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Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Book Reviews in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cultu...Read More


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शान्तिपुरा - अंजू शर्मा By राजीव तनेजा

अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए हम सब अपनी रुचिनुसार कोई ना कोई माध्यम चुनते हैं जैसे कोई चित्रकारी के माध्यम से अपनी बात कहता है तो अपनी वाकपटुता के ज़रिए अपने मन की भावनाओं व्य...

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संस्थानोपनिषद By Yashvant Kothari

देश का हर नागरिक दिल्लीमुखी है,और दुखी है दुखी आत्माएं सशरीर दिल्ली की ओर कूंच करती रहती हैं राजधानी के सबसे महत्व पूर्ण इलाके में स्थित इस भवन से देश की महत्व पूर्ण सेवाओं का परिच...

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कुछ तो बाकी है - रजनी मोरवाल By राजीव तनेजा

कई बार जब कभी हम लिखने बैठते हैं तो अमूमन ये सोच के लिखने बैठते हैं कि हमें आरंभ कहाँ से करना है और किस मोड़ पर ले जा कर हमें अपनी कहानी या उपन्यास का अंत करना है मगर कई बार ऐसा होत...

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कश्मीरियत के सौ सालों की दास्तां “रिफ्यूजी कैंप” By Keshav Patel

आशीष कौल व्हाइट शर्ट में ब्लैक टाई लगाए कोई मार्केटिंग या पीआर एजेंसी का हिस्सा नहीं हैं, जो दावा करें कि हमने नई किस्म की खुशबूदार बोतल या फिर कोई मौजे या टूथपेस्ट, बाजार में उतार...

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अकाल में उत्सव - पंकज सुबीर By राजीव तनेजा

कई बार कुछ ऐसा मिल जाता है पढ़ने को जो आपके अंतर्मन तक को अपने पाश में जकड़ लेता है। आप चाह कर भी उसके सम्मोहन से मुक्त नहीं हो पाते। रह रह कर आपका मन, आपको उसी तरफ धकेलता है और आप फ...

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डार्क मैन स बैड - गीता पंडित By राजीव तनेजा

कवि मन जब कभी भी कुछ रचता है बेशक वो गद्य या फिर पद्य में हो, उस पर किसी ना किसी रूप में कविता का प्रभाव होना लगभग अवश्यंभावी है। ऐसा वो जानबूझ कर नहीं करता बल्कि स्वत: ही कुदरती त...

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वक़्त के होंठों पर प्रेमगीत By Neelima Sharrma Nivia

कवि दीपक अरोरा जी का कविता संग्रह " वक़्त के होंठो पर एक प्रेम गीत " मेरे हाथो मैं हैं इसको पढना अपने आप में सुखद अनुभूति हैं प्रेम के भिन्न रूपों पर कविता लिखना और कविता को भीतर...

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लिट्टी चोखा - गीताश्री By राजीव तनेजा

कुछ का लिखा कभी आपको चकित तो कभी आपको विस्मृत करता है। कभी किसी की लेखनशैली तो कभी किसी की धाराप्रवाह भाषा आपको अपनी तरफ खींचती है। किसी की किस्सागोई पर पकड़ से आप प्रभावित होते हैं...

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जो रंग दे वो रंगरेज़ - रोचिका अरुण शर्मा By राजीव तनेजा

ये बात 1978-80 के आसपास की है। तब हमारे घर में सरिता, मुक्ता जैसी पत्रिकाऐं आया करती थी। बाद में इनमें गृहशोभा और गृहलक्ष्मी जैसी पत्रिकाओं का नाम भी इसी फेहरिस्त में जुड़ गया। तब उ...

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नया भारत By Jyoti Prakash Rai

आज की दुनिया एक नये युग का संचार कर रही है, आज का मानव प्रतिदिन एक नई खोज के साथ आगे बढ़ रहा है। और आगे के आने वाले दिनों में, ऐसा प्रतीत हो रहा है कि हर मनुष्य अपने आप में व्यस्त...

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जल By Jyoti Prakash Rai

जल की जीवन है इस बात में कोई शक नहीं है। क्योंकी धरती पर सभी जीवित प्राणियों को बिना जल के जीवित रह पाना यहां संभव नहीं है। सभी प्राणियों के लिए जल अमृत के समान है। वैसे तो धरती के...

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प्रेम की उम्र के चार पढ़ाव - काव्यसंग्रह मनीषा कुलश्रेष्ठ By Neelima Sharrma Nivia

"प्रेम की उम्र के चार पढाव"मनीषा कुलश्रेष्ठ प्यार ढाई अक्षर का शब्द हैं लेकिन इसकी अनुभूति सबको भिन्न भिन्न होती हैं | सुबह की ओस का चुम्बन करती किशोर उम्र जब इस छुवन को महसूस...

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अहल्या - नरेन्द्र कोहली By राजीव तनेजा

अगर आप मिथकीय गाथाओं और उनके चरित्रों में गहन रुचि रखते हैं तो इस तरह की कहानियों से आपका लगाव स्वाभविक है। ये सही है कि इस तरह की कथाएँ हमें रोमांचित करती हैं मगर कई बार उनमें घट...

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ग़ौरतलब कहानियां - सुभाष नीरव By राजीव तनेजा

किसी कहानी या उपन्यास को पढ़ते वक्त मेरा मकसद कभी भी महज़ टाइम पास वाला नहीं रहा। जब भी हम किसी का अच्छा, बुरा या फिर औसत लिखा हुआ पढ़ते है तो भी वह कहीं ना कहीं हमारे अंतर्मन के किसी...

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बग़ावती कोरस - संपादक सुघांशु गुप्त By राजीव तनेजा

आमतौर पर चली आ रही व्यवस्था के खिलाफ जाना, विद्रोह करना बगावत कहलाता है। बगावत पुरानी हो, जंग खा चुकी बेड़ियों को नकारने का आह्ववान है, दकियानूसी विचारधाराओं को तिलांजलि देने का माध...

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हद कर दी आपने - सुभाष चंदर By राजीव तनेजा

जब कभी आप धीर गंभीर मुद्रा में कोई किताब पढ़ रहे हों और बीच-बीच में ही अचानक पढ़ना छोड़, ठठा कर हँसने लगें तो आसपास बैठे लोगों का चौंक कर देखना लाज़मी है। ऐसा ही कुछ इस बार हुआ जब मैं...

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डार्क हॉर्स - नीलोत्पल मृणाल By राजीव तनेजा

कई बार कुछ कहानियाँ या उपन्यास अपनी भाषा...अपने कथ्य..अपनी रोचकता..अपनी तारतम्यता के बल पर आपको निशब्द कर देते हैं। उनको पूरा पढ़ने के बाद भी आप उसी कहानी..उसी परिवेश और उन्हीं पात...

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मिसेज फनीबोन्स - ट्विंकल खन्ना By राजीव तनेजा

माना जाता है कि किसी को हँसाना सबसे मुश्किल काम है। इस काम को आसान बनाने के लिए कुछ लोगों द्वारा किसी एक की खिल्ली उड़ा, उसे हँसी का पात्र बना सबको हँसाया जाता है लेकिन यकीन मानिए ऐ...

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क्लीन चिट- योगिता यादव By राजीव तनेजा

आज के दौर के सशक्त कहानीकारों के बारे में जब मैं सोचता हूँ तो ज़हन में आए नामों में एक नाम योगिता यादव जी का भी होता है। यूँ तो अंतर्जाल पर या फिर साझा संकलनों में उनकी कुछ रचनाएँ म...

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कही अनकही - किशोर श्रीवास्तव By राजीव तनेजा

जब आप किसी विश्वास के तहत किसी लेखक की किताब को पढ़ने के लिए उठाते हैं और उसमें आपकी उम्मीद के विपरीत अगर अलग तरह का पढ़ने को मिल जाए तो आपका आश्चर्यचकित होना स्वाभाविक है। ऐसा ही कु...

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विसर्जन - वंदना वाजपेयी By राजीव तनेजा

कई बार किसी किताब को पढ़ते वक्त लगता है कि इस लेखक या लेखिका को हमने आज से पहले क्यों नहीं पढ़ा। ऐसा ही कुछ इस बार हुआ जब वंदना वाजपेयी जी का कहानी संकलन "विसर्जन" मैंनें पढ़ने के लिए...

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रौशनी के अंकुर- सविता मिश्रा By राजीव तनेजा

बिना किसी खर्चे के किताबों को पढ़ने और उन्हें प्रोत्साहित करने का एक आसान तरीका, उनकी आपस में दूसरों के साथ अदला बदली भी है। इस तरीके से आप अपने सीमित बजट में भी ढेर सारी किताबों को...

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सीता - मिथिला की योद्धा By राजीव तनेजा

किसी भारतीय लेखक की किताब की अगर एक बार में ही 10 लाख प्रतियां प्रिंट में चली जाएँ और उसके बाद धड़ाधड़ वो बिक भी जाएँ तो यकीनन इसे चमत्कार ही कहेंगे और इस चमत्कार को इस बार भी कर दिख...

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समीक्षा - ब्लडी मिडल क्लास - राकेश राय By राजीव तनेजा

आमतौर पर हम लोग फेसबुक या सोशल मीडिया पर समान रुचि वाले लोगों को ही अपना मित्र बनाते हैं। इसी कड़ी में मेरी मित्रता राकेश राय जी से हुई। मैसेंजर पर चैट के दौरान हुई बातचीत में उन्हो...

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सोचना तो पड़ेगा ही... By Piyush Goel

1.पीयूष जी आप अपने बारे में बतायें. जी मेरा नाम पीयूष कुमार गोयल (दादरीवाला) हैं मैं माता रवि कांता गोयल व पिता डॉ देवेंद्र कुमार गोयल के...

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सुबह ऐसे आती है - अंजू शर्मा By राजीव तनेजा

किसी कवियत्री को कहानीकार के रूप में सफलतापूर्वक परिवर्तित हो किस्सागोई करते देखना अपने आप में एक अलग एवं सुखद अनुभव से आपको रूबरू करवाता है। वर्तमान साहित्य जगत में अंजू शर्मा जी...

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व्योमवार्ता - आत्मकथा मे समाहित डॉ० वशिष्ठ सिंह के कर्मयोग की भगवद्गीता By व्योमेश

व्योमवार्ता /आत्मकथा मे समाहित श्रीमद्भागवत गीता, डॉ0 वशिष्ठ सिंह की आत्मकथा : व्योमेश चित्रवंश की डायरी, 20 फरवरी 2017, सोमवार पिछले दो सप्ताह से परम आदरणीय डॉ0...

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गली हसनपुरा By राजीव तनेजा

यूँ तो रजनी मोरवाल जी का साहित्य के क्षेत्र में जाना पहचाना नाम है और मेरा भी उनसे परिचय फेसबुक के ज़रिए काफी समय से है लेकिन अब से पहले कभी उनका लिखा पढ़ने का संयोग नहीं बन पाया। इ...

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व्योमवार्ता - काशी टेल, बनारस के छात्र जीवन की आईना ओम प्रकाश राय यायावर की किताब By व्योमेश

पिछले सप्ताह अपने मुखपुस्तिका (फेसबुक) के मित्र ओम प्रकाश राय यायावर का उपन्यास काशी टेल पढ़ा। इस किताब को पढ़ने की काफी दिनों से ईच्छा रहने के बावजूद किन्ही न किन्ही कारणों से यह...

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वाया मीडिया By Neelima Sharma

वाया मीडिया (उपन्यास ) गीताश्री लिखते रहे जुनूँ की हिकायात-ए-ख़ूँ-चकाँ हर-चंद इस में हाथ हमारे क़लम हुए ( मिर्ज़ा ग़ालिब ) *** आप हम सब अख़बार रेडियो टीवी के माध्यम से समाज की सब ख़बरो...

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व्योमवार्ता - डॉ० राजीव मिश्रा की किताब विषैला वामपंथ By व्योमेश

व्योमवार्ता /विषैला वामपंथ, जिसे बहुत पहले प्रकाशित हो कर पढ़ना चाहिये था : व्योमेश चित्रवंश की डायरी, 27जनवरी 2020 मुखपुस्तिका(फेसबुक) की हमारी साहित्यकार मित्र...

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मन्नत टेलर्स By राजीव तनेजा

किसी कहानी में अगर आपको बढ़िया कथानक, रोचक संवाद, धाराप्रवाह लेखनशैली, अपने आसपास के दिखते माहौल में रचे बसे विषय तथा खुद में रमे हरफनमौला टाइप के किरदार मिल जाएँ तो मेरे ख्याल से क...

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समीक्षा- मृगतृष्णा (कहानी संकलन) By राजीव तनेजा

जब नियति, परिस्थिति या फिर समाज अथवा परिवार द्वारा तय किए गए पति पत्नी के रिश्तों में किसी ना किसी कारणवश परेशानियां, दिक्कतें या दुश्वारियां पैदा हो अपना सर उठाने लगती हैं, तब उन...

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व्योमवार्ता - हम कहते है सत्य व्यास का अंदाजे बयॉ और By व्योमेश

व्योमवार्ता/है और भी दुनिया मे नावेलनिगार बड़े अच्छे, हम कहते सत्य व्यास का अंदाजे बयॉ और : व्योमेश चित्रवंश की डायरी,21 जनवरी 2020 कल रात सवा नौ बजे सत्य व्यास की बागी बल...

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लुकाछिपी- समीक्षा By राजीव तनेजा

आमतौर पर हम अपने दैनिक जीवन में हर तरह के किरदारों से रूबरू होते हैं। उनमें बच्चे, बूढ़े, प्रौढ़...युवा..हर तरह के लोग शामिल होते हैं और हर किरदार अपनी तय मनोस्थिति के हिसाब से कार्य...

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व्योमवार्ता - इमरजेंसी की इनसाइड स्टोरी By व्योमेश

व्योमवार्ता/ ईमरजेंसी की इनसाईड स्टोरी : व्योमेश चित्रवंश की डायरी, 17 जनवरी 2020जब देश मे इमरजेंसी लगी थी तो हम चार पॉच साल के उमर के रहे होगें। ईमरजेंसी खत्म होने के बाद चुनावों...

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समीक्षा - रागदरबारी - श्रीलाल शुक्ल By राजीव तनेजा

मेरे अब तक के जीवन का सबसे कठिन उपन्यास श्रीलाल शुक्ल जी द्वारा लिखित "रागदरबारी" रहा है जो कि व्यंग्यात्मक शैली में लिखा गया है। कठिन इसलिए नहीं कि उसकी भाषा दुरूह क्लिष्ट एवं अपठ...

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समीक्षा - फैलसूफ़ियां (राजीव तनेजा का व्यंग्य कहानी संग्रह) By Anju Sharma

भूमिका मैं राजीव तनेजा जी को मैं कई वर्षों से जानती हूँ। उनसे पहला परिचय फेसबुक पर ही हुआ। वे अक्सर लोगों के स्टेट्स से एक पंक्ति उठाकर टू लाइनर लिखते थे। उसी क्रम में कई बार उन...

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व्योमवार्ता - महोबा By व्योमेश

#किताबें मेरी दोस्तव्योमवार्ता/आल्हा कथानक का प्रामाणिक इतिहास: डॉ० सुधा चौहान राज की पुस्तक महोबा, आल्हा ऊदल की महागाथा अप्रैल 2019 से हर माह कम से कम चार पुस्तकें पढ़...

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समीक्षा - देह धरे को दण्ड- संपादक-सपना सिंह By राजीव तनेजा

अनछुए या फिर तथाकथित सामाजिक ताने बाने में वर्जित माने जाने वाले संबंधों से संबंधित विषयों पर जब भी कुछ लिखा गया होगा तो लेखक ने खुद को पहले अपनी आलोचना सहने के लिए मानसिक तौर पर त...

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शान्तिपुरा - अंजू शर्मा By राजीव तनेजा

अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए हम सब अपनी रुचिनुसार कोई ना कोई माध्यम चुनते हैं जैसे कोई चित्रकारी के माध्यम से अपनी बात कहता है तो अपनी वाकपटुता के ज़रिए अपने मन की भावनाओं व्य...

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संस्थानोपनिषद By Yashvant Kothari

देश का हर नागरिक दिल्लीमुखी है,और दुखी है दुखी आत्माएं सशरीर दिल्ली की ओर कूंच करती रहती हैं राजधानी के सबसे महत्व पूर्ण इलाके में स्थित इस भवन से देश की महत्व पूर्ण सेवाओं का परिच...

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कुछ तो बाकी है - रजनी मोरवाल By राजीव तनेजा

कई बार जब कभी हम लिखने बैठते हैं तो अमूमन ये सोच के लिखने बैठते हैं कि हमें आरंभ कहाँ से करना है और किस मोड़ पर ले जा कर हमें अपनी कहानी या उपन्यास का अंत करना है मगर कई बार ऐसा होत...

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कश्मीरियत के सौ सालों की दास्तां “रिफ्यूजी कैंप” By Keshav Patel

आशीष कौल व्हाइट शर्ट में ब्लैक टाई लगाए कोई मार्केटिंग या पीआर एजेंसी का हिस्सा नहीं हैं, जो दावा करें कि हमने नई किस्म की खुशबूदार बोतल या फिर कोई मौजे या टूथपेस्ट, बाजार में उतार...

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अकाल में उत्सव - पंकज सुबीर By राजीव तनेजा

कई बार कुछ ऐसा मिल जाता है पढ़ने को जो आपके अंतर्मन तक को अपने पाश में जकड़ लेता है। आप चाह कर भी उसके सम्मोहन से मुक्त नहीं हो पाते। रह रह कर आपका मन, आपको उसी तरफ धकेलता है और आप फ...

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डार्क मैन स बैड - गीता पंडित By राजीव तनेजा

कवि मन जब कभी भी कुछ रचता है बेशक वो गद्य या फिर पद्य में हो, उस पर किसी ना किसी रूप में कविता का प्रभाव होना लगभग अवश्यंभावी है। ऐसा वो जानबूझ कर नहीं करता बल्कि स्वत: ही कुदरती त...

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वक़्त के होंठों पर प्रेमगीत By Neelima Sharrma Nivia

कवि दीपक अरोरा जी का कविता संग्रह " वक़्त के होंठो पर एक प्रेम गीत " मेरे हाथो मैं हैं इसको पढना अपने आप में सुखद अनुभूति हैं प्रेम के भिन्न रूपों पर कविता लिखना और कविता को भीतर...

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लिट्टी चोखा - गीताश्री By राजीव तनेजा

कुछ का लिखा कभी आपको चकित तो कभी आपको विस्मृत करता है। कभी किसी की लेखनशैली तो कभी किसी की धाराप्रवाह भाषा आपको अपनी तरफ खींचती है। किसी की किस्सागोई पर पकड़ से आप प्रभावित होते हैं...

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जो रंग दे वो रंगरेज़ - रोचिका अरुण शर्मा By राजीव तनेजा

ये बात 1978-80 के आसपास की है। तब हमारे घर में सरिता, मुक्ता जैसी पत्रिकाऐं आया करती थी। बाद में इनमें गृहशोभा और गृहलक्ष्मी जैसी पत्रिकाओं का नाम भी इसी फेहरिस्त में जुड़ गया। तब उ...

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नया भारत By Jyoti Prakash Rai

आज की दुनिया एक नये युग का संचार कर रही है, आज का मानव प्रतिदिन एक नई खोज के साथ आगे बढ़ रहा है। और आगे के आने वाले दिनों में, ऐसा प्रतीत हो रहा है कि हर मनुष्य अपने आप में व्यस्त...

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जल By Jyoti Prakash Rai

जल की जीवन है इस बात में कोई शक नहीं है। क्योंकी धरती पर सभी जीवित प्राणियों को बिना जल के जीवित रह पाना यहां संभव नहीं है। सभी प्राणियों के लिए जल अमृत के समान है। वैसे तो धरती के...

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प्रेम की उम्र के चार पढ़ाव - काव्यसंग्रह मनीषा कुलश्रेष्ठ By Neelima Sharrma Nivia

"प्रेम की उम्र के चार पढाव"मनीषा कुलश्रेष्ठ प्यार ढाई अक्षर का शब्द हैं लेकिन इसकी अनुभूति सबको भिन्न भिन्न होती हैं | सुबह की ओस का चुम्बन करती किशोर उम्र जब इस छुवन को महसूस...

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अहल्या - नरेन्द्र कोहली By राजीव तनेजा

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ग़ौरतलब कहानियां - सुभाष नीरव By राजीव तनेजा

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बग़ावती कोरस - संपादक सुघांशु गुप्त By राजीव तनेजा

आमतौर पर चली आ रही व्यवस्था के खिलाफ जाना, विद्रोह करना बगावत कहलाता है। बगावत पुरानी हो, जंग खा चुकी बेड़ियों को नकारने का आह्ववान है, दकियानूसी विचारधाराओं को तिलांजलि देने का माध...

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डार्क हॉर्स - नीलोत्पल मृणाल By राजीव तनेजा

कई बार कुछ कहानियाँ या उपन्यास अपनी भाषा...अपने कथ्य..अपनी रोचकता..अपनी तारतम्यता के बल पर आपको निशब्द कर देते हैं। उनको पूरा पढ़ने के बाद भी आप उसी कहानी..उसी परिवेश और उन्हीं पात...

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क्लीन चिट- योगिता यादव By राजीव तनेजा

आज के दौर के सशक्त कहानीकारों के बारे में जब मैं सोचता हूँ तो ज़हन में आए नामों में एक नाम योगिता यादव जी का भी होता है। यूँ तो अंतर्जाल पर या फिर साझा संकलनों में उनकी कुछ रचनाएँ म...

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कही अनकही - किशोर श्रीवास्तव By राजीव तनेजा

जब आप किसी विश्वास के तहत किसी लेखक की किताब को पढ़ने के लिए उठाते हैं और उसमें आपकी उम्मीद के विपरीत अगर अलग तरह का पढ़ने को मिल जाए तो आपका आश्चर्यचकित होना स्वाभाविक है। ऐसा ही कु...

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विसर्जन - वंदना वाजपेयी By राजीव तनेजा

कई बार किसी किताब को पढ़ते वक्त लगता है कि इस लेखक या लेखिका को हमने आज से पहले क्यों नहीं पढ़ा। ऐसा ही कुछ इस बार हुआ जब वंदना वाजपेयी जी का कहानी संकलन "विसर्जन" मैंनें पढ़ने के लिए...

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रौशनी के अंकुर- सविता मिश्रा By राजीव तनेजा

बिना किसी खर्चे के किताबों को पढ़ने और उन्हें प्रोत्साहित करने का एक आसान तरीका, उनकी आपस में दूसरों के साथ अदला बदली भी है। इस तरीके से आप अपने सीमित बजट में भी ढेर सारी किताबों को...

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सीता - मिथिला की योद्धा By राजीव तनेजा

किसी भारतीय लेखक की किताब की अगर एक बार में ही 10 लाख प्रतियां प्रिंट में चली जाएँ और उसके बाद धड़ाधड़ वो बिक भी जाएँ तो यकीनन इसे चमत्कार ही कहेंगे और इस चमत्कार को इस बार भी कर दिख...

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समीक्षा - ब्लडी मिडल क्लास - राकेश राय By राजीव तनेजा

आमतौर पर हम लोग फेसबुक या सोशल मीडिया पर समान रुचि वाले लोगों को ही अपना मित्र बनाते हैं। इसी कड़ी में मेरी मित्रता राकेश राय जी से हुई। मैसेंजर पर चैट के दौरान हुई बातचीत में उन्हो...

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सोचना तो पड़ेगा ही... By Piyush Goel

1.पीयूष जी आप अपने बारे में बतायें. जी मेरा नाम पीयूष कुमार गोयल (दादरीवाला) हैं मैं माता रवि कांता गोयल व पिता डॉ देवेंद्र कुमार गोयल के...

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सुबह ऐसे आती है - अंजू शर्मा By राजीव तनेजा

किसी कवियत्री को कहानीकार के रूप में सफलतापूर्वक परिवर्तित हो किस्सागोई करते देखना अपने आप में एक अलग एवं सुखद अनुभव से आपको रूबरू करवाता है। वर्तमान साहित्य जगत में अंजू शर्मा जी...

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व्योमवार्ता - आत्मकथा मे समाहित डॉ० वशिष्ठ सिंह के कर्मयोग की भगवद्गीता By व्योमेश

व्योमवार्ता /आत्मकथा मे समाहित श्रीमद्भागवत गीता, डॉ0 वशिष्ठ सिंह की आत्मकथा : व्योमेश चित्रवंश की डायरी, 20 फरवरी 2017, सोमवार पिछले दो सप्ताह से परम आदरणीय डॉ0...

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गली हसनपुरा By राजीव तनेजा

यूँ तो रजनी मोरवाल जी का साहित्य के क्षेत्र में जाना पहचाना नाम है और मेरा भी उनसे परिचय फेसबुक के ज़रिए काफी समय से है लेकिन अब से पहले कभी उनका लिखा पढ़ने का संयोग नहीं बन पाया। इ...

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व्योमवार्ता - काशी टेल, बनारस के छात्र जीवन की आईना ओम प्रकाश राय यायावर की किताब By व्योमेश

पिछले सप्ताह अपने मुखपुस्तिका (फेसबुक) के मित्र ओम प्रकाश राय यायावर का उपन्यास काशी टेल पढ़ा। इस किताब को पढ़ने की काफी दिनों से ईच्छा रहने के बावजूद किन्ही न किन्ही कारणों से यह...

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वाया मीडिया By Neelima Sharma

वाया मीडिया (उपन्यास ) गीताश्री लिखते रहे जुनूँ की हिकायात-ए-ख़ूँ-चकाँ हर-चंद इस में हाथ हमारे क़लम हुए ( मिर्ज़ा ग़ालिब ) *** आप हम सब अख़बार रेडियो टीवी के माध्यम से समाज की सब ख़बरो...

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व्योमवार्ता - डॉ० राजीव मिश्रा की किताब विषैला वामपंथ By व्योमेश

व्योमवार्ता /विषैला वामपंथ, जिसे बहुत पहले प्रकाशित हो कर पढ़ना चाहिये था : व्योमेश चित्रवंश की डायरी, 27जनवरी 2020 मुखपुस्तिका(फेसबुक) की हमारी साहित्यकार मित्र...

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मन्नत टेलर्स By राजीव तनेजा

किसी कहानी में अगर आपको बढ़िया कथानक, रोचक संवाद, धाराप्रवाह लेखनशैली, अपने आसपास के दिखते माहौल में रचे बसे विषय तथा खुद में रमे हरफनमौला टाइप के किरदार मिल जाएँ तो मेरे ख्याल से क...

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समीक्षा- मृगतृष्णा (कहानी संकलन) By राजीव तनेजा

जब नियति, परिस्थिति या फिर समाज अथवा परिवार द्वारा तय किए गए पति पत्नी के रिश्तों में किसी ना किसी कारणवश परेशानियां, दिक्कतें या दुश्वारियां पैदा हो अपना सर उठाने लगती हैं, तब उन...

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व्योमवार्ता - हम कहते है सत्य व्यास का अंदाजे बयॉ और By व्योमेश

व्योमवार्ता/है और भी दुनिया मे नावेलनिगार बड़े अच्छे, हम कहते सत्य व्यास का अंदाजे बयॉ और : व्योमेश चित्रवंश की डायरी,21 जनवरी 2020 कल रात सवा नौ बजे सत्य व्यास की बागी बल...

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लुकाछिपी- समीक्षा By राजीव तनेजा

आमतौर पर हम अपने दैनिक जीवन में हर तरह के किरदारों से रूबरू होते हैं। उनमें बच्चे, बूढ़े, प्रौढ़...युवा..हर तरह के लोग शामिल होते हैं और हर किरदार अपनी तय मनोस्थिति के हिसाब से कार्य...

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व्योमवार्ता - इमरजेंसी की इनसाइड स्टोरी By व्योमेश

व्योमवार्ता/ ईमरजेंसी की इनसाईड स्टोरी : व्योमेश चित्रवंश की डायरी, 17 जनवरी 2020जब देश मे इमरजेंसी लगी थी तो हम चार पॉच साल के उमर के रहे होगें। ईमरजेंसी खत्म होने के बाद चुनावों...

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समीक्षा - रागदरबारी - श्रीलाल शुक्ल By राजीव तनेजा

मेरे अब तक के जीवन का सबसे कठिन उपन्यास श्रीलाल शुक्ल जी द्वारा लिखित "रागदरबारी" रहा है जो कि व्यंग्यात्मक शैली में लिखा गया है। कठिन इसलिए नहीं कि उसकी भाषा दुरूह क्लिष्ट एवं अपठ...

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समीक्षा - फैलसूफ़ियां (राजीव तनेजा का व्यंग्य कहानी संग्रह) By Anju Sharma

भूमिका मैं राजीव तनेजा जी को मैं कई वर्षों से जानती हूँ। उनसे पहला परिचय फेसबुक पर ही हुआ। वे अक्सर लोगों के स्टेट्स से एक पंक्ति उठाकर टू लाइनर लिखते थे। उसी क्रम में कई बार उन...

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व्योमवार्ता - महोबा By व्योमेश

#किताबें मेरी दोस्तव्योमवार्ता/आल्हा कथानक का प्रामाणिक इतिहास: डॉ० सुधा चौहान राज की पुस्तक महोबा, आल्हा ऊदल की महागाथा अप्रैल 2019 से हर माह कम से कम चार पुस्तकें पढ़...

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समीक्षा - देह धरे को दण्ड- संपादक-सपना सिंह By राजीव तनेजा

अनछुए या फिर तथाकथित सामाजिक ताने बाने में वर्जित माने जाने वाले संबंधों से संबंधित विषयों पर जब भी कुछ लिखा गया होगा तो लेखक ने खुद को पहले अपनी आलोचना सहने के लिए मानसिक तौर पर त...

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