hindi Best Fiction Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Fiction Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cu...Read More


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  • सोई तकदीर की मलिकाएँ - 49

      49   चिङिया को अपना आहार निगलते देख कर सुभाष दार्शनिक हो गया था । सौभाग्य या द...

  • सब कुछ यथावत

    प्राय ऐसा हर दिन ही होता था कि इधर मैंने चाय पीकर कप रखा और उधर एक जानी पहचानी स...

  • अग्निजा - 127

    लेखक: प्रफुल शाह प्रकरण-127 उस मेल को देखकर भावना पागलों की तरह उछलने लगी। &lsqu...

सोई तकदीर की मलिकाएँ - 49 By Sneh Goswami

  49   चिङिया को अपना आहार निगलते देख कर सुभाष दार्शनिक हो गया था । सौभाग्य या दुर्भाग्य क्या है , बस वक्त का फेर । एक का सौभाग्य अक्सर दूसरे का दुर्भाग्य हो जाता है । जैसे शरण का...

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सब कुछ यथावत By Yogesh Kanava

प्राय ऐसा हर दिन ही होता था कि इधर मैंने चाय पीकर कप रखा और उधर एक जानी पहचानी सी आवाज़ हर दिन आती है। मेरे चाय के कप का खली होना और उसकी आवाज़ आना जैसे दोनों ही यंत्रचालित हों। उसकी...

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अग्निजा - 127 By Praful Shah

लेखक: प्रफुल शाह प्रकरण-127 उस मेल को देखकर भावना पागलों की तरह उछलने लगी। ‘वॉव...व्हाट ए न्यूज...कॉन्ग्रेचुलेशन्स..’ केतकी ने निर्विकार भाव से कहा, ‘इतनी उछलकूद...

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छुटकी दीदी - 21 - अंतिम भाग By Madhukant

- 21 - बारह दिन बाद रविवार को सलोनी की तेरहवीं एवं श्रद्धांजलि सभा का आयोजन स्वामी जी के आश्रम में किया गया। हॉस्पिटल के ऊपर चमकने वाली लाइट का सुन्दर बोर्ड लगा दिया गया था - &lsqu...

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शोहरत का घमंड - 38 By shama parveen

आर्यन अरूण से बोलता है कि मेने तुझे इसलिए बुलाया है ताकि में तुझे इन मैडम जी के बारे में बता सकू "।तभी आलिया आर्यन की तरफ़ देखने लगती हैं। तब अरूण बोलता है, "क्या बताना है तुझे "।त...

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इस प्यार को क्या नाम दूं ? - 4 By Vaidehi Vaishnav

(4) अर्नव की ज़हर उगलती कड़वी बातों को सुनकर ख़ुशी गुस्से से कहती है - बस कीजिए मिस्टर अर्नवसिंह रायजादा । आपके लिए रुपये सबकुछ होंगे जिससे आप जो चाहे खरीद सकते हैं, जिसे चाहें जो कह...

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चलते जाओ खुद से प्रीत जोड़ By Yogesh Kanava

कई दिनों से नेहा का कोई जवाब नहीं आ रहा था। रोहन रोजाना उसे गुडमार्निग मैसेज करता था। वो पहले तो सोचता था कि वो संभवतः अपने पति के डर के कारण मैसेज नहीं करती होगी किन्तु लगातार कई...

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वो निगाहे.....!! - 7 By Madhu

हा समझ गई मेरी माँ अब ना हसुगी फिर से खि खि कर हसने लगी l श्री धानी कि बच्ची चुप कर जा पागल लडकी l अच्छा अच्छा अब नहीं हसुगी पक्का धानी मुह पर उंगली धर लि l वैसे धानी मुझे अभी भी य...

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कोट - ३२ By महेश रौतेला

ठंडी सड़क:ठंडी सड़क पर धीरे-धीरे उसके साथ चल रहा था। मैंने कहा अब बुढ़ापा आ गया है। उसने कहा मन कभी बूढ़ा नहीं होता है। तभी उसने पुरानी फिल्म का गीत बजा दिया-"ये कौन आया, रोशन हो गई मह...

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बंधन प्रेम के - भाग 14 By Dr Yogendra Kumar Pandey

अध्याय 14 (43) मेजर विक्रम ने शांभवी का हाथ पकड़ा और तेजी से वे दोनों एक पेड़ की ओट में हो गए। मेजर विक्रम ने कहा- वो दूर एक गाड़ी खड़ी है न शांभवी? उसमें साधू संन्यासियों के वेश म...

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तमाचा - 34 (स्टार ) By नन्दलाल सुथार राही

"प्रिय विद्यार्थियों आपने कॉलेज इलेक्शन में जो फैसले लिए है। वह बेहतरीन है। हालांकि दिव्या मेरी बेटी है और इस इलेक्शन में आपके सामने प्रत्याशी थी। पर वह चुनाव मेरी मदद से नहीं जीती...

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कैक्टस के जंगल - भाग 20 - (अंतिम भाग) By Sureshbabu Mishra

20 समय का चक्र कल्जीखाल की पहाड़ियों पर धूप पसर आई थी। जसमतिया धूप का आनन्द लेती रही। अक्टूबर शुरू हो गया था, इसलिए हवा में ठंडक बढ़ गई थी। जसमतिया को धूप में बैठना बड़ा अच्छा लग रहा...

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वो तो नही By Gopal Chowdhary

  Cover Page: Slide no. 1 as provided in available options Title Page वो तो नहींगोपाल चौधरी               2. Copyright Page The Copyright & Publisher’s page can also be used to giv...

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Devil's सुंदर wife - 8 - स्ट्रेंजर से शादी.... By Deeksha Vohra

एपिसोड 8 ( स्ट्रेंजर से शादी ... ) "मैंने वास्तव में अपने बेटे के लिए एक अविश्वसनीय साथी चुना है।" अभिराज के पीछे सम्मानपूर्वक खड़े प्रधान सहायक सत्यम को अपने गुरु की बातें चौंकाने...

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सोई तकदीर की मलिकाएँ - 49 By Sneh Goswami

  49   चिङिया को अपना आहार निगलते देख कर सुभाष दार्शनिक हो गया था । सौभाग्य या दुर्भाग्य क्या है , बस वक्त का फेर । एक का सौभाग्य अक्सर दूसरे का दुर्भाग्य हो जाता है । जैसे शरण का...

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सब कुछ यथावत By Yogesh Kanava

प्राय ऐसा हर दिन ही होता था कि इधर मैंने चाय पीकर कप रखा और उधर एक जानी पहचानी सी आवाज़ हर दिन आती है। मेरे चाय के कप का खली होना और उसकी आवाज़ आना जैसे दोनों ही यंत्रचालित हों। उसकी...

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अग्निजा - 127 By Praful Shah

लेखक: प्रफुल शाह प्रकरण-127 उस मेल को देखकर भावना पागलों की तरह उछलने लगी। ‘वॉव...व्हाट ए न्यूज...कॉन्ग्रेचुलेशन्स..’ केतकी ने निर्विकार भाव से कहा, ‘इतनी उछलकूद...

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छुटकी दीदी - 21 - अंतिम भाग By Madhukant

- 21 - बारह दिन बाद रविवार को सलोनी की तेरहवीं एवं श्रद्धांजलि सभा का आयोजन स्वामी जी के आश्रम में किया गया। हॉस्पिटल के ऊपर चमकने वाली लाइट का सुन्दर बोर्ड लगा दिया गया था - &lsqu...

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शोहरत का घमंड - 38 By shama parveen

आर्यन अरूण से बोलता है कि मेने तुझे इसलिए बुलाया है ताकि में तुझे इन मैडम जी के बारे में बता सकू "।तभी आलिया आर्यन की तरफ़ देखने लगती हैं। तब अरूण बोलता है, "क्या बताना है तुझे "।त...

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इस प्यार को क्या नाम दूं ? - 4 By Vaidehi Vaishnav

(4) अर्नव की ज़हर उगलती कड़वी बातों को सुनकर ख़ुशी गुस्से से कहती है - बस कीजिए मिस्टर अर्नवसिंह रायजादा । आपके लिए रुपये सबकुछ होंगे जिससे आप जो चाहे खरीद सकते हैं, जिसे चाहें जो कह...

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चलते जाओ खुद से प्रीत जोड़ By Yogesh Kanava

कई दिनों से नेहा का कोई जवाब नहीं आ रहा था। रोहन रोजाना उसे गुडमार्निग मैसेज करता था। वो पहले तो सोचता था कि वो संभवतः अपने पति के डर के कारण मैसेज नहीं करती होगी किन्तु लगातार कई...

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वो निगाहे.....!! - 7 By Madhu

हा समझ गई मेरी माँ अब ना हसुगी फिर से खि खि कर हसने लगी l श्री धानी कि बच्ची चुप कर जा पागल लडकी l अच्छा अच्छा अब नहीं हसुगी पक्का धानी मुह पर उंगली धर लि l वैसे धानी मुझे अभी भी य...

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कोट - ३२ By महेश रौतेला

ठंडी सड़क:ठंडी सड़क पर धीरे-धीरे उसके साथ चल रहा था। मैंने कहा अब बुढ़ापा आ गया है। उसने कहा मन कभी बूढ़ा नहीं होता है। तभी उसने पुरानी फिल्म का गीत बजा दिया-"ये कौन आया, रोशन हो गई मह...

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बंधन प्रेम के - भाग 14 By Dr Yogendra Kumar Pandey

अध्याय 14 (43) मेजर विक्रम ने शांभवी का हाथ पकड़ा और तेजी से वे दोनों एक पेड़ की ओट में हो गए। मेजर विक्रम ने कहा- वो दूर एक गाड़ी खड़ी है न शांभवी? उसमें साधू संन्यासियों के वेश म...

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तमाचा - 34 (स्टार ) By नन्दलाल सुथार राही

"प्रिय विद्यार्थियों आपने कॉलेज इलेक्शन में जो फैसले लिए है। वह बेहतरीन है। हालांकि दिव्या मेरी बेटी है और इस इलेक्शन में आपके सामने प्रत्याशी थी। पर वह चुनाव मेरी मदद से नहीं जीती...

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कैक्टस के जंगल - भाग 20 - (अंतिम भाग) By Sureshbabu Mishra

20 समय का चक्र कल्जीखाल की पहाड़ियों पर धूप पसर आई थी। जसमतिया धूप का आनन्द लेती रही। अक्टूबर शुरू हो गया था, इसलिए हवा में ठंडक बढ़ गई थी। जसमतिया को धूप में बैठना बड़ा अच्छा लग रहा...

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वो तो नही By Gopal Chowdhary

  Cover Page: Slide no. 1 as provided in available options Title Page वो तो नहींगोपाल चौधरी               2. Copyright Page The Copyright & Publisher’s page can also be used to giv...

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Devil's सुंदर wife - 8 - स्ट्रेंजर से शादी.... By Deeksha Vohra

एपिसोड 8 ( स्ट्रेंजर से शादी ... ) "मैंने वास्तव में अपने बेटे के लिए एक अविश्वसनीय साथी चुना है।" अभिराज के पीछे सम्मानपूर्वक खड़े प्रधान सहायक सत्यम को अपने गुरु की बातें चौंकाने...

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