hindi Best Fiction Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Fiction Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cu...Read More


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नैनं छिन्दति शस्त्राणि - 34 By Pranava Bharti

34 मुक्ता को अस्थमा था अत: वह बहुत अधिक काम नहीं कर पाती थी | हाँ, अपनी देख-रेख में उन कैदियों से काम करवाती रहती थी जिन्हें घर में आने की आज्ञा थी, उन सबका लीडर रौनक था | उसने अपन...

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प्यार के इन्द्रधुनष - 16 By Lajpat Rai Garg

- 16 - डॉ. वर्मा मेडिकल एसोसिएशन की कांफ्रेंस में प्रतिभागी बनने के समय हवाई यात्रा कर चुकी थी, लेकिन मनमोहन प्रथम बार हवाई यात्रा करने जा रहा था। नियत तिथि को दोनों फ़्लाइट के निय...

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स्त्री.... - (भाग-6) By सीमा बी.

स्त्री.......(भाग-6) परिणाम देख कर मेरे पति ने मुझे बधाई दी और आगे भी मन लगा कर पढने को कह, मेरी तरफ पीठ करके सो गए.....कभी कभी मुझे ऐसा लगता कि वो सोए नहीं है, बस सोने का नाटक करत...

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द एजेंटस - 3 By Shamad Ansari

सब प्लाने में बैठें होए ही थे , की तभी विक्रम दिव से कहता है कि सच बता की रात को जब तूने इतने सारे मिलिट्री फोर्स को देखा था तब तेरी हवा निकल गई थी न बता .... दीव कहता अबे.., मै तो...

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वो पहली बारिश - भाग 5 By Daanu

"ओए.. तुमने तो बताया भी नहीं, की तुम आते ही बड़े कांड कर के आई हो।", निया की नई टीम वाली सहेली ने उनके कॉफी के लिए जाते टाइम पूछा। "कांड.. मुझे तो सच में समझ ही नहीं आ रहा की ऐसा भ...

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कहानी संग्रह - 17 - एक ईश्वर By Shakti Singh Negi

परमेश्वर एक है. वही एक निराकार है, वही एक साकार है. पुराणों में उसी एक परमेश्वर को परम शिव कहा गया है. तो दूसरे पुराण में उसी एक परमेश्वर को महाविष्णु कहा गया है. तो तीसरे पुराण मे...

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एहसास प्यार का खूबसूरत सा - 48 By ARUANDHATEE GARG मीठी

विनय को छोड़ने के बाद आदित्य और रेहान, नील और राहुल के पास आ गए । यहां सभी के जाने के बाद मिस्टर शर्मा ने आरव की तरफ रुख किया और गुस्से से भर कर उससे सीधी तरह से सवाल किया । मिस्टर...

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टापुओं पर पिकनिक - 71 By Prabodh Kumar Govil

जापान से लौट कर आने के बाद से साजिद और मनप्रीत का एक बड़ा बोझ और भी उतर गया था। वो मधुरिमा के पैसे उसे सकुशल वापस लौटा आए थे। बोझ तो था ही वो। कितना मुश्किल होता है आज के ज़माने मे...

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बेपनाह - 25 By Seema Saxena

25 “कितना प्यारा है ऋषभ, एकदम निश्चल मन का है न स्वार्थ है, न कोई लालच। कल से उसके साथ है पर एक बार भी उसने उसे गलत तरीके से टच नहीं किया। ऋषभ तुम मुझे सच में प्यार करते हो,...

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वह अब भी वहीं है - 21 By Pradeep Shrivastava

भाग -21 उस दिन छब्बी का रोना-धोना बहुत देर तक चला। उसे दो बातों का दुःख सबसे ज्यादा था। पहला बच्चों का, दूसरा भाई का। कि उस भाई ने भी उसे गलत समझा, जिसने उसके, पूरे परिवार के लिए व...

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हारा हुआ आदमी (भाग 43) By Kishanlal Sharma

"लो चाय पीओ" निशा ने एक कप पति को पकड़ा दिया।निशा चाय पीते हुए पति को रात के समाचार सुनाती रही।फिर चाय पीकर वह लिहाफ ओढ़कर लेट गयी।कुछ देर बाद ही उसे नींद आ गयी।उस दिन वे आगरा ही रह...

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स्टेट बंक ऑफ़ इंडिया socialem (the socialization) - 24 By Nirav Vanshavalya

या तो फिर कोई ऐसा परिवल ढूंढ के लाए जिससे हमारी करेंसी सिर्फ हमारे ही घर में रहे. मुद्राओं के काल में जीन चीज वस्तु के मोल काने, पैसे से आगे बढ़ नहीं पा रहे थे, उन्हीं चीज...

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Luck by chance again !! - 4 By zeba Praveen

प्रोग्राम ख़त्म होने के बाद गौरी घर चली गयी, उसके दिमाग़ में बार-बार राजवीर की वो स्पीच याद आ रही थी, उसको इस तरह खामोश देख कर ध्रुव उससे पूछता है-"गौरी किस ख्याल में डूबी हुई हो?""ध...

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पश्चाताप. - 13 By Ruchi Dixit

निशा का बर्ताव पूर्णिमा के प्रति दिन प्रतिदिन अपमानजनक हो रहा था कि , एक दिन चिल्लाते हुए " हाय राम! तंग आ चुकी हूँ मै इन लोगों से जीना हराम कर रखा है आज को फैसला होकर रहेगा इस घ...

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ये उन दिनों की बात है - 41 By Misha

"मैं बहुत परेशान हूँ, दिव्या | क्या कल हम मिल सकते हैं?मैं तुम्हारा रामनिवास बाग में इंतज़ार करूँगा |तुम्हारा सागर" | बस इतना ही लिखा था उस चिट्ठी में |कल मुझे प्रवेश पत्र भी लेने ज...

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अतीत के पन्ने - भाग २ By RACHNA ROY

रेखा ने कहा मेरे बाद तेरी बारी है। और अब आगे।।फिर से काव्या अपने वर्तमान में आ गई। और फिर रेखा उसके पति आलोक और छोटा बेटानीरज सब आ गए।छाया ने सबका सामान लेकर अन्दर आ गई। काव्या ने...

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टेढी पगडंडियाँ - 26 By Sneh Goswami

टेढी पगडंडियाँ 26 सिमरन इस बीच बेहद घबराई पङी थी । उसे हरपल गुरनैब की सलामती की फिक्र रहती । कहीं गुरनैब को कुछ हो न जाये । निरंजन जैसे कद्दावर जट्ट की अन्यायी मौत उसकी आँखों...

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भवभूति के रूपको का उप जीव्य साहित्य By Dr Mrs Lalit Kishori Sharma

संस्कृत नाटकों के विशाल साहित्य पर जिन इने गिने नाटककारो के अमिट चरण चिन्ह विद्यमान है उनमें भवभूति अग्रगण्य है । विशेषत : राम नाटकों के तो वे प्राण हैं उनके नाटकों को पृथक करने पर...

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नैनं छिन्दति शस्त्राणि - 34 By Pranava Bharti

34 मुक्ता को अस्थमा था अत: वह बहुत अधिक काम नहीं कर पाती थी | हाँ, अपनी देख-रेख में उन कैदियों से काम करवाती रहती थी जिन्हें घर में आने की आज्ञा थी, उन सबका लीडर रौनक था | उसने अपन...

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प्यार के इन्द्रधुनष - 16 By Lajpat Rai Garg

- 16 - डॉ. वर्मा मेडिकल एसोसिएशन की कांफ्रेंस में प्रतिभागी बनने के समय हवाई यात्रा कर चुकी थी, लेकिन मनमोहन प्रथम बार हवाई यात्रा करने जा रहा था। नियत तिथि को दोनों फ़्लाइट के निय...

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स्त्री.... - (भाग-6) By सीमा बी.

स्त्री.......(भाग-6) परिणाम देख कर मेरे पति ने मुझे बधाई दी और आगे भी मन लगा कर पढने को कह, मेरी तरफ पीठ करके सो गए.....कभी कभी मुझे ऐसा लगता कि वो सोए नहीं है, बस सोने का नाटक करत...

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द एजेंटस - 3 By Shamad Ansari

सब प्लाने में बैठें होए ही थे , की तभी विक्रम दिव से कहता है कि सच बता की रात को जब तूने इतने सारे मिलिट्री फोर्स को देखा था तब तेरी हवा निकल गई थी न बता .... दीव कहता अबे.., मै तो...

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वो पहली बारिश - भाग 5 By Daanu

"ओए.. तुमने तो बताया भी नहीं, की तुम आते ही बड़े कांड कर के आई हो।", निया की नई टीम वाली सहेली ने उनके कॉफी के लिए जाते टाइम पूछा। "कांड.. मुझे तो सच में समझ ही नहीं आ रहा की ऐसा भ...

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कहानी संग्रह - 17 - एक ईश्वर By Shakti Singh Negi

परमेश्वर एक है. वही एक निराकार है, वही एक साकार है. पुराणों में उसी एक परमेश्वर को परम शिव कहा गया है. तो दूसरे पुराण में उसी एक परमेश्वर को महाविष्णु कहा गया है. तो तीसरे पुराण मे...

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टापुओं पर पिकनिक - 71 By Prabodh Kumar Govil

जापान से लौट कर आने के बाद से साजिद और मनप्रीत का एक बड़ा बोझ और भी उतर गया था। वो मधुरिमा के पैसे उसे सकुशल वापस लौटा आए थे। बोझ तो था ही वो। कितना मुश्किल होता है आज के ज़माने मे...

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25 “कितना प्यारा है ऋषभ, एकदम निश्चल मन का है न स्वार्थ है, न कोई लालच। कल से उसके साथ है पर एक बार भी उसने उसे गलत तरीके से टच नहीं किया। ऋषभ तुम मुझे सच में प्यार करते हो,...

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वह अब भी वहीं है - 21 By Pradeep Shrivastava

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या तो फिर कोई ऐसा परिवल ढूंढ के लाए जिससे हमारी करेंसी सिर्फ हमारे ही घर में रहे. मुद्राओं के काल में जीन चीज वस्तु के मोल काने, पैसे से आगे बढ़ नहीं पा रहे थे, उन्हीं चीज...

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ये उन दिनों की बात है - 41 By Misha

"मैं बहुत परेशान हूँ, दिव्या | क्या कल हम मिल सकते हैं?मैं तुम्हारा रामनिवास बाग में इंतज़ार करूँगा |तुम्हारा सागर" | बस इतना ही लिखा था उस चिट्ठी में |कल मुझे प्रवेश पत्र भी लेने ज...

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अतीत के पन्ने - भाग २ By RACHNA ROY

रेखा ने कहा मेरे बाद तेरी बारी है। और अब आगे।।फिर से काव्या अपने वर्तमान में आ गई। और फिर रेखा उसके पति आलोक और छोटा बेटानीरज सब आ गए।छाया ने सबका सामान लेकर अन्दर आ गई। काव्या ने...

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टेढी पगडंडियाँ - 26 By Sneh Goswami

टेढी पगडंडियाँ 26 सिमरन इस बीच बेहद घबराई पङी थी । उसे हरपल गुरनैब की सलामती की फिक्र रहती । कहीं गुरनैब को कुछ हो न जाये । निरंजन जैसे कद्दावर जट्ट की अन्यायी मौत उसकी आँखों...

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भवभूति के रूपको का उप जीव्य साहित्य By Dr Mrs Lalit Kishori Sharma

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