hindi Best Fiction Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Fiction Stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cu...Read More


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  • अकेली - भाग 4

    एक-एक करके सभी रिश्तेदार गंगा को छोड़ कर चले गए और अपने-अपने ठिकाने पहुँच गए। गंग...

  • कटासराज... द साइलेंट विटनेस - 29

    भाग 29 पुरवा इस किताब को पढ़ चुकी थी। इस लिए ये बस यूं ही रक्खी हुई थी। उसे कोई...

  • दारुण के जंगल

    दारुण के जंगल, बहुत ही घने, गहरे, देवधर के वृक्ष से सजे रहते है। साल के किसी भी...

अकेली - भाग 4 By Ratna Pandey

एक-एक करके सभी रिश्तेदार गंगा को छोड़ कर चले गए और अपने-अपने ठिकाने पहुँच गए। गंगा के मन के अंदर भभकता हुआ दिया एकदम से बुझ गया। अब वह बिल्कुल अकेली थी। मोहन और शालू कभी उसे कचरा बी...

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कटासराज... द साइलेंट विटनेस - 29 By Neerja Pandey

भाग 29 पुरवा इस किताब को पढ़ चुकी थी। इस लिए ये बस यूं ही रक्खी हुई थी। उसे कोई एतराज नहीं था इसे देने में। वो बोली, "कोई बात नही.. आप आराम से पढ़िए। हम पढ़ चुके हैं इसे।" सलमा जो...

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Prem Ratan Dhan Payo - 23 By Anjali Jha

जानकी हल्की मुस्कुराहट के साथ बोली " हमारा नाम जानकी झा हैं । वैसे तो हमारे दोस्त और करीबी लोग ही हमें इस नाम से पुकारते हैं । आप हमे जानू कह सकते हैं , हमे कोई एतराज़ नहीं । " जान...

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त्रियाची - 25 By prashant sharma ashk

भाग 25 एक विनाशकारी युद्ध के बाद पृथ्वी अब शांत थी। इधर प्रणिता, अनिकेत, रॉनी, यश और तुषार अब शक्तियां होने के बाद भी सामान्य रूप से जीवन जी रहे थे। दूसरी ओर त्राचा ग्रह पर भी अब स...

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भीतर का जादू - 16 By Mak Bhavimesh

मैं असमंजस में पड़कर उठ बैठा। मैं कहाँ था, और फ्रेड्रिक कहाँ था? उस आदमी ने मुझे गर्म सूप का एक कटोरा दिया। मैंने कटोरे में झाँककर पूछा, "क्या इसमें केकड़े हैं?" "नहीं," उसने उत्तर...

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वो निगाहे.....!! - 20 By Madhu

उनका किसी के गले लगने का कहना और उसकी निगाहो का सिकुड़ना......! उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़!! अरे तुम कहाँ जा रही हो? अभी जीजा जी आये हैं बेचारे सिर्फ़ बहाना हमारा था असल में मिलना तो तुमसे हि था कह...

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क्षमा करना वृंदा - 19 - अंतिम भाग By Pradeep Shrivastava

भाग -19 नाश्ता अब भी जस का तस रखा था। हम-दोनों ने एक-दो घूँट कॉफ़ी ही पी थी बस। वृंदा की बातें सुनकर मैं बहुत भावुक हो गई। मैंने कहा, “सच वृंदा तुम जैसे लोग ही इस पृथ्वी पर सा...

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आई-सी-यू - भाग 7 - अंतिम भाग By Ratna Pandey

अंतिम घड़ी में शायद नीलिमा सोच रही थीं कि काश सौरभ की उनके साथ घूमने जाने की इच्छा उन्होंने पूरी कर दी होती। अपने साथ उन्हें भी थोड़ी दुनिया देख लेने दी होती। सौरभ भी खुद के लिए कह...

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दारुण के जंगल By Ruchi Modi Kakkad

दारुण के जंगल, बहुत ही घने, गहरे, देवधर के वृक्ष से सजे रहते है। साल के किसी भी मौसम का उनपर कोई असर नहीं होता है। बारिश में भीग कर भी सधे रहते, कोहरे, बर्फबारी के थपेड़े भी सहते र...

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सोई तकदीर की मलिकाएँ - 65 - अंतिम भाग By Sneh Goswami

  65 चरण सिंह रह रह कर गुस्से से तिलमिला रहा था । कितने अरमान से उसने अपनी बहन का ब्याह यहाँ इस घर में किया था । सोचा था , जयकौर वहाँ हवेली में राजरानी बन कर रहेगी और हमें भी राज क...

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अकेली - भाग 4 By Ratna Pandey

एक-एक करके सभी रिश्तेदार गंगा को छोड़ कर चले गए और अपने-अपने ठिकाने पहुँच गए। गंगा के मन के अंदर भभकता हुआ दिया एकदम से बुझ गया। अब वह बिल्कुल अकेली थी। मोहन और शालू कभी उसे कचरा बी...

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कटासराज... द साइलेंट विटनेस - 29 By Neerja Pandey

भाग 29 पुरवा इस किताब को पढ़ चुकी थी। इस लिए ये बस यूं ही रक्खी हुई थी। उसे कोई एतराज नहीं था इसे देने में। वो बोली, "कोई बात नही.. आप आराम से पढ़िए। हम पढ़ चुके हैं इसे।" सलमा जो...

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Prem Ratan Dhan Payo - 23 By Anjali Jha

जानकी हल्की मुस्कुराहट के साथ बोली " हमारा नाम जानकी झा हैं । वैसे तो हमारे दोस्त और करीबी लोग ही हमें इस नाम से पुकारते हैं । आप हमे जानू कह सकते हैं , हमे कोई एतराज़ नहीं । " जान...

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त्रियाची - 25 By prashant sharma ashk

भाग 25 एक विनाशकारी युद्ध के बाद पृथ्वी अब शांत थी। इधर प्रणिता, अनिकेत, रॉनी, यश और तुषार अब शक्तियां होने के बाद भी सामान्य रूप से जीवन जी रहे थे। दूसरी ओर त्राचा ग्रह पर भी अब स...

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मैं असमंजस में पड़कर उठ बैठा। मैं कहाँ था, और फ्रेड्रिक कहाँ था? उस आदमी ने मुझे गर्म सूप का एक कटोरा दिया। मैंने कटोरे में झाँककर पूछा, "क्या इसमें केकड़े हैं?" "नहीं," उसने उत्तर...

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वो निगाहे.....!! - 20 By Madhu

उनका किसी के गले लगने का कहना और उसकी निगाहो का सिकुड़ना......! उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़!! अरे तुम कहाँ जा रही हो? अभी जीजा जी आये हैं बेचारे सिर्फ़ बहाना हमारा था असल में मिलना तो तुमसे हि था कह...

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क्षमा करना वृंदा - 19 - अंतिम भाग By Pradeep Shrivastava

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आई-सी-यू - भाग 7 - अंतिम भाग By Ratna Pandey

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दारुण के जंगल By Ruchi Modi Kakkad

दारुण के जंगल, बहुत ही घने, गहरे, देवधर के वृक्ष से सजे रहते है। साल के किसी भी मौसम का उनपर कोई असर नहीं होता है। बारिश में भीग कर भी सधे रहते, कोहरे, बर्फबारी के थपेड़े भी सहते र...

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सोई तकदीर की मलिकाएँ - 65 - अंतिम भाग By Sneh Goswami

  65 चरण सिंह रह रह कर गुस्से से तिलमिला रहा था । कितने अरमान से उसने अपनी बहन का ब्याह यहाँ इस घर में किया था । सोचा था , जयकौर वहाँ हवेली में राजरानी बन कर रहेगी और हमें भी राज क...

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