hindi Best Fiction Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Fiction Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cu...Read More


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नैनं छिन्दति शस्त्राणि - 14 By Pranava Bharti

14 उस दिन भी समिधा को कुछ ऐसा एहसास हुआ था जो आज पेड़ पर से गिरने वाले युवक के बारे में सोचते हुए हो रहा है, वह बहुत-बहुत आनमनी हो उठी | गाड़ी में एक ज़ोरदार ब्रेक लगा और समिधा रेल की...

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मायावी सम्राट सूर्यसिंग - 9 By Vishnu Dabhi

उस दिन सूर्या और सीतल दोनो भाले का टुकड़ा लेकर आ गए.... ऐसे करेके सूर्या ने सारे टुकड़े जमा कर दिए .. फिर उन टुकड़ों को जोड़ने के लिए बोतल के जिन की आवश्यकता थी ।उस ज...

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ये उन दिनों की बात है - 33 By Misha

फिर क्या था मैं तुरंत उससे मिलने को मचल उठी | इसलिए तुरंत नीचे उतर आई और फिर आईने के सामने जाकर अपने कपड़े और बाल ठीक करने लगी चूँकि सागर मेरे घर नहीं आ सकता था क्योंकि उसके पास कोई...

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टापुओं पर पिकनिक - 41 By Prabodh Kumar Govil

दोपहर में आर्यन जब आगोश की गाड़ी वापस लौटाने के लिए उसके घर गया तो वह गाड़ी से उतरा नहीं, बस बाहर से ही ज़ोर- ज़ोर से हॉर्न बजाता रहा। कुछ देर तक तो किसी का भी ध्यान नहीं गया पर कु...

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एहसास प्यार का खूबसूरत सा - 28 By ARUANDHATEE GARG मीठी

कायरा परेशान सी रेडी होने के लिए जा ही रही थी , कि कहीं से घूमते - घामते अनय आ गया । उसने कायरा का उतरा हुआ सा चेहरा देखा तो कहा । अनय - क्या हुआ तुम्हारे चेहरे पर बारह क्यों बजे ह...

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गुनाहों का देवता - 13 By Dharmveer Bharti

भाग 13 ''बैठो, अभी हम एक चीज दिखाएँगे। जरा गेसू से बात कर आएँ।'' बिनती बड़े भोले स्वर में बोली, ''आइए, हसरत मियाँ।'' और पल-भर में नन्हें-मुन्ने-से छ...

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विश्वासघात(सीजन-२)--भाग(८) By Saroj Verma

जूली क्लब के भीतर गई और इधर प्रकाश ने उदास मन से अपनी टैक्सी घर की ओर घुमाई,आज जूली की बेरूखी ने उसका मन खराब कर दिया था,उसने मन में सोचा कि मैं तो इसे एक शरीफ़ लड़की समझता था लेकिन....

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प्यार की निशानी - भाग-7 - अंतिम भाग By Saroj Prajapati

प्यार की निशानी अंतिम भाग मंजू ने यह बात अपनी सास को बताई तो वह भी सुन कर बहुत खुश हुई “अरे वाह बहू, तेरी सहेली तुझे फिर से मिल गई। यह तो कमाल की बात है । चलो तुम्हें फिर से अपनी स...

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जिन्दगी के पल - 2 By Kalyani Wadile

थोड़ी देर पढ़ाई करने के बाद में खिड़की के बाहर का नजारा देख रही थी। श्याम का वक्त था तो सभी पंछी अपने अपने घोसालो की और जा रहे थे । ठंडी हवा के साथ साथ खेतो की मिट्टी की भी खुशबू आ...

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कोट - ८ By महेश रौतेला

कोट -८" मैं पृथ्वी सा घूमता रहामानो सूरज की परिक्रमा करता रहा,शाम आते-आते अगली सुबह की कल्पना करने लगा।"कोट पहना,संपादित कागज जेब में है या नहीं उसे देखा। वाक्य को दो-तीन बार पढ़ा।...

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भूत बंगला - भाग 7 - भूत से सुहागरात By Shakti Singh Negi

भूत से सुहागरात रागिनी एक अच्छी कंपनी में काम करती थी. रागिनी एक स्वतंत्र विचारों वाली लड़की थी. इसलिए उसने एक बेरोजगार लड़के से शादी की. शादी के बाद वह एक नए मकान में शिफ्ट हो ग...

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स्टेट बंक ऑफ़ इंडिया socialem (the socialization) - 14 By Nirav Vanshavalya

अदैन्य ने ऐसी घटनाओं की संभावना को समझ लिया था और उसके होमवर्क भी तैयार ही रखे थे. अदैन्य की टैक्सी इंडोनेशिया के प्रमुख निवास के गेट पर रूकती है और अदैन्य के टैक्सी से...

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तर्ज़नी से अनामिका तक - भाग ६ By Rajesh Maheshwari

41. संकल्प ही सफलता का सूत्र है श्री संजय सेठ एक सुप्रसिद्ध चार्टर्ड एकाऊंटेंट होने के साथ साथ संस्कारधानी जबलपुर के वरिष्ठ चिकित्सक स्वर्गीय डाॅ. जे.एन. स...

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बेवजहा के ख़याल - 3 By Merikhanii

कुछ भी मेरे मनमुताबिक नही होता ,किसी काम से ये सोच कर बाहर जाता हूँ कि पैदल चलने से फिट रहूँगा भले ही एटीएम से पैसे निकालने हो तो उस दिन उस एटीएम में पैसे नही होंगे यानी घर लौटो बा...

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नियति ...can’t change by anybody - 8 By PRATIK PATHAK

दूसरे दिन.....माइकल के फोनमे रिंग बजती है,माइकल के फोन उठाते ही सामने से आवाज आति है , चलो माइकल देख आते है हमारे प्रिय मित्र को हॉस्पिटल मे, रंगा ने रात 8:00 बजे माइकल को फोन करके...

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मृगतृष्णा तुम्हें देर से पहचाना - 7 - अंतिम भाग By Ranjana Jaiswal

अध्याय सात आ रही मेरे दिवस की सांध्य बेला उम्र का सांध्यकाल निकट है।सूर्य ढलने को है पश्चिम दिशा ढलते सूरज को अपने आँचल से ढँक रही है।आकाश का रंग तेज़ी से बदल रहा है।गाएँ अपने बथानो...

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वो अनकही बातें - 20 By RACHNA ROY

समीर ने कहा क्या समझु मैं तुम्हारी खामोशी को की तुम खुश नहीं हो।।शालू ने कहा सोमू तुम भी ना कैसी बातें करते हो हां। मैं आज अगर हुं तो सिर्फ़ तुम्हारे लिए हुं। हमारे प्यार को कभी कि...

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टेढी पगडंडियाँ - 14 By Sneh Goswami

टेढी पगडंडियाँ 14 गाँव के एक आदमी ने कहा कि एक बार गाँव चलके देख लेते हैं । शायद अब तक किरण लौट आई हो । सबके मन में उम्मीद जाग उठी । हाँ हो सकता है , कुछ काम हो गया हो और वह...

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मैं तो ओढ चुनरिया - 29 By Sneh Goswami

मैं तो ओढ चुनरिया अध्याय 29 मैंने भी उस साल बारहवां साल पूरा कर लिया था और तेरहवें साल में आ गयी थी । अब मैं नौवीं कक्षा में हो गयी थी । मैं मैडीकल विषय लेकर डाक्टर बनना चाहत...

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मिड डे मील - 11 By Swati Grover

केशव रघु के साथ चल तो पड़ा मगर उसका मन नहीं था कि वह आज कुछ खाए। जिस खाने को वो हमेशा दूर से देखता रहता था। उसी खाने को आज देखने का मन भी नहीं था। जब दोनों खाना खाने बैठे, तब मास्टर...

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रेज़्यूमे वाली शादी - भाग 11 By Daanu

"ये कोई टाइम है आने का, तुम दोनों की आदत सचमुच खराब हो गई है", सुबह 9:00 बजे का ऑफिस पहुँचा निलय, विकास और अभय को कहता है।"डूड निलय, अभी बस 10 ही तो बजे है, इतना हाइपर क्यों हो रहा...

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प्रेग्नेन्सी : बदला लेने का नया तरीका - 1 By Abhilekh Dwivedi

रुमानियत को सेलिब्रेट करने के लिए मौकों से ज़्यादा बहाने की ज़रूरत होती है इसलिए प्यार में पड़े हुए योगियों को योग्य दिन नहीं, बस ऐसे बहानों की ज़रूरत होती है जहाँ दो जिस्म एक जां हो ज...

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नैनं छिन्दति शस्त्राणि - 14 By Pranava Bharti

14 उस दिन भी समिधा को कुछ ऐसा एहसास हुआ था जो आज पेड़ पर से गिरने वाले युवक के बारे में सोचते हुए हो रहा है, वह बहुत-बहुत आनमनी हो उठी | गाड़ी में एक ज़ोरदार ब्रेक लगा और समिधा रेल की...

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मायावी सम्राट सूर्यसिंग - 9 By Vishnu Dabhi

उस दिन सूर्या और सीतल दोनो भाले का टुकड़ा लेकर आ गए.... ऐसे करेके सूर्या ने सारे टुकड़े जमा कर दिए .. फिर उन टुकड़ों को जोड़ने के लिए बोतल के जिन की आवश्यकता थी ।उस ज...

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ये उन दिनों की बात है - 33 By Misha

फिर क्या था मैं तुरंत उससे मिलने को मचल उठी | इसलिए तुरंत नीचे उतर आई और फिर आईने के सामने जाकर अपने कपड़े और बाल ठीक करने लगी चूँकि सागर मेरे घर नहीं आ सकता था क्योंकि उसके पास कोई...

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टापुओं पर पिकनिक - 41 By Prabodh Kumar Govil

दोपहर में आर्यन जब आगोश की गाड़ी वापस लौटाने के लिए उसके घर गया तो वह गाड़ी से उतरा नहीं, बस बाहर से ही ज़ोर- ज़ोर से हॉर्न बजाता रहा। कुछ देर तक तो किसी का भी ध्यान नहीं गया पर कु...

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एहसास प्यार का खूबसूरत सा - 28 By ARUANDHATEE GARG मीठी

कायरा परेशान सी रेडी होने के लिए जा ही रही थी , कि कहीं से घूमते - घामते अनय आ गया । उसने कायरा का उतरा हुआ सा चेहरा देखा तो कहा । अनय - क्या हुआ तुम्हारे चेहरे पर बारह क्यों बजे ह...

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भाग 13 ''बैठो, अभी हम एक चीज दिखाएँगे। जरा गेसू से बात कर आएँ।'' बिनती बड़े भोले स्वर में बोली, ''आइए, हसरत मियाँ।'' और पल-भर में नन्हें-मुन्ने-से छ...

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विश्वासघात(सीजन-२)--भाग(८) By Saroj Verma

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प्यार की निशानी - भाग-7 - अंतिम भाग By Saroj Prajapati

प्यार की निशानी अंतिम भाग मंजू ने यह बात अपनी सास को बताई तो वह भी सुन कर बहुत खुश हुई “अरे वाह बहू, तेरी सहेली तुझे फिर से मिल गई। यह तो कमाल की बात है । चलो तुम्हें फिर से अपनी स...

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जिन्दगी के पल - 2 By Kalyani Wadile

थोड़ी देर पढ़ाई करने के बाद में खिड़की के बाहर का नजारा देख रही थी। श्याम का वक्त था तो सभी पंछी अपने अपने घोसालो की और जा रहे थे । ठंडी हवा के साथ साथ खेतो की मिट्टी की भी खुशबू आ...

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कोट - ८ By महेश रौतेला

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मृगतृष्णा तुम्हें देर से पहचाना - 7 - अंतिम भाग By Ranjana Jaiswal

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केशव रघु के साथ चल तो पड़ा मगर उसका मन नहीं था कि वह आज कुछ खाए। जिस खाने को वो हमेशा दूर से देखता रहता था। उसी खाने को आज देखने का मन भी नहीं था। जब दोनों खाना खाने बैठे, तब मास्टर...

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रेज़्यूमे वाली शादी - भाग 11 By Daanu

"ये कोई टाइम है आने का, तुम दोनों की आदत सचमुच खराब हो गई है", सुबह 9:00 बजे का ऑफिस पहुँचा निलय, विकास और अभय को कहता है।"डूड निलय, अभी बस 10 ही तो बजे है, इतना हाइपर क्यों हो रहा...

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प्रेग्नेन्सी : बदला लेने का नया तरीका - 1 By Abhilekh Dwivedi

रुमानियत को सेलिब्रेट करने के लिए मौकों से ज़्यादा बहाने की ज़रूरत होती है इसलिए प्यार में पड़े हुए योगियों को योग्य दिन नहीं, बस ऐसे बहानों की ज़रूरत होती है जहाँ दो जिस्म एक जां हो ज...

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