लेखक की लिखित अनुमति के बिना किसी भी रूप में पुन: प्रस्तुत नहीं किया जा सकता है ! कवर डिज़ाइन, टाइपिंग, पुस्तक लेआउट और संकलन, साहित्य...

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दिल ऐ नूर By મોહનભાઈ આનંદ

========दिल ए नूर, टपकता है टपक टपक,मन कहीं चमकता है, चमक चमक;आइना ए दिल। , रोशन चांद सूरज,रुह ए दिल जिंदगी है ,लपक झपक;=====&#6...

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ये मेरा और तुम्हारा संवाद है #कृष्ण – 2 By Meenakshi Dikshit

1. तुम्हारे स्वर का सम्मोहन तुम्हारे अनुराग की तरह, तुम्हारे स्वर का सम्मोहन भी अद्भुत है, अपनत्व की सघनतम कोमलता, और सत्य की अकम्पित दृढ़ता का ये संयोग तुम्हारे पास ही हो...

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मानवता के डगर पे By Shivraj Anand

प्यारे तुम मुझे भी अपना लो ।गुमराह हूं कोई राह बता दो।युं ना छोडो एकाकी अभिमन्यु सा रण पे।मुझे भी साथले चलो मानवताकी डगर पे।।वहां बडे सतवादी है।सत्य -अहिंसाकेपुजारी हैं।।वे रावण...

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सलाखों के पीछे By SHAMIM MERCHANT

आज बोहोत दिनों बाद, सुकून से सोऊंगा,आज बड़े दिनों बाद, अच्छी नींद आएगी।जेल में वो सुकून कहां?सलाखों के पीछे वो आराम कहां?एक ऐसी बात के लिए अंदर हुआ था,जिसमे कुसूर मेरा था भी, और नह...

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जय हो बकरी माई By Ajay Amitabh Suman

(१) जय हो बकरी माई बकरी को प्रतीक बनाकर मानव के छद्म व्यक्तित्व और बाह्यआडम्बर को परिभाषित करती हुई एक हास्य व्ययांगात्म्क कविता। सच कहता हूँ बात बराबर,सुन ले मेरे भाई,तुझसे...

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हम कल ही तो मिले थे By Niraj Bishwas

हम कल ही मिले हो ऐसे लगता है,फिर तुम्हे क्यों लगता है हमें अलग ,हो जाना चाहिए ,मुझे तो नही लगता,मैंने तो सोचा भी था कि हम दोनों ,साथ मिलकर दुनिया के एडवेंचर पर चलेंगेफिर आखिर मेरे...

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लिख रहे वे नदी की अन्तर्कथाऐं, By कृष्ण विहारी लाल पांडेय

गीात क्ृष्ण विहारी लाल पांडेय घाट पर बैठे हुए हैं जो सुरक्षित लिख रहे वे नदी की अन्तर्कथाऐं, आचमन तक के लिए उतरे नहीं जो...

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कविता By प्रतिभा चौहान

अधूरी कविताओं को अधूरी लालसाएं समझना…
जब सांस घुटती है बारुद के धुँएं में आवाजें कलेजा चीर देती हैं अपने खौफनाक रूप से सुनती है सेंध में चुपचाप सिसकियां तब मेरी कविता अधूरी...

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सीता: एक नारी - 7 - अंतिम भाग By Pratap Narayan Singh

सीता: एक नारी ॥ सप्तम सर्ग॥ निर्विघ्न सकुशल यज्ञ मर्यादा पुरुष का चल रहा किस प्राप्ति का है स्वप्न उनके हृदयतल में पल रहा ? अर्धांगिनी के स्थान पर अब तो सुशोभित मूर्ति है यह लोक-भी...

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मेरी कविता संग्रह भाग 4 By Prahlad Pk Verma

कविता 1st तुम आओ कभी मेरे लिए ????????तुम आओ कभी मेरे लिएसाथ महक गेंदे के फूल की लेकरफिर हम तुम गुप्तगुं करे सात जन्मों कीतुम आओ तो कभी????????तुम आओ कभी मेरे लिएफिर तुम गरमागरम क...

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सफर-ए-अल्फाज़ By Deepak Bundela AryMoulik

1.कोई गुज़रे या ना गुज़रे इन आंखों से जो मिरा अश्क़ गुज़र गया.. !अपना तो इक अश्क़ ही था जो अपनों की याद में कहर गया...!कोई देखें या ना दिखे अपनों से मिले जो ज़माना गुज़र गया. !!दूर बैठ...

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समय का दौर - 6 By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

काव्य संकलन - समय का दौर वेदराम प्रजापति मनमस्त सम्पर्क सूत्र. गायत्री शक्ति...

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दरिंदगी से इंसाफ़... By Dear Zindagi

दुख दर्द और जख्मी जिस्म ,तड़प रही रूह दुनिया के सामने,जूझ रहा कायनात का हर वक़्त,नन्ही कली को कैद बना रख घर ,बिखरा हुआ हर एक शक्श जहा से,निखर जाए जो लड़ा जाए इस सोच पर,सुनना एक दर्...

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स्कूल के वो दिन ही अच्छे थे By Tarkeshwer Kumar

प्रिय दोस्तो, जिंदगी बहुत तेज़ी से अपने मुक़ाम की और दौड़ रहीं हैं। इस छोटी सी जिंदगी में अनेकों पड़ाव आते हैं जिन्हें पार कर के हम आगे बढ़ते रहते हैं। इस दौरान बहुत ही अच्छे, बुरे, और...

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मे और मेरे अह्सास - 19 By Darshita Babubhai Shah

मे और मेरे अह्सास 19 मुहब्बत दर्द भी है और दवा भी देती है lकिसको क्या मिला मुकद्दर की बात है ll ****************************************** दर्द देने वाला मरहम लगाने भी ना आया lइंतज...

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स्त्री By Asmita Madhesiya

एक स्त्री में बहुत शक्ती होती है,कभी कभी बिना गलती के भी रोती है,समाज के तानो से डरती है,फिर भी पीछे ना हटती है,एक स्त्री में बहुत शक्ती होती है,अपने आप में ही सं...

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उन्हें सूर्य के संघर्षों का कोई क्या महत्व समझाएं By कृष्ण विहारी लाल पांडेय

केबीएल पांडे के गीत संधि पत्र अंधकार के साथ जिन्होंने संधि पत्र लिखिए खुशी से उन्हें सूर्य के संघर्षों का कोई क्या महत्व समझाएं मेले संदर्भों पर जीवित यह ऐसी आधुनिक शिक्षाएं मोहक...

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विज्ञापन की महिला By padma sharma

विज्ञापन की महिला चेहरे पर खुशी आँखों में उत्साह मेकअप की कई पर्तों में ढँकी सजी-सँवरी बाहर से हँसती हुई अन्दर से गमगीन पर खिली हुई दीखती हैं विज्ञापन की महिलाएँ दिल में हैं...

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खाली मन By my star kid

"जिंदगी रंगीन होनी चाहिए,ब्लैक एंड व्हाइट तो टीवी भी होते हैं।जिंदगी खुशनुमा होनी चाहिए,गमगीन तो मातम हुआ करते हैं।आज कल घरों में डाइनिंग टेबल तो है,लेकिन साथ में खाना खाने वाले नह...

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पीढ़ी की पीड़ा बादामी By padma sharma

मुझे हतप्रभ छोड बादामी तो एक झटके से बाहर निकल गई लेकिन मैं उसके शब्दों के अर्थ खोजने लगी थी। उसकी बातें दुगने बेग से मेरे विचारों पर छाती चली गई। दूसरी औंरतों से कुछ अलग व्यक्ति...

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स्त्री सशक्तिकरण By padma sharma

कहानी मॉल रह-रहकर बच्चे का चेहरा उसकी आँखों के सामने आ रहा था। कैसे वह दुपट्टे को पकड़कर उससे रुकने का आग्रह कर रहा था। उम्र ही क्या है उसकी ... अभी वो ढाई साल का ही तो है। इस उम्...

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सिर्फ तुम.. - 4 By Sarita Sharma

सिर्फ तुम-4खत्म हो जाते हैं कुछ रिस्ते यूँही,बेइंतहा मोहब्बत के बाद भी,और साथ में खत्म हो जाती है ज़िन्दगी,जो जी रही होती है हममें..और रह जाती है, एक उदासी हमेशा के लिए ज़हन में..हर...

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बेनाम शायरी - 5 By Er.Bhargav Joshi અડિયલ

बेनाम शायरी?? ?? ?? ?? ?? ??हम चांद को पाने की हिमाकत लिए बैठे है।हम धरती पर रहकर आसमान लिए बैठे है।।?? ?? ?? ?? ?? ??डूबने का डर लिए समन्दर किनारे बैठे है।टूटन...

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दुर्गेश जी का काव्य संग्रह By Durgesh Tiwari

(गाथा बुढ़िया माई का)चली आ रही बारात एक ओर,जिसमें लोगो की भीड़ जोड़ एक ओर।नाच रहा जोकर जोड़-२ एक ओर,थोड़ी देर में मची शोर जोड़ एक ओर।।बन्द करो बाजा जोड़-थॉर एक ओर,रास्ता अभी है ड...

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आत्मव्यक्ति - काव्य संग्रह By Abhaya Sinha

फुटानी बाबुजी के दलानी में का उ फुटानी रहे बाबुजी के दलानी में,भर हीक खाई के, फटफटिया घुमाई के।यारन सभे आगे पीछे, गौगल चमकाई के,मोबाईल से सेल्फी लेवे गुटखा...

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From Bottom Of Heart - 10 By Jiya Vora

1.मेरे विचार आज बह रहे है इस कलम से, और जाकर ठहरे हैं इन पन्नों पे | इस पंक्तियों के बीच दबे हैं कहीं अल्फाज, जिनमे मैंने छुपाकर भी खोल दिए हैं इन लफ्जों के राज2.बेटी !प्यार की...

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संवाद, दिल से By Neha Awasthi

मेरी कुछ इस तरह से हुई वार्तालाप मेरे दिल से । कि दिल भी हार गया समझाते समझाते । हुई कुछ दलीले इस तरह की । कभी मैं आगे कभी दिल ।▪▪▪▪▪▪▪▪▪▪▪▪▪▪▪▪▪▪▪▪▪...

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ख़ामोश आवाजें... By Satyendra prajapati

__१__हक भी अदा किया है....

जिस्म से मानो जान को जुदा किया है।
इक बाप ने अपनी बेटी को विदा किया है।।

सब मांगते हैं यहां हक अपना-अपना मगर।
आज इक मां ने अपना हक भी अदा किया है।।...

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सधे हुये आखेटक बैठे चारों ओर मचान पर...! By कृष्ण विहारी लाल पांडेय

केबीएल पांडे के गीत नवगीत- सधे हुये आखेटक बैठे चारों ओर मचान पर...! जाने कब से सोच रहा हूँ मै भी कोई गीत लिखू ! खुशियों में खोये सोये अपने हिंदुस्तान पर!!...

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प्यार हो गया By Kishanlal Sharma

काश------/////----तुमब्रह्मा की अनुपम कृति हो,लगता है,सृष्टि के निर्माता ने,तुम्हे,फुर्सत में,बड़े जतन से घड़ा है,तभी तो,तुम्हारा हर अंग,प्रत्यंगबोलता है,तुम्हारी झील सी गहरी,आंखेगुल...

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पहला संस्करण: 2020 इस पुस्तक का कोई भी भाग लेखक की लिखित अनुमति के बिना किसी भी रूप में पुन: प्रस्तुत नहीं किया जा सकता है ! कवर डिज़ाइन, टाइपिंग, पुस्तक लेआउट और संकलन, साहित्य...

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दिल ऐ नूर By મોહનભાઈ આનંદ

========दिल ए नूर, टपकता है टपक टपक,मन कहीं चमकता है, चमक चमक;आइना ए दिल। , रोशन चांद सूरज,रुह ए दिल जिंदगी है ,लपक झपक;=====&#6...

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ये मेरा और तुम्हारा संवाद है #कृष्ण – 2 By Meenakshi Dikshit

1. तुम्हारे स्वर का सम्मोहन तुम्हारे अनुराग की तरह, तुम्हारे स्वर का सम्मोहन भी अद्भुत है, अपनत्व की सघनतम कोमलता, और सत्य की अकम्पित दृढ़ता का ये संयोग तुम्हारे पास ही हो...

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मानवता के डगर पे By Shivraj Anand

प्यारे तुम मुझे भी अपना लो ।गुमराह हूं कोई राह बता दो।युं ना छोडो एकाकी अभिमन्यु सा रण पे।मुझे भी साथले चलो मानवताकी डगर पे।।वहां बडे सतवादी है।सत्य -अहिंसाकेपुजारी हैं।।वे रावण...

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(१) जय हो बकरी माई बकरी को प्रतीक बनाकर मानव के छद्म व्यक्तित्व और बाह्यआडम्बर को परिभाषित करती हुई एक हास्य व्ययांगात्म्क कविता। सच कहता हूँ बात बराबर,सुन ले मेरे भाई,तुझसे...

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हम कल ही मिले हो ऐसे लगता है,फिर तुम्हे क्यों लगता है हमें अलग ,हो जाना चाहिए ,मुझे तो नही लगता,मैंने तो सोचा भी था कि हम दोनों ,साथ मिलकर दुनिया के एडवेंचर पर चलेंगेफिर आखिर मेरे...

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लिख रहे वे नदी की अन्तर्कथाऐं, By कृष्ण विहारी लाल पांडेय

गीात क्ृष्ण विहारी लाल पांडेय घाट पर बैठे हुए हैं जो सुरक्षित लिख रहे वे नदी की अन्तर्कथाऐं, आचमन तक के लिए उतरे नहीं जो...

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कविता By प्रतिभा चौहान

अधूरी कविताओं को अधूरी लालसाएं समझना…
जब सांस घुटती है बारुद के धुँएं में आवाजें कलेजा चीर देती हैं अपने खौफनाक रूप से सुनती है सेंध में चुपचाप सिसकियां तब मेरी कविता अधूरी...

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सीता: एक नारी - 7 - अंतिम भाग By Pratap Narayan Singh

सीता: एक नारी ॥ सप्तम सर्ग॥ निर्विघ्न सकुशल यज्ञ मर्यादा पुरुष का चल रहा किस प्राप्ति का है स्वप्न उनके हृदयतल में पल रहा ? अर्धांगिनी के स्थान पर अब तो सुशोभित मूर्ति है यह लोक-भी...

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