hindi Best Drama Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Drama in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cultures. Th...Read More


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  • हज़ार चौरासी की माँ - भाग 5 - अंतिम भाग

    नाटक ‘हज़ार चौरासी की माँ’ मूल बांग्ला उपन्यास - महाश्वेता देवी बांग्...

  • हलचल - पार्ट 7

    दोस्ती का उसूलअब तक आपने देखा:- अद्वय और आकृति के बीच दोस्ती की छोटी सी शुरुआत ह...

  • निखिल

    "मयंक, आज अगर निखिल होता, तो एम. बी.ए. के कौनसे वर्ष में होता?"माही ने चिट्ठी लि...

नसबंदी - 9 By Swati Grover

वक़्त फ़िर पंख लगाकर उड़ रहा है, मोहन ने कर्ज लेकर अपनी दुकान खरीद ली। अब उसकी दुकान भी अच्छी चल रही हैं । वो अपनी दुकान पर ही बैठा सोच रहा है, बिरजू और श्याम को गए पाँच महीने हो चुके...

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डेविल्स क्वीन - भाग 26 By Poonam Sharma

"कहां जा रही हो, स्वीट हार्ट?" अभिमन्यु ने उसके करीब हो कर उसके गाल के पास अपने होंठ ले जा कर पूछा। "हम बस अभी बात कर रहें हैं।" उसने उसे और करीब कर लिया। अनाहिता अपनी पीठ उसके सीन...

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हज़ार चौरासी की माँ - भाग 5 - अंतिम भाग By Mallika Mukherjee

नाटक ‘हज़ार चौरासी की माँ’ मूल बांग्ला उपन्यास - महाश्वेता देवी बांग्ला नाट्य रूपांतर - शांति चट्टोपाध्याय हिन्दी नाट्य अनुवाद - मल्लिका मुखर्जी दृश्य 5   नन्दिनी:...

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मे और महाराज - (फैसला_१) 45 By Veena

राजकुमारी शायरा की पालखी निकली तो जरूर थी राजकुमार अमन की तरफ, लेकिन बीच रास्ते में ही पालखी ने अपना रुख बदल दिया। राजकुमारी ने उन वाहको से काफी बहस की। लेकिन कोई मतलब नहीं वह चुपच...

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हलचल - पार्ट 7 By Darshika Humor

दोस्ती का उसूलअब तक आपने देखा:- अद्वय और आकृति के बीच दोस्ती की छोटी सी शुरुआत होती दिखाई देती है जब अद्वय आकृति की मदद करता है। अब आगे:- आकृति अपनी सोच से बाहर ही निकलती है कि bel...

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निखिल By SHAMIM MERCHANT

"मयंक, आज अगर निखिल होता, तो एम. बी.ए. के कौनसे वर्ष में होता?"माही ने चिट्ठी लिखने से पहले, अपने पति से पुष्ठि करने के लिए पूछा। मयंक माही को देखता रहा। यह औरत किस मिट्टी की बनी थ...

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सिर्फ सच कहना बचा था, कह दिया, भूलना मत इसे By Priya pandey

हम सब सच को श्रेष्ठ मानते हैं, सच से बड़ा मूल्य जीवन में शायद कुछ भी नहीं सच से अच्छा दोस्त कोई नहीं... लेकिन जब यही सच आपके खिलाफ हो तो इससे बड़ा शत्रु भी कोई नहीं, असल में इंसान के...

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एकांकी - एकलव्य By ramgopal bhavuk

एकांकी नाटक एकलव्य रामगोपाल भावुक (गाँव के चौराहे पर...

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नसबंदी - 9 By Swati Grover

वक़्त फ़िर पंख लगाकर उड़ रहा है, मोहन ने कर्ज लेकर अपनी दुकान खरीद ली। अब उसकी दुकान भी अच्छी चल रही हैं । वो अपनी दुकान पर ही बैठा सोच रहा है, बिरजू और श्याम को गए पाँच महीने हो चुके...

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डेविल्स क्वीन - भाग 26 By Poonam Sharma

"कहां जा रही हो, स्वीट हार्ट?" अभिमन्यु ने उसके करीब हो कर उसके गाल के पास अपने होंठ ले जा कर पूछा। "हम बस अभी बात कर रहें हैं।" उसने उसे और करीब कर लिया। अनाहिता अपनी पीठ उसके सीन...

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हज़ार चौरासी की माँ - भाग 5 - अंतिम भाग By Mallika Mukherjee

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मे और महाराज - (फैसला_१) 45 By Veena

राजकुमारी शायरा की पालखी निकली तो जरूर थी राजकुमार अमन की तरफ, लेकिन बीच रास्ते में ही पालखी ने अपना रुख बदल दिया। राजकुमारी ने उन वाहको से काफी बहस की। लेकिन कोई मतलब नहीं वह चुपच...

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निखिल By SHAMIM MERCHANT

"मयंक, आज अगर निखिल होता, तो एम. बी.ए. के कौनसे वर्ष में होता?"माही ने चिट्ठी लिखने से पहले, अपने पति से पुष्ठि करने के लिए पूछा। मयंक माही को देखता रहा। यह औरत किस मिट्टी की बनी थ...

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सिर्फ सच कहना बचा था, कह दिया, भूलना मत इसे By Priya pandey

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एकांकी - एकलव्य By ramgopal bhavuk

एकांकी नाटक एकलव्य रामगोपाल भावुक (गाँव के चौराहे पर...

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