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Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Anything in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cultures....Read More


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मंजिले - भाग 19 By Neeraj Sharma

           मंज़िले कहानी सगरे मे से ------                             ( एक मुलाक़ात )1987 की सत्य घटना, आधारित कहानी, पात्र कल्पनिक  और स्थान कल्पनिक हैं। अगर सच लिख दू... तो पथर बा...

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लोकहित अखबार By Siddharth

यह सिगार दिख रहा है? यह तब तक जिंदा है जब तक इसमें नशा है,पागलपन है,जुनून है फिर यह ज़ालिम इंसान इस नशे को आग लगा देता है,आशा देता है हवा में तैरने की,धुआं बनने की और यह नादान उसमे...

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प्रौद्योगिकी शासन भारत में एक नये आधुनिक युग की शुरुआत By Yashraj Bais

आज हर एक चीज़ केवल आपके मोबाइल या लैपटॉप के एक क्लिक पर संभव है, भले ही वो बैंक से बड़े से बड़े पेमेंट करना हो या ट्रेन या हवाई जहाज़ में सीट का आरक्षण करवाना हो, इस आधुनिकता ने हर...

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इधर उधर की - 5 By Kishanlal Sharma

मैं अकेला उनके चेम्बर के बाहर खड़ा था।वह लंच खत्म होने पर आए।उस समय उतर पश्चिम रेलवे के सी सी एम विजय कुमार थे।उनसे मिलने के लिये लोग आ जा रहे थे।वह भी दो तीन बार निकलकर बाथ रूम  गए...

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Shyari form Guri Baba - 1 By Guri baba

"दिल के कोने में एक ग़म छुपा बैठा हूँ,जिसे हर पल अपने साथ लेकर चलता हूँ।कभी सोचा था खुश रहेंगे हम,पर अब हर रास्ता सिर्फ तुमसे जुड़ता है।""जब से तुमने मुझसे बातें दूर की,मैंने अपनी...

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जिंदगी के रंग हजार - 18 By Kishanlal Sharma

भारतीय रेलवे का ट्रेन संचालनरेल का अपना अलग नेटवर्क है और ट्रेन संचालन कंट्रोल के माध्यम से किया जाता है।कंट्रोल ही तय करता है कौनसी ट्रेन चलेगी।कौनसी खड़ी रहेगी।कौनसी ट्रेन का क्रा...

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पहली ग्रामोफोन रिकॉर्ड वाली गायिका गौहर जान By S Sinha

                                 पहली ग्रामोफोन रिकॉर्ड वाली गायिका गौहर जान  बहुत ही कम लोगों को पता होगा कि भारत की पहली गायिका जिसकी रिकॉर्डिंग सबसे पहले  हुई थी वह कौन थी  . पु...

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पतंग उड़ायें पर सावधानी से By S Sinha

                                               पतंग उड़ायें पर सावधानी से     पतंगबाज़ी का मौसम आ रहा है  .यूँ तो पतंग उड़ाना महज एक खेल और मनोरंजन का साधन है जिसमें कम खर्च में भरपूर...

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वह कौन था By Sharovan

वह कौन था ? / कहानीएक सत्य घटना पर आधारित कहानी /शरोवन***'अरे यह थापा है बड़ा ही काम का आदमी. हम स्टूडेंट्स की तो बहुत ही हेल्प कर देता है. बहुत इमानदार भी है, मगर उसमें दो ही क...

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घटिया टाइप लफंगों को प्रमोट करते सीरिअल By R Mendiratta

घटिया सीरियल जेसे bigg boss के किरदार लफंगे हों तो उसे देखना एक अलग ही अनुभव हो सकता है। आइए, इस पर एक हास्य व्यंग्य लिखते हैं:घटिया सीरियल और लफंगे किरदार: एक अनोखा अनुभवआजकल के स...

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मनस्वी - भाग 11 By Dr. Suryapal Singh

अनुच्छेद-ग्यारह                           चिड़िया उड़ गईरात का पिछला प्रहर। पंखे की गति थोड़ी तेज हो गई है। मनु की भी साँस बढ़ गई है। माँ की आँख खुलती है। वह जाकर मनु को देखती है।...

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Aqi से देहाती ड्राइविंग से रोजी रोटी तक.. मेरा देश By R Mendiratta

आधुनिकता का पैमाना आधुनिकता की चकाचौंध में,शहर की जनता खो रही है।आकर्षण में बंधी हुई,अपनी बर्बादी बो रही है।ए.क्यू.आई. बढ़ता जाता,सांसों में घुलता जहर।प्रकृति की पुकार अनसुनी,हम बढ...

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न काम के न काज के. घन्टा बजाते रहो बस By R Mendiratta

नेता लोग काम करें या न करें, पर जनता को यह महसूस होना चाहिए कि वे काम कर रहे हैं। यह बात कुछ ऐसी है जैसे किसी फिल्म में हीरो का दिखना जरूरी है, चाहे वह असल में कुछ करे या न करे। आइ...

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ऐलान ए जंग By ABHAY SINGH

क्या यह ऐलान ए जंग है?खरगे साहब ने कहा कि वे बैलट पेपर से चुनाव चाहते हैं। ऐसी बयानी बातें पहले भी आई, पर कोई ठोस रणनीतिक कदम नही । क्योकि ये करना आसान भी नही।  ●●कांग्रेस इस मांग...

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संवाद By Kishanlal Sharma

(नैतिकता अनैतिकता के प्रश्नों को रेखांकित करती पौराणिक प्रसंग पर आधारित काल्पनिक कथा)मैं सुहागसेज पर घूँघट निकालकर बैठी पति के आने का इन तजार कर रही थी।प्रथम मिलन की रात्रि मन मे उ...

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जो पकड़ा जाए वो चोर. बाकी चरित्रवान By R Mendiratta

जो पकड़ा जाए वो चोर, बाकी देश भक्तये कैसा न्याय है, ये कैसा विध्वंस हैजो बोले सच वो देशद्रोही, जो छुपाए झूठ वो देशहितैषीये कैसा लोजिक है, ये कैसा तर्क हैजो पकड़ा जाए वो चोर, बाकी द...

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सरकारी समाचार जलेबी जेसे By R Mendiratta

सरकारी समाचार खुशी देते हैं ( जलेबी जैसे टेढ़े मेढे समाचार,मीठे भी)आज पूरे देश मे सूर्य खिला हुआ है,बारिश के आसार नही हैं ,पर विपक्ष इस पर अफवाहे फेला रहा हैहर तरफ मस्ती छाई हैपक्ष...

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स्वच्छ भ्रष्टाचार पर कुछ घटिया रचनाएँ By R Mendiratta

य़ह  व्यंग्यात्मक कविता है जो भ्रष्टाचार पर आधारित है:भ्रष्टाचार का खेलनेता और अफसर का, समझौता है निराला,भ्रष्टाचार की गंगा में, सबने हाथ डाला।जनता की सेवा का, करते हैं ये दावा,पर...

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बिक गए हैं जो वो सवाल. नहीं पूछते By R Mendiratta

(लॉजिक सो रही हैं हमारी आपकी  और मीडिया की)हम लोगों में एक कमी है जो आजकल अधिक दिख रही है,मीडिया जैसे नशे में है,कोई भी पृष्ण नहीं!आंकड़े अलग थलग करके देख के खुश होते हैं या दुखी भ...

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टूटी फूटी कहानियों का संग्रह - भाग 6 By Sonu Kasana

तीन भाइयों का जीवन का ज्ञानप्राचीन समय की बात है। एक गाँव में तीन भाई—विजय, विक्रम और वासुदेव—अपने माता-पिता के साथ रहते थे। तीनों भाई अपने पिता से विद्या प्राप्त करना चाहते थे और...

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रेत के घरौंदे सा By DINESH KUMAR KEER

1.शादी का शौक नही है साहब... बुरा लगता है :- मेरी वजह से किसी का बेटा अभी तक कुवारा बैठा है...! 2.कब आपकी आँखों में हमें मिलेगी पनाह,चाहे इसे समझो दिल्लगी या समझो गुनाह,अब भले ही ह...

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फिजा में हरियाली तुमसे है By DINESH KUMAR KEER

1.कोई पूछे तो भी तेरे किस्से बयाँ नहीं करते, हम अपने दिल की बातें यहाँ वहाँ नहीं करते...!2.सुनो... बहुत सारी बातें जमा हो गयी है करने को तुमसे, मेरे लिए तुम... एक दिन इतवार हो जाओ...

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आपकी नजरों ने समझा By DINESH KUMAR KEER

1.साथ रहते यूँ ही वक़्त गुजर जायेगा,दूर होने के बाद कौन किसे याद आयेगा,जी लो ये पल जब हम साथ हैं दोस्तों,कल क्या पता वक़्त कहाँ ले के जायेगा...2.मेरे दिल का दर्द किसने देखा है, मुझे...

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यूंही अच्छे लगते हो By DINESH KUMAR KEER

1."पाने की तलब है ही कहां""हम तो बस तुझे खोने से डरते हैं"2.बहुत खूबसूरत है, तेरे इन्तजार का आलम... बेकरार सी आँखों में इश्क बेहिसाब लिए बैठे हैं...!3.कितनो को पसंद थी तुम पर,मेरी...

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सांसों में बसे हो तुम By DINESH KUMAR KEER

1.दूरी ने कर दिया है तुझे और भी करीबतेरा ख्याल' आ कर न जाये तो क्या करें2.मोहब्बत का हसीन पैगाम लिख दू क्या,गजब की शाम है तुम्हारे नाम लिख दू क्या...3.हम भी अब मोहब्बत के गीत ग...

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रिश्ता अनोखा सरलता का By DINESH KUMAR KEER

1.ऐसा ना हो कि,तुम्हें जब मेरी आदत होने लगे,अपने आस पास,मुझे ढूंढने की,कवायद होने लगे...2.इन सुलगते रास्तों पर मैं अब्र बिखरा रही हूं,अपने हिस्से का सारा सब्र बिखरा रही हूं,बिखरा र...

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देखो फूल रूठ गए By DINESH KUMAR KEER

1.जिस राह पर अब हम हैं,घर तुम्हारा पीछे छूट गया,शीशे का महल था,शब्द कंकरों से,छन से टूट गया...2.बाज़ार का हुस्न भी कुछ कम नहीं,रंगो और साजो सामान से भरा है,अपनी ही कहानी कहता है,और...

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किस्मत ने बांधा (एक डोर से) By DINESH KUMAR KEER

1.आज रास्ते में देखा उसे,सब बदला बदला सा लगा,वो जो सबकुछ हुआ करता था कभी,दुनियां की तरह अजनबी सा लगा,रात दिन जिसकी आस रहती थी कभी,वो अब मुझे मेरी तिश्नगी नहीं लगा...2.एक सहारा तुम्...

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चलो मुस्कुरा दो अब By DINESH KUMAR KEER

1.अपनी अच्छाई पे तुम भरोसा रखना,बंद मत करना खुद को,किसी कमरे में,बंद कमरे में भी अपने लिए,खुला एक झरोखा रखना,बहुत रोकेंगे लोग तुम्हें,हंसने मुस्कुराने से,तुम रुकना नहीं किसी भी हाल...

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किस्मत की डोरी से बंधे दिल By DINESH KUMAR KEER

1.किसी के रंग में रंगने से अच्छा है, अपनी पसंद के रंगों का ख्याल रखो, बेरंग ना हो जाओ बस यूँ ही किसी की ख़ातिर, तुम अपनी पसंद ना पसंद से प्यार रखो...2.वो शख्स बड़ा ही दिलदार था,दिल...

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तू है मेरी जिन्दगी By DINESH KUMAR KEER

1.इश्क की गहराइयों में खोकर,दिल की हर धड़कन उसे याद करती है।प्यार की बातों में गुम हो जाना,वही सच्चा इश्क है, जो दिल को बेखुद बना देता है।2.ख्वाबों की दुनिया में खोकर,तेरी बाहों मे...

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मंजिले - भाग 19 By Neeraj Sharma

           मंज़िले कहानी सगरे मे से ------                             ( एक मुलाक़ात )1987 की सत्य घटना, आधारित कहानी, पात्र कल्पनिक  और स्थान कल्पनिक हैं। अगर सच लिख दू... तो पथर बा...

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लोकहित अखबार By Siddharth

यह सिगार दिख रहा है? यह तब तक जिंदा है जब तक इसमें नशा है,पागलपन है,जुनून है फिर यह ज़ालिम इंसान इस नशे को आग लगा देता है,आशा देता है हवा में तैरने की,धुआं बनने की और यह नादान उसमे...

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प्रौद्योगिकी शासन भारत में एक नये आधुनिक युग की शुरुआत By Yashraj Bais

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इधर उधर की - 5 By Kishanlal Sharma

मैं अकेला उनके चेम्बर के बाहर खड़ा था।वह लंच खत्म होने पर आए।उस समय उतर पश्चिम रेलवे के सी सी एम विजय कुमार थे।उनसे मिलने के लिये लोग आ जा रहे थे।वह भी दो तीन बार निकलकर बाथ रूम  गए...

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Shyari form Guri Baba - 1 By Guri baba

"दिल के कोने में एक ग़म छुपा बैठा हूँ,जिसे हर पल अपने साथ लेकर चलता हूँ।कभी सोचा था खुश रहेंगे हम,पर अब हर रास्ता सिर्फ तुमसे जुड़ता है।""जब से तुमने मुझसे बातें दूर की,मैंने अपनी...

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जिंदगी के रंग हजार - 18 By Kishanlal Sharma

भारतीय रेलवे का ट्रेन संचालनरेल का अपना अलग नेटवर्क है और ट्रेन संचालन कंट्रोल के माध्यम से किया जाता है।कंट्रोल ही तय करता है कौनसी ट्रेन चलेगी।कौनसी खड़ी रहेगी।कौनसी ट्रेन का क्रा...

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पहली ग्रामोफोन रिकॉर्ड वाली गायिका गौहर जान By S Sinha

                                 पहली ग्रामोफोन रिकॉर्ड वाली गायिका गौहर जान  बहुत ही कम लोगों को पता होगा कि भारत की पहली गायिका जिसकी रिकॉर्डिंग सबसे पहले  हुई थी वह कौन थी  . पु...

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पतंग उड़ायें पर सावधानी से By S Sinha

                                               पतंग उड़ायें पर सावधानी से     पतंगबाज़ी का मौसम आ रहा है  .यूँ तो पतंग उड़ाना महज एक खेल और मनोरंजन का साधन है जिसमें कम खर्च में भरपूर...

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वह कौन था By Sharovan

वह कौन था ? / कहानीएक सत्य घटना पर आधारित कहानी /शरोवन***'अरे यह थापा है बड़ा ही काम का आदमी. हम स्टूडेंट्स की तो बहुत ही हेल्प कर देता है. बहुत इमानदार भी है, मगर उसमें दो ही क...

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घटिया टाइप लफंगों को प्रमोट करते सीरिअल By R Mendiratta

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Aqi से देहाती ड्राइविंग से रोजी रोटी तक.. मेरा देश By R Mendiratta

आधुनिकता का पैमाना आधुनिकता की चकाचौंध में,शहर की जनता खो रही है।आकर्षण में बंधी हुई,अपनी बर्बादी बो रही है।ए.क्यू.आई. बढ़ता जाता,सांसों में घुलता जहर।प्रकृति की पुकार अनसुनी,हम बढ...

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न काम के न काज के. घन्टा बजाते रहो बस By R Mendiratta

नेता लोग काम करें या न करें, पर जनता को यह महसूस होना चाहिए कि वे काम कर रहे हैं। यह बात कुछ ऐसी है जैसे किसी फिल्म में हीरो का दिखना जरूरी है, चाहे वह असल में कुछ करे या न करे। आइ...

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ऐलान ए जंग By ABHAY SINGH

क्या यह ऐलान ए जंग है?खरगे साहब ने कहा कि वे बैलट पेपर से चुनाव चाहते हैं। ऐसी बयानी बातें पहले भी आई, पर कोई ठोस रणनीतिक कदम नही । क्योकि ये करना आसान भी नही।  ●●कांग्रेस इस मांग...

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(नैतिकता अनैतिकता के प्रश्नों को रेखांकित करती पौराणिक प्रसंग पर आधारित काल्पनिक कथा)मैं सुहागसेज पर घूँघट निकालकर बैठी पति के आने का इन तजार कर रही थी।प्रथम मिलन की रात्रि मन मे उ...

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जो पकड़ा जाए वो चोर. बाकी चरित्रवान By R Mendiratta

जो पकड़ा जाए वो चोर, बाकी देश भक्तये कैसा न्याय है, ये कैसा विध्वंस हैजो बोले सच वो देशद्रोही, जो छुपाए झूठ वो देशहितैषीये कैसा लोजिक है, ये कैसा तर्क हैजो पकड़ा जाए वो चोर, बाकी द...

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सरकारी समाचार जलेबी जेसे By R Mendiratta

सरकारी समाचार खुशी देते हैं ( जलेबी जैसे टेढ़े मेढे समाचार,मीठे भी)आज पूरे देश मे सूर्य खिला हुआ है,बारिश के आसार नही हैं ,पर विपक्ष इस पर अफवाहे फेला रहा हैहर तरफ मस्ती छाई हैपक्ष...

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स्वच्छ भ्रष्टाचार पर कुछ घटिया रचनाएँ By R Mendiratta

य़ह  व्यंग्यात्मक कविता है जो भ्रष्टाचार पर आधारित है:भ्रष्टाचार का खेलनेता और अफसर का, समझौता है निराला,भ्रष्टाचार की गंगा में, सबने हाथ डाला।जनता की सेवा का, करते हैं ये दावा,पर...

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तीन भाइयों का जीवन का ज्ञानप्राचीन समय की बात है। एक गाँव में तीन भाई—विजय, विक्रम और वासुदेव—अपने माता-पिता के साथ रहते थे। तीनों भाई अपने पिता से विद्या प्राप्त करना चाहते थे और...

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रेत के घरौंदे सा By DINESH KUMAR KEER

1.शादी का शौक नही है साहब... बुरा लगता है :- मेरी वजह से किसी का बेटा अभी तक कुवारा बैठा है...! 2.कब आपकी आँखों में हमें मिलेगी पनाह,चाहे इसे समझो दिल्लगी या समझो गुनाह,अब भले ही ह...

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1."पाने की तलब है ही कहां""हम तो बस तुझे खोने से डरते हैं"2.बहुत खूबसूरत है, तेरे इन्तजार का आलम... बेकरार सी आँखों में इश्क बेहिसाब लिए बैठे हैं...!3.कितनो को पसंद थी तुम पर,मेरी...

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सांसों में बसे हो तुम By DINESH KUMAR KEER

1.दूरी ने कर दिया है तुझे और भी करीबतेरा ख्याल' आ कर न जाये तो क्या करें2.मोहब्बत का हसीन पैगाम लिख दू क्या,गजब की शाम है तुम्हारे नाम लिख दू क्या...3.हम भी अब मोहब्बत के गीत ग...

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रिश्ता अनोखा सरलता का By DINESH KUMAR KEER

1.ऐसा ना हो कि,तुम्हें जब मेरी आदत होने लगे,अपने आस पास,मुझे ढूंढने की,कवायद होने लगे...2.इन सुलगते रास्तों पर मैं अब्र बिखरा रही हूं,अपने हिस्से का सारा सब्र बिखरा रही हूं,बिखरा र...

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देखो फूल रूठ गए By DINESH KUMAR KEER

1.जिस राह पर अब हम हैं,घर तुम्हारा पीछे छूट गया,शीशे का महल था,शब्द कंकरों से,छन से टूट गया...2.बाज़ार का हुस्न भी कुछ कम नहीं,रंगो और साजो सामान से भरा है,अपनी ही कहानी कहता है,और...

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किस्मत ने बांधा (एक डोर से) By DINESH KUMAR KEER

1.आज रास्ते में देखा उसे,सब बदला बदला सा लगा,वो जो सबकुछ हुआ करता था कभी,दुनियां की तरह अजनबी सा लगा,रात दिन जिसकी आस रहती थी कभी,वो अब मुझे मेरी तिश्नगी नहीं लगा...2.एक सहारा तुम्...

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चलो मुस्कुरा दो अब By DINESH KUMAR KEER

1.अपनी अच्छाई पे तुम भरोसा रखना,बंद मत करना खुद को,किसी कमरे में,बंद कमरे में भी अपने लिए,खुला एक झरोखा रखना,बहुत रोकेंगे लोग तुम्हें,हंसने मुस्कुराने से,तुम रुकना नहीं किसी भी हाल...

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किस्मत की डोरी से बंधे दिल By DINESH KUMAR KEER

1.किसी के रंग में रंगने से अच्छा है, अपनी पसंद के रंगों का ख्याल रखो, बेरंग ना हो जाओ बस यूँ ही किसी की ख़ातिर, तुम अपनी पसंद ना पसंद से प्यार रखो...2.वो शख्स बड़ा ही दिलदार था,दिल...

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तू है मेरी जिन्दगी By DINESH KUMAR KEER

1.इश्क की गहराइयों में खोकर,दिल की हर धड़कन उसे याद करती है।प्यार की बातों में गुम हो जाना,वही सच्चा इश्क है, जो दिल को बेखुद बना देता है।2.ख्वाबों की दुनिया में खोकर,तेरी बाहों मे...

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