hindi Best Fiction Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Fiction Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cu...Read More


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जलपरी और वृक्ष मानव - भाग 2 By Shakti Singh Negi

कुछ देर बाद वह स्त्री एक 6 फीट लंबी गोरी - चिट्टी स्त्री के साथ वहां आई. नई स्त्री के कंधे पर धनुष व पीठ पर तरकश था. उसने भी जानवरों की खाल के वस्त्र पहन रखे थे. उसकी कमर से एक...

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तेरे मेरे दरमियां यह रिश्ता अंजाना - (भाग-7) - अनुराग पूजा की हवेली By Priya Maurya

आदित्य -" कोई ना तेरी शादी उसकी दोस्त से करा दूँगा फिर दोनो साथ मे एक दुसरे को देख हंसगें।" रौनक कहरते हुये -" क्या उस कलुटी से...... राम राम कौन शादी करेगा पिसाचनी लगती है पूरी की...

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लावण्या - भाग ७ By Jagruti Joshi

पिछले पार्ट में हमने देखा की लावण्या ने बहुत कोशिश की पर लक्ष नहीं आया अब आगे........ जैसे ही लावण्या बेहोश हुई लक्ष दौड़कर कैफे से बहार आया लावी को सिया के प...

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मेरा Hero (भाग-11) पार्क मे धमाका By Priya Maurya

श्रुति बगल के पार्क मे जाकर एक बैंच खोजकर बैठ जाती है। उसे रह रह कर शौर्य का ख्याल आ रहा था । तभी उसका ध्यान एक शक्स पर जाता है जो काले कम्बल ओढे पार्क मे पेड के पीछे छुपा था और न...

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टापुओं पर पिकनिक - 97 By Prabodh Kumar Govil

डिस्कशन बहुत रोचक होता जा रहा था। - नहीं- नहीं, अब समय बदल गया है। ऐसी बातें कोई नहीं सोचता। डायरेक्टर उजास बर्मन बोले। प्रोड्यूसर साहब हंसे, बोले- इसीलिए तो हमें सोचना चाहिए, जो क...

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बागी स्त्रियाँ - भाग नौ By Ranjana Jaiswal

जल्द ही अपूर्वा को पता चल गया कि कि वे कोई समदर्शी,आदर्शवादी,त्यागी,विरागी संन्यासी नहीं बल्कि किसी भी साधारण पुरूष की तरह ही हैं,जिसका अपने मनोभावों पर नियंत्रण नहीं होता, अंतर बस...

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जीवनधारा - 3 By Shwet Kumar Sinha

घर पहुँचकर पूजा नहाधोकर कपड़े बदली और बैग से कुछ निकालने के लिए आगे बढ़ी तो ये क्या ! उसके और रूपेश के बैग की अदला-बदली हो गयी थी । .... ...तभी, पूजा के मोबाइल की घंटी बजी । देखा, तो...

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दो रास्ते - भाग-3 By S Sinha

भाग -3 कहानी दो रास्ते नोट - पिछले अंक में आपने पढ़ा कि एक तरफ अमर का बेटा गुम हो गया और दूसरी तरफ दूसरे प्रान्त में चोपड़ा परिवार का बेटा विजय भी गुम हो जाता है , अब आगे .....

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टेढी पगडंडियाँ - 33 By Sneh Goswami

टेढी पगडंडियाँ 33 आशा के विपरीत सिमरन थोङी देर में ही तैयार हो कर आ गयी । आज उसने फिरोजी रंग का गुलाबी कढाई और गुलाबी दुपट्टे वाला सूट पहन रखा था जिसमे वह बहुत प्यारी लग रही...

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हमे तुमसे प्यार कितना... - 6 - विराज का गुस्सा By Poonam Sharma

उस शख्स को देखते ही उस लड़के के कदम उस ओर बढ़ गए और बोला "आपको इजाज़त लेने की जरूरत कब से पढ़ गई डैड"। महेश जी मुस्कुराए और कहा आपकी प्रेजेंटेशन रेडी है विराज? विराज ने हां में अप...

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नैनं छिन्दति शस्त्राणि - 51 By Pranava Bharti

51 समिधा के जीवन में जो खालीपन आ गया तब उस स्थान को केवल काम ही नहीं भर सकता था | कुछ रिश्ते, कुछ घटनाएँ ऐसी होती हैं जो ताउम्र मस्तिष्क की दीवार पर चिपकी रह जाती हैं | आँखें बंद क...

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एहसास प्यार का खूबसूरत सा - 65 By ARUANDHATEE GARG मीठी

आखिर अब तक जो बातें ख्वाबों के दीदार में होती थीं उस सच ने आज हकीकत की तब्दीलियों का समा बांध ही लिया था ❤️ आखिर सच ही तो है , अब तक काय...

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स्त्री.... - (भाग-31) By सीमा बी.

स्त्री.......(भाग-31) वो शाम बहुत सुंदर बीती, सोमेश जी मुझे छोड़ कर जल्दी मिलते हैं का वादा करके वापिस चले गए, कह रहे थे कि अब शायद सीधा अपनी डयूटी पर जाऊँगा।आरती अपने काम में लगी...

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वो पहली बारिश - भाग 12 By Daanu

अगले दिन सुबह निया दरवाज़े से कान लगा कर खड़ी थी। "ओए.. क्या हो गया है तुझे?", उसे यूं खड़े देख रिया ने पूछा। "मुझे? मुझे क्या ही होना है अब।" निया बोल ही रही थी की इतने बाहर दरवाज...

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लोकतांत्रिक युग में मानव अधिकारों की महत्ता By Dr Mrs Lalit Kishori Sharma

मानव जाति के क्रमबद्ध सुव्यवस्थित और सकारात्मक विकास के लिए एक निश्चित दायरे में संरक्षण तथा प्रोत्साहन की आवश्यकता सदैव से ही अनुभव की जाती रही है और की जाती रहेगी। किसी भी लोकप्र...

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अतीत के पन्ने - भाग ६ By RACHNA ROY

काव्या की अब ये आदत बन गई थी कि चुपके-चुपके अपनी सन्तान को दुध पिलाती थी और फिर एक दिन जब रेखा ने देखा तो वो भड़क गई थी अरे तू क्या जाने मां का दूध क्या होता है हां शर्म नहीं आती...

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वह अब भी वहीं है - 53 - अंतिम भाग By Pradeep Shrivastava

भाग -53 मैंने ख्वाब में भी नहीं सोचा था कि कभी इन बर्छियों का जख्म भरेगा। यह जख्म देने वाले शौहर को कभी भूल पाऊँगी। काश देश में तीन तलाक पर कानून पहले बना होता तो मैं उस नामुराद को...

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स्टेट बंक ऑफ़ इंडिया socialem (the socialization) - 32 By Nirav Vanshavalya

सुप्रीम कोर्ट की काउंसिलर मी वेदमार्गी ने कहा अरे भाई इसकी तो आजकल बोलबाला है. एडवर्ड ने कहा तो फिर ठीक है अमेरिकन रिजर्व बैंक के पास जाइए और क्रिप्टो के एक्सचेंज मांगीेये, फ...

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प्यार के इन्द्रधुनष - 39 - अंतिम भाग By Lajpat Rai Garg

- 39 - प्रायः ड्यूटी निभाकर घर आने पर जब टॉमी दुम हिलाता हुआ उसकी पिण्डुलियों से सिर रगड़ता था और वासु उसके हाथों में गर्मागर्म कॉफी का कप पकड़ाता था तो डॉ. वर्मा की सारे दिन की थक...

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वो अनकही बातें - 30 By RACHNA ROY

समीर घर पहुंच कर ही विनय काका को कहा जल्दी से कुछ खाने को दो। विकास ने कहा हां यार भुख लगी है।विनय काका ने कहा हां ठीक है खाना लगा दिया है। फिर दोनों बैठ कर खाने लगे। समीर ने कहा अ...

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जलपरी और वृक्ष मानव - भाग 2 By Shakti Singh Negi

कुछ देर बाद वह स्त्री एक 6 फीट लंबी गोरी - चिट्टी स्त्री के साथ वहां आई. नई स्त्री के कंधे पर धनुष व पीठ पर तरकश था. उसने भी जानवरों की खाल के वस्त्र पहन रखे थे. उसकी कमर से एक...

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तेरे मेरे दरमियां यह रिश्ता अंजाना - (भाग-7) - अनुराग पूजा की हवेली By Priya Maurya

आदित्य -" कोई ना तेरी शादी उसकी दोस्त से करा दूँगा फिर दोनो साथ मे एक दुसरे को देख हंसगें।" रौनक कहरते हुये -" क्या उस कलुटी से...... राम राम कौन शादी करेगा पिसाचनी लगती है पूरी की...

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लावण्या - भाग ७ By Jagruti Joshi

पिछले पार्ट में हमने देखा की लावण्या ने बहुत कोशिश की पर लक्ष नहीं आया अब आगे........ जैसे ही लावण्या बेहोश हुई लक्ष दौड़कर कैफे से बहार आया लावी को सिया के प...

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मेरा Hero (भाग-11) पार्क मे धमाका By Priya Maurya

श्रुति बगल के पार्क मे जाकर एक बैंच खोजकर बैठ जाती है। उसे रह रह कर शौर्य का ख्याल आ रहा था । तभी उसका ध्यान एक शक्स पर जाता है जो काले कम्बल ओढे पार्क मे पेड के पीछे छुपा था और न...

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टापुओं पर पिकनिक - 97 By Prabodh Kumar Govil

डिस्कशन बहुत रोचक होता जा रहा था। - नहीं- नहीं, अब समय बदल गया है। ऐसी बातें कोई नहीं सोचता। डायरेक्टर उजास बर्मन बोले। प्रोड्यूसर साहब हंसे, बोले- इसीलिए तो हमें सोचना चाहिए, जो क...

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बागी स्त्रियाँ - भाग नौ By Ranjana Jaiswal

जल्द ही अपूर्वा को पता चल गया कि कि वे कोई समदर्शी,आदर्शवादी,त्यागी,विरागी संन्यासी नहीं बल्कि किसी भी साधारण पुरूष की तरह ही हैं,जिसका अपने मनोभावों पर नियंत्रण नहीं होता, अंतर बस...

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जीवनधारा - 3 By Shwet Kumar Sinha

घर पहुँचकर पूजा नहाधोकर कपड़े बदली और बैग से कुछ निकालने के लिए आगे बढ़ी तो ये क्या ! उसके और रूपेश के बैग की अदला-बदली हो गयी थी । .... ...तभी, पूजा के मोबाइल की घंटी बजी । देखा, तो...

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दो रास्ते - भाग-3 By S Sinha

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स्त्री.......(भाग-31) वो शाम बहुत सुंदर बीती, सोमेश जी मुझे छोड़ कर जल्दी मिलते हैं का वादा करके वापिस चले गए, कह रहे थे कि अब शायद सीधा अपनी डयूटी पर जाऊँगा।आरती अपने काम में लगी...

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लोकतांत्रिक युग में मानव अधिकारों की महत्ता By Dr Mrs Lalit Kishori Sharma

मानव जाति के क्रमबद्ध सुव्यवस्थित और सकारात्मक विकास के लिए एक निश्चित दायरे में संरक्षण तथा प्रोत्साहन की आवश्यकता सदैव से ही अनुभव की जाती रही है और की जाती रहेगी। किसी भी लोकप्र...

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अतीत के पन्ने - भाग ६ By RACHNA ROY

काव्या की अब ये आदत बन गई थी कि चुपके-चुपके अपनी सन्तान को दुध पिलाती थी और फिर एक दिन जब रेखा ने देखा तो वो भड़क गई थी अरे तू क्या जाने मां का दूध क्या होता है हां शर्म नहीं आती...

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वह अब भी वहीं है - 53 - अंतिम भाग By Pradeep Shrivastava

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स्टेट बंक ऑफ़ इंडिया socialem (the socialization) - 32 By Nirav Vanshavalya

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- 39 - प्रायः ड्यूटी निभाकर घर आने पर जब टॉमी दुम हिलाता हुआ उसकी पिण्डुलियों से सिर रगड़ता था और वासु उसके हाथों में गर्मागर्म कॉफी का कप पकड़ाता था तो डॉ. वर्मा की सारे दिन की थक...

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समीर घर पहुंच कर ही विनय काका को कहा जल्दी से कुछ खाने को दो। विकास ने कहा हां यार भुख लगी है।विनय काका ने कहा हां ठीक है खाना लगा दिया है। फिर दोनों बैठ कर खाने लगे। समीर ने कहा अ...

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