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गुलकंद By श्रुत कीर्ति अग्रवाल

मैं, एक लेखिका, श्रुत कीर्ति अग्रवाल, आज पहली बार आपके साथ अपनी रचनाओं के माध्यम से नहीं, स्वयं अपने-आप को माध्यम बना आपके समक्ष हूँ। अभी तक मुझे लगता था कि अगर मैं अपनी सारी बातें...

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नकटी By Rohitashwa Sharma

संजय रास्ता पूछता हुआ देवीपुरा की तरफ जा रहा था। सड़क पर देवीपुरा का बोर्ड देखकर समझ गया कि देवीपुरा पास ही है। उसने बोर्ड मेंदिखाई दिशा में मोटरसाइकिल मोड़ दी। कुछ घर नज़र आने लगे...

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परमहंस संत गौरीशंकर चरित माल By ramgopal bhavuk

आत्‍म निवेदन

संतों की महिमा अपरम्‍पार है। उनकी कृपा अहेतुकी होती है। उनके दर्शन मात्र से चारों धर्म, अर्थ, काम तथा मोक्ष, सभी कुछ प्राप्‍त हो सकता है। जैसा कि कबीरदासजी ने सोच स...

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Mere Mahiya By Anjali Lingayat

इसका एक सीक्रेट है। यदि अपने धोखेबाज एक्सलोवर को छोड़ने के बाद सब कुछ प्लान के अनुसार होता है, तो वो ये एश्योर कर सकती है कि किसी को भी पता ना चले। प्यार को दूर रखने के लिए दृढ़ सं...

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जो मिले तुमसे By Gud by

" मरहम बनकर जख्म गहरे दिए क्यों ?
आसान नहीं होता है किसी को दिल से भुला जाना "

थके हारे से एक नव युवक सड़क किनारे खड़ा था , रात के 8 बज रहे थे । आस पास से कई गाड़ियां ग...

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रंगीन कहानी By HARSH PAL

लखनऊ की गलियों में, जहाँ शाम की चाय की खुशबू हवा में घुली होती है, वहीं कॉलेज के बाहर एक लड़का, आरव, अपनी किताबों में खोया हुआ बैठा था। वह मेडिकल का छात्र था, अपने माता-पिता की उम्...

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मिशन सिफर By Ramakant Sharma

विश्वभर में भारत अकेला ऐसा देश है जहां संसार के सभी धर्मों के लोग आमतौर से शांतिपूर्वक रहते आए हैं। यहां की गंगा-जमुनी संस्कृति देश-विदेश के लोगों के लिए हैरत का विषय बनी रही है क्...

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दृष्टिकोण. By Radha

रात की चांदनी रात में श्वेता अपनी नम आंखों से चांद को देख रही थी मन भरा हुआ था और खिड़की के पास रखी हुई स्टडी टेबल पर बैठी हुई थी जिस पर लैंप रखा हुआ था उसके दाएं हाथ में पेन और पे...

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यशस्विनी By Dr Yogendra Kumar Pandey

यशस्विनी 21वीं सदी में महिलाओं की बदलती भूमिकाविषय पर एक आलेख लेखन में व्यस्त है।अपने लैपटॉप पर हेडफोन से वॉइस टाइपिंग करने केसमय वह कई बार भावनाओं में डूबती- उतरती रही। उसने यह मह...

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FIKAR - तेरे इश्क़ की By Hiral Zala

(Year 2043 , 4 SeptemberPlace : Akota bridge , Vadodara , Gujarat )Vadodara, मेरी जिंदगी की सबसे बड़ी दौलत । जहां प्यार है,परवाह है, आशिक़ी है, जुनून है,ओर सबसे बड़ा स्वाभिमान है।...

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एक देह एक आत्मा By sangeeta sethi

मेरे द्वारा लिखी गयी कहानी फेसबुक मेरे कथा-संग्रह एक देह एक आत्मा से ली गयी है । फेसबुक की वर्चुअल दुनिया वास्तविक में किस तरह से मार्मिक हो जाती है यह इस कहानी में बताया गया है...

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नागिन - का आखरी महायुध्द By Datta Shinde

काहाणी शुरु करते हैं ये काहाणी बोहत पुरानी हैं इस काहाणी में एक मंदिर हैं जो बोहत पुराना हैं लेकिन कोछ शेतान उस मंदिर को पाणा चाहाते हैं क्यो की वो मंदिर सोने का हैं तो काहाणी शुरु...

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मेल By Jitin Tyagi

आज एक बार फिर उसका मेल आया है। मरहम का रूप धरकर, पर जिस घाव के लिए आया है।, कृति उस घाव के दर्द से कब का निजात पा चुकी है।… पिछले तीन महीनों में ये उसका बारहवाँ मेल आया है।

कृ...

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कब्र का रहस्य By Shubhanand

राजन, इकबाल, सलमा और शोभा देश के उभरते युवा नेता श्रीराम मूर्ति की संदेहास्पद मौत की शिनाख्त करने कर्णाटक पहुँचते हैं, जहाँ पर आने वाले चुनाव की जोर-शोर से तैयारियां चल रही हैं. खो...

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क्या नाम दूँ ..! By Ajay Shree

क्या नाम दूँ ..! अजयश्री प्रथम अध्याय “आखिर तुमने मुझे समझ क्या रखा है ! आज पाँच साल तक साथ रहने के बाद तुम कह रहे हो कि मैं तुम्हारे लायक नहीं हूँ ..इन पाँच सालों में शायद ही कोई...

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IIT Roorkee (अजब प्रेम की गज़ब कहानी) By Akshay Tiwari

दोस्तों इस प्रेम कहानी की शुरुआत होती हैं उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव से निकल कर IIT रुड़की उत्तराखंड देवभूमि में पढ़ने गए एक साधारण लड़के से, जिसे नैनीताल से आई ठंडी हवा के झो...

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पी.के. By Roop Singh Chandel

पी.के. (1) बालभवन के पास चाय की दुकान पर वह मित्र के साथ चाय पी रहा था. उनके हाथों में चाय के छोटे गिलास थे और वे दुकान और सड़क के बीच दुकान के निकट ही बातों में मशगूल थे. लंबे समय...

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हर्ज़ाना By Anjali Deshpande

हर्ज़ाना अंजली देशपांडे (1) घंटी बजी, नौकर ने दरवाज़ा खोला और वापस आकर कहा, “चार लोग हैं साब.” उनके चेहरे की हर झुर्री प्रफुल्लित हो उभर आई. वे इतनी तत्परता से उठे कि रीढ़ ने प्रतिवाद...

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नश्तर खामोशियों के By Shailendra Sharma

नश्तर खामोशियों के शैलेंद्र शर्मा 1. बार-बार उमड़ आते उफान से मेरी आँखें गीली हो जाती थीं. और सच, मैं इतने दिनों बाद महसूस कर रही थी कि मैं अभी भी पत्थर नहीं हुई हूँ...मगर कैसी अजीब...

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जहाँ ईश्वर नहीं था By Gopal Mathur

गोपाल माथुर 1 आँख कुछ देर से खुली. बाहर सुबह जैसा कुछ भी नहीं लगा, हालांकि सूरज निकल चुका था, पर वह घने बादलों के पीछे कैद था. बारिश बादलों में लौट गईं थीं और हवाएँ भी थक कर पेड़ों...

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यादों के उजाले By Lajpat Rai Garg

यादों के उजाले लाजपत राय गर्ग (1) आज प्रह्लाद को मन मारकर कार्यालय आना पड़ा था। उसके बॉस का सख़्त आदेश न होता तो इस समय वह आने वाली मीटिंग की फाइल तैयार करने की बजाय अपनी पत्नी रेण...

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जीवन सरिता नोंन By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

मानव सभ्‍यता के इतिहास में पंचमहल धरती का अपना एक अनूठा गौरवपूर्ण इतिहास रहा है। पूर्व सताब्‍दियों के साथ अष्‍टमी सताब्‍दी भी नवीन अनुभूति के, कई पन्‍ने पलटती दिखीं है।महाकवि भवभूत...

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हाँ नहीं तो By CHHATRA PAL VERMA

प्रतुत पुलिसिया व्यंगिकाएं मेरी पुस्तक हाँ नहीं तो से पुलिस विभाग पर व्यंग करती कुछ रचनाएँ हैं इन तमाम रचनाओं का आशय किसी विशेष राज्य या शहर की पुलिस पर आक्षेप करना नहीं, वरन प्...

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ख्वाइशें By Kishanlal Sharma

योर वाट्सएप नम्बरमोबाइल पर वह यूटुबेर के वीडियो बहुत देखता था।इनमे राजनीतिक बहस और समाचार के ज्यादा होते थे।पाकिस्तान के भी काफी पत्रकार यूट्यूब पर वीडियो डालने लगें थे।जब से सोशल...

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मानो या न मानो By Koushik B

ये बात २००५ की तब हम लखनऊ इसी आलमबाग रेलवे क्वार्टर में रहते थे। हमारा परिवार तीसरे माले में रहता था। एक रात सोटे हुए अचानक मेरी आंख खुल गई। में बाथरूम की तरफ से बड़ा तो मुझे किसी...

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भुइंधर का मोबाइल By Pradeep Shrivastava

भुइंधर का मोबाइल - प्रदीप श्रीवास्तव भाग १ अम्मा आज विवश होकर आपको यह पत्र लिख रही हूँ , क्योंकि मोबाइल पर यह सारी बातें कह पाने की हिम्मत मैं नहीं जुटा पाई। आप जानती हैं कि मैं ऐस...

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बारह पन्ने - अतीत की शृंखला से By Mamta

बारह पन्ने अतीत की शृंखला के बचपन इंसान की ज़िंदगी का सबसे सुनहरा दौर जिसे शायद अंतिम साँस तक नही भुलाया जा सकता ।जीवन का सबसे स्वर्णिम काल ,चिंतारहित खेलना खाना ,बेपरवाह सी ज...

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उदास इंद्रधनुष By Amrita Sinha

उदास इंद्रधनुष ************ रात के दस बजने वाले थे। कोमल सोने की तैयारी में लगी थी । सिरहाने पानी की बोतल रख, कमरे की बत्...

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मिडिल बर्थ By Ajay Kumar Awasthi

रात काफी हो चुकी थी ट्रेन अभी अभी प्लेटफार्म में आकर रुकी थी और मैं अपनी बर्थ पर आकर बैठ गया ,मेरी लोवर बर्थ थी । मेरे सामने की मिडिल बर्थ पर एक लड़की बैठी थी,वो अब तक जाग रही थी और...

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रिश्ता एक कागज का. By Dhruv oza

निशांत :- पोपकोर्न खाओगी ? ये भैया बहोत अच्छे पॉपकॉर्न बनाता है पता है ?क्यारा :- हम यहा शायद पोपकोर्न खाने नही आये निशांत ? एक साल में कुछ कुछ तो में समजती हु आपको ।निशांत :- अच्छ...

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खून का टीका By Priyanka Singh

शादी... एक ऐसा बंधन जिसे हर लड़की सपनों में संजोती है।

लेकिन क्या हो जब यही शादी एक जाल बन जाए?

क्या हो जब सिंदूर के पीछे छुपा हो खून का व्यापार?

और क्या एक सीधी-साधी लड़क...

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WORLD TOUR WITH ME By Arun Singla

हम ये टूर आप के साथ साथ ही चलेंगे और टूर में आनी वाली प्रॉब्लम्स और उनके solutions आप के साथ शेयर करेंगे। यह यात्रा मेरे लिए सिर्फ एक छुट्टी नहीं, बल्कि एक नया अनुभव, एक नई सीख, औ...

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तलाश... एक औरत के अस्तित्व की By RICHA AGARWAL

आज फिर, खिड़की पर बैठी, रिमझिम बारिश में खेलते बच्चों को निहारती, सुहानी कुछ सोचने लग पड़ी थी । वक़्त गुज़रते देर कहाँ लगती है ?? उसकी शादी को आज पूरे 27 साल हो चुके थे,पर लगता है जैसे...

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विनाशकाले.. By Rama Sharma Manavi

लाल जोड़े में सजी रेवती हाथों में जयमाल लेकर जब स्टेज पर आई तो बाराती-घराती उसके अप्सरा जैसे रूप को देखकर दूल्हे के भाग्य की सराहना करने लगे।शर्म से झुकी रेवती की पलकें जब जयमाल डाल...

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तुर्कलिश By Makvana Bhavek

UPSC मेन्स के एक हफ्ते बाद, मैंने बिस्तर पकड़ लिया। गले में भयंकर इनफेक्शन ने एंटीबायोटिक्स के साइड इफेक्ट से विकराल रूप ले लिया था। गले को ठीक करने के बजाय उन दवाइयों ने मुझे बुरी...

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मम्मटिया By Dharm

मम्मटिया उपन्यास एक ऐसी स्त्री की कहानी है जो अपने जीवन में आयी तमाम मुश्किलों को झेलते हुये आगे चलती चली जाती है। एक अकेली स्त्री और सामने खडी पहाड सी मुश्किलें। साथ में अगर वो वि...

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बसंत के फूल By Makvana Bhavek

अरे, यह तो बिल्कुल बर्फ जैसे लग रहे है," अनामिका ने कहा था।


सत्रह साल पहले की बात है जब उसने यह कहा था। हम अभी-अभी प्राइमरी स्कूल के स्टूडेंट्स बने थे और हम हमेशा अपने छोट...

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ईश्वरत्व का अहंकार By Mahesh Dewedy

मानव में ईश्वरीय आस्था बहुत कुछ ज्ञान-सापेक्ष होती है- जहां मानवीय ज्ञान की सीमा रेखा आ जाती है और अज्ञान के अंधकार का साम्राज्य प्रारम्भ होता है, वहीं मानव ईश्वर का अवलम्ब प्राप्त...

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तक्सीम By Pragya Rohini

ये शहर भी अजीब हैं न अनोखे? लाख गाली दे दिया करें रोज मैं और तू इन्हें पर इनके बिना तेरे-मेरे जैसों का कोई गुजारा है बोल? कितने साल बीत गए हम दोनों को यहां आए। अब तो ये ही दूसरा घर...

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कहानी किससे ये कहें! By Neela Prasad

कहानी किससे ये कहें! नीला प्रसाद (1) 31 अगस्त 1991. सुबह-सुबह आसमान में छाए घने काले बादल इंगित कर रहे हैं कि किसी भी क्षण वर्षा शुरू हो जा सकती है। लगभग साढ़े तीन दशक लंबी नौकरी क...

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लॉकडाउन की लव स्टोरी By Krishna

साल 2020, जब पूरी दुनिया ठहर गई थी, सड़कों पर सन्नाटा पसरा था, और लोग अपने घरों में कैद थे। लेकिन इसी लॉकडाउन में कहीं एक अनकही कहानी जन्म लेने वाली थी।

छोटे से शहर के पास बसे ए...

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दास्तानगो By Priyamvad

अंतिम फ़्रांसीसी उपनिवेश के अंतिम अवशेषों पर, पूरे चाँद की रात का पहला पहर था जब यह द्घटना द्घटी। समुद्र की काली और खुरदरी चट्टानों पर चिपके केकड़े किनारे की ओर सरकना शुरू कर चुके थे...

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आहुति एक ज्वाला! By Madhu

स्त्रियाँ जहा एक ओर करुणा की मूरत होती है तो अपनो पर आई विपदा को दूर करने के लिए चन्डी और काली का भी रूप धारण कर लेती है.....!!

एक लडकी श्मशान घाट में जलती हुई चिताओ को देख रही...

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कहानी सरस्वती और संस्कार की By Hemant Sharma

यह एक काल्पनिक कहानी है इसके सभी पात्र और स्थान भी काल्पनिक हैं। अगर इस कहानी में किसी की भी बातों से आपको कष्ट पहुंचे तो उसके लिए मैं माफी चाहूंगा।)

~~एससीबीएस इंटर कॉलेज(काल्प...

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किस्से वीर बुन्देलों के - राज धर्म By Ravi Thakur

बुंदेलखंड की धरा, अद्भुत, अभूतपूर्व किस्से-कहानियों से अटी पड़ी है। यहाँ जन्म लेने वाले साधु-संत, कवि-साहित्यकार, रणबांकुरे, त्यागी- बलिदानी नर-नारियों के चरित्र आख्यान, अब तक छुटप...

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रंगून क्रीपर और अप्रैल की एक उदास रात By PANKAJ SUBEER

रंगून क्रीपर और अप्रैल की एक उदास रात (कहानी : पंकज सुबीर) (1) हवा में उदासी घुली हुई है। उदासी, जो मौसमों की थपक के साथ पैदा होती है। बाहर वसंत और पतझड़ क्या है, कुछ समझा नहीं जा...

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मेरे कॉलेज की वो लड़की By ब्रिज भारतीय

मेरे कॉलज की वो लड़की जब से मैने उसे देखा था तब बस उसीके बारे में सोचता था। वो जब उसके फ़्रेंडस के साथ सेल्फी लेते वख्त हँसती थी में वही हँसी का दीवाना था । क्लास या केम्पस में जब हम...

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Falling for my Heart Criminal By simran

हैदराबाद ........

शाम 5 बजे

कोर्ट के बहार .........

एक लड़की रोते हुए एक आदमी से हाथ जोड़कर कुछ कह रही थी "पापा इसमें मेरी कोई गलती नहीं है सब मन्नत ने किया है मुझे वो...

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ग़रीबी के आचरण By Manjeet Singh Gauhar

इस संसार में सभी तरह के प्राणी रहते हैं। इन सभी प्राणियों में से एक प्राणी इन्सान भी है। जो भगवान द्वारा बनाई गयी सभी चीज़ों में बहुत ही ज़्यादा खूबसूरत है। इंसान से जुड़ी कु...

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तू ही मेरी आशिकी By Mystic Quill

शहरों से दूर, एक छोटा सा शहर...

उस शहर की एक संकरी सी गली में एक पुराना-सा, दो मंज़िला मकान खड़ा था। बाहर से देखने पर कुछ ख़ास नहीं, मगर अंदर की दीवारों में बहुत सी कहानियाँ दबी...

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गुलकंद By श्रुत कीर्ति अग्रवाल

मैं, एक लेखिका, श्रुत कीर्ति अग्रवाल, आज पहली बार आपके साथ अपनी रचनाओं के माध्यम से नहीं, स्वयं अपने-आप को माध्यम बना आपके समक्ष हूँ। अभी तक मुझे लगता था कि अगर मैं अपनी सारी बातें...

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नकटी By Rohitashwa Sharma

संजय रास्ता पूछता हुआ देवीपुरा की तरफ जा रहा था। सड़क पर देवीपुरा का बोर्ड देखकर समझ गया कि देवीपुरा पास ही है। उसने बोर्ड मेंदिखाई दिशा में मोटरसाइकिल मोड़ दी। कुछ घर नज़र आने लगे...

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परमहंस संत गौरीशंकर चरित माल By ramgopal bhavuk

आत्‍म निवेदन

संतों की महिमा अपरम्‍पार है। उनकी कृपा अहेतुकी होती है। उनके दर्शन मात्र से चारों धर्म, अर्थ, काम तथा मोक्ष, सभी कुछ प्राप्‍त हो सकता है। जैसा कि कबीरदासजी ने सोच स...

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Mere Mahiya By Anjali Lingayat

इसका एक सीक्रेट है। यदि अपने धोखेबाज एक्सलोवर को छोड़ने के बाद सब कुछ प्लान के अनुसार होता है, तो वो ये एश्योर कर सकती है कि किसी को भी पता ना चले। प्यार को दूर रखने के लिए दृढ़ सं...

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जो मिले तुमसे By Gud by

" मरहम बनकर जख्म गहरे दिए क्यों ?
आसान नहीं होता है किसी को दिल से भुला जाना "

थके हारे से एक नव युवक सड़क किनारे खड़ा था , रात के 8 बज रहे थे । आस पास से कई गाड़ियां ग...

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रंगीन कहानी By HARSH PAL

लखनऊ की गलियों में, जहाँ शाम की चाय की खुशबू हवा में घुली होती है, वहीं कॉलेज के बाहर एक लड़का, आरव, अपनी किताबों में खोया हुआ बैठा था। वह मेडिकल का छात्र था, अपने माता-पिता की उम्...

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मिशन सिफर By Ramakant Sharma

विश्वभर में भारत अकेला ऐसा देश है जहां संसार के सभी धर्मों के लोग आमतौर से शांतिपूर्वक रहते आए हैं। यहां की गंगा-जमुनी संस्कृति देश-विदेश के लोगों के लिए हैरत का विषय बनी रही है क्...

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दृष्टिकोण. By Radha

रात की चांदनी रात में श्वेता अपनी नम आंखों से चांद को देख रही थी मन भरा हुआ था और खिड़की के पास रखी हुई स्टडी टेबल पर बैठी हुई थी जिस पर लैंप रखा हुआ था उसके दाएं हाथ में पेन और पे...

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यशस्विनी By Dr Yogendra Kumar Pandey

यशस्विनी 21वीं सदी में महिलाओं की बदलती भूमिकाविषय पर एक आलेख लेखन में व्यस्त है।अपने लैपटॉप पर हेडफोन से वॉइस टाइपिंग करने केसमय वह कई बार भावनाओं में डूबती- उतरती रही। उसने यह मह...

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FIKAR - तेरे इश्क़ की By Hiral Zala

(Year 2043 , 4 SeptemberPlace : Akota bridge , Vadodara , Gujarat )Vadodara, मेरी जिंदगी की सबसे बड़ी दौलत । जहां प्यार है,परवाह है, आशिक़ी है, जुनून है,ओर सबसे बड़ा स्वाभिमान है।...

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एक देह एक आत्मा By sangeeta sethi

मेरे द्वारा लिखी गयी कहानी फेसबुक मेरे कथा-संग्रह एक देह एक आत्मा से ली गयी है । फेसबुक की वर्चुअल दुनिया वास्तविक में किस तरह से मार्मिक हो जाती है यह इस कहानी में बताया गया है...

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नागिन - का आखरी महायुध्द By Datta Shinde

काहाणी शुरु करते हैं ये काहाणी बोहत पुरानी हैं इस काहाणी में एक मंदिर हैं जो बोहत पुराना हैं लेकिन कोछ शेतान उस मंदिर को पाणा चाहाते हैं क्यो की वो मंदिर सोने का हैं तो काहाणी शुरु...

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मेल By Jitin Tyagi

आज एक बार फिर उसका मेल आया है। मरहम का रूप धरकर, पर जिस घाव के लिए आया है।, कृति उस घाव के दर्द से कब का निजात पा चुकी है।… पिछले तीन महीनों में ये उसका बारहवाँ मेल आया है।

कृ...

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कब्र का रहस्य By Shubhanand

राजन, इकबाल, सलमा और शोभा देश के उभरते युवा नेता श्रीराम मूर्ति की संदेहास्पद मौत की शिनाख्त करने कर्णाटक पहुँचते हैं, जहाँ पर आने वाले चुनाव की जोर-शोर से तैयारियां चल रही हैं. खो...

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क्या नाम दूँ ..! By Ajay Shree

क्या नाम दूँ ..! अजयश्री प्रथम अध्याय “आखिर तुमने मुझे समझ क्या रखा है ! आज पाँच साल तक साथ रहने के बाद तुम कह रहे हो कि मैं तुम्हारे लायक नहीं हूँ ..इन पाँच सालों में शायद ही कोई...

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IIT Roorkee (अजब प्रेम की गज़ब कहानी) By Akshay Tiwari

दोस्तों इस प्रेम कहानी की शुरुआत होती हैं उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव से निकल कर IIT रुड़की उत्तराखंड देवभूमि में पढ़ने गए एक साधारण लड़के से, जिसे नैनीताल से आई ठंडी हवा के झो...

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पी.के. By Roop Singh Chandel

पी.के. (1) बालभवन के पास चाय की दुकान पर वह मित्र के साथ चाय पी रहा था. उनके हाथों में चाय के छोटे गिलास थे और वे दुकान और सड़क के बीच दुकान के निकट ही बातों में मशगूल थे. लंबे समय...

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हर्ज़ाना By Anjali Deshpande

हर्ज़ाना अंजली देशपांडे (1) घंटी बजी, नौकर ने दरवाज़ा खोला और वापस आकर कहा, “चार लोग हैं साब.” उनके चेहरे की हर झुर्री प्रफुल्लित हो उभर आई. वे इतनी तत्परता से उठे कि रीढ़ ने प्रतिवाद...

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नश्तर खामोशियों के By Shailendra Sharma

नश्तर खामोशियों के शैलेंद्र शर्मा 1. बार-बार उमड़ आते उफान से मेरी आँखें गीली हो जाती थीं. और सच, मैं इतने दिनों बाद महसूस कर रही थी कि मैं अभी भी पत्थर नहीं हुई हूँ...मगर कैसी अजीब...

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जहाँ ईश्वर नहीं था By Gopal Mathur

गोपाल माथुर 1 आँख कुछ देर से खुली. बाहर सुबह जैसा कुछ भी नहीं लगा, हालांकि सूरज निकल चुका था, पर वह घने बादलों के पीछे कैद था. बारिश बादलों में लौट गईं थीं और हवाएँ भी थक कर पेड़ों...

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यादों के उजाले By Lajpat Rai Garg

यादों के उजाले लाजपत राय गर्ग (1) आज प्रह्लाद को मन मारकर कार्यालय आना पड़ा था। उसके बॉस का सख़्त आदेश न होता तो इस समय वह आने वाली मीटिंग की फाइल तैयार करने की बजाय अपनी पत्नी रेण...

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जीवन सरिता नोंन By बेदराम प्रजापति "मनमस्त"

मानव सभ्‍यता के इतिहास में पंचमहल धरती का अपना एक अनूठा गौरवपूर्ण इतिहास रहा है। पूर्व सताब्‍दियों के साथ अष्‍टमी सताब्‍दी भी नवीन अनुभूति के, कई पन्‍ने पलटती दिखीं है।महाकवि भवभूत...

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हाँ नहीं तो By CHHATRA PAL VERMA

प्रतुत पुलिसिया व्यंगिकाएं मेरी पुस्तक हाँ नहीं तो से पुलिस विभाग पर व्यंग करती कुछ रचनाएँ हैं इन तमाम रचनाओं का आशय किसी विशेष राज्य या शहर की पुलिस पर आक्षेप करना नहीं, वरन प्...

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ख्वाइशें By Kishanlal Sharma

योर वाट्सएप नम्बरमोबाइल पर वह यूटुबेर के वीडियो बहुत देखता था।इनमे राजनीतिक बहस और समाचार के ज्यादा होते थे।पाकिस्तान के भी काफी पत्रकार यूट्यूब पर वीडियो डालने लगें थे।जब से सोशल...

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मानो या न मानो By Koushik B

ये बात २००५ की तब हम लखनऊ इसी आलमबाग रेलवे क्वार्टर में रहते थे। हमारा परिवार तीसरे माले में रहता था। एक रात सोटे हुए अचानक मेरी आंख खुल गई। में बाथरूम की तरफ से बड़ा तो मुझे किसी...

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भुइंधर का मोबाइल By Pradeep Shrivastava

भुइंधर का मोबाइल - प्रदीप श्रीवास्तव भाग १ अम्मा आज विवश होकर आपको यह पत्र लिख रही हूँ , क्योंकि मोबाइल पर यह सारी बातें कह पाने की हिम्मत मैं नहीं जुटा पाई। आप जानती हैं कि मैं ऐस...

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बारह पन्ने - अतीत की शृंखला से By Mamta

बारह पन्ने अतीत की शृंखला के बचपन इंसान की ज़िंदगी का सबसे सुनहरा दौर जिसे शायद अंतिम साँस तक नही भुलाया जा सकता ।जीवन का सबसे स्वर्णिम काल ,चिंतारहित खेलना खाना ,बेपरवाह सी ज...

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उदास इंद्रधनुष By Amrita Sinha

उदास इंद्रधनुष ************ रात के दस बजने वाले थे। कोमल सोने की तैयारी में लगी थी । सिरहाने पानी की बोतल रख, कमरे की बत्...

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मिडिल बर्थ By Ajay Kumar Awasthi

रात काफी हो चुकी थी ट्रेन अभी अभी प्लेटफार्म में आकर रुकी थी और मैं अपनी बर्थ पर आकर बैठ गया ,मेरी लोवर बर्थ थी । मेरे सामने की मिडिल बर्थ पर एक लड़की बैठी थी,वो अब तक जाग रही थी और...

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रिश्ता एक कागज का. By Dhruv oza

निशांत :- पोपकोर्न खाओगी ? ये भैया बहोत अच्छे पॉपकॉर्न बनाता है पता है ?क्यारा :- हम यहा शायद पोपकोर्न खाने नही आये निशांत ? एक साल में कुछ कुछ तो में समजती हु आपको ।निशांत :- अच्छ...

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खून का टीका By Priyanka Singh

शादी... एक ऐसा बंधन जिसे हर लड़की सपनों में संजोती है।

लेकिन क्या हो जब यही शादी एक जाल बन जाए?

क्या हो जब सिंदूर के पीछे छुपा हो खून का व्यापार?

और क्या एक सीधी-साधी लड़क...

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WORLD TOUR WITH ME By Arun Singla

हम ये टूर आप के साथ साथ ही चलेंगे और टूर में आनी वाली प्रॉब्लम्स और उनके solutions आप के साथ शेयर करेंगे। यह यात्रा मेरे लिए सिर्फ एक छुट्टी नहीं, बल्कि एक नया अनुभव, एक नई सीख, औ...

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तलाश... एक औरत के अस्तित्व की By RICHA AGARWAL

आज फिर, खिड़की पर बैठी, रिमझिम बारिश में खेलते बच्चों को निहारती, सुहानी कुछ सोचने लग पड़ी थी । वक़्त गुज़रते देर कहाँ लगती है ?? उसकी शादी को आज पूरे 27 साल हो चुके थे,पर लगता है जैसे...

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विनाशकाले.. By Rama Sharma Manavi

लाल जोड़े में सजी रेवती हाथों में जयमाल लेकर जब स्टेज पर आई तो बाराती-घराती उसके अप्सरा जैसे रूप को देखकर दूल्हे के भाग्य की सराहना करने लगे।शर्म से झुकी रेवती की पलकें जब जयमाल डाल...

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तुर्कलिश By Makvana Bhavek

UPSC मेन्स के एक हफ्ते बाद, मैंने बिस्तर पकड़ लिया। गले में भयंकर इनफेक्शन ने एंटीबायोटिक्स के साइड इफेक्ट से विकराल रूप ले लिया था। गले को ठीक करने के बजाय उन दवाइयों ने मुझे बुरी...

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मम्मटिया By Dharm

मम्मटिया उपन्यास एक ऐसी स्त्री की कहानी है जो अपने जीवन में आयी तमाम मुश्किलों को झेलते हुये आगे चलती चली जाती है। एक अकेली स्त्री और सामने खडी पहाड सी मुश्किलें। साथ में अगर वो वि...

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बसंत के फूल By Makvana Bhavek

अरे, यह तो बिल्कुल बर्फ जैसे लग रहे है," अनामिका ने कहा था।


सत्रह साल पहले की बात है जब उसने यह कहा था। हम अभी-अभी प्राइमरी स्कूल के स्टूडेंट्स बने थे और हम हमेशा अपने छोट...

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ईश्वरत्व का अहंकार By Mahesh Dewedy

मानव में ईश्वरीय आस्था बहुत कुछ ज्ञान-सापेक्ष होती है- जहां मानवीय ज्ञान की सीमा रेखा आ जाती है और अज्ञान के अंधकार का साम्राज्य प्रारम्भ होता है, वहीं मानव ईश्वर का अवलम्ब प्राप्त...

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तक्सीम By Pragya Rohini

ये शहर भी अजीब हैं न अनोखे? लाख गाली दे दिया करें रोज मैं और तू इन्हें पर इनके बिना तेरे-मेरे जैसों का कोई गुजारा है बोल? कितने साल बीत गए हम दोनों को यहां आए। अब तो ये ही दूसरा घर...

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कहानी किससे ये कहें! By Neela Prasad

कहानी किससे ये कहें! नीला प्रसाद (1) 31 अगस्त 1991. सुबह-सुबह आसमान में छाए घने काले बादल इंगित कर रहे हैं कि किसी भी क्षण वर्षा शुरू हो जा सकती है। लगभग साढ़े तीन दशक लंबी नौकरी क...

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लॉकडाउन की लव स्टोरी By Krishna

साल 2020, जब पूरी दुनिया ठहर गई थी, सड़कों पर सन्नाटा पसरा था, और लोग अपने घरों में कैद थे। लेकिन इसी लॉकडाउन में कहीं एक अनकही कहानी जन्म लेने वाली थी।

छोटे से शहर के पास बसे ए...

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दास्तानगो By Priyamvad

अंतिम फ़्रांसीसी उपनिवेश के अंतिम अवशेषों पर, पूरे चाँद की रात का पहला पहर था जब यह द्घटना द्घटी। समुद्र की काली और खुरदरी चट्टानों पर चिपके केकड़े किनारे की ओर सरकना शुरू कर चुके थे...

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आहुति एक ज्वाला! By Madhu

स्त्रियाँ जहा एक ओर करुणा की मूरत होती है तो अपनो पर आई विपदा को दूर करने के लिए चन्डी और काली का भी रूप धारण कर लेती है.....!!

एक लडकी श्मशान घाट में जलती हुई चिताओ को देख रही...

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कहानी सरस्वती और संस्कार की By Hemant Sharma

यह एक काल्पनिक कहानी है इसके सभी पात्र और स्थान भी काल्पनिक हैं। अगर इस कहानी में किसी की भी बातों से आपको कष्ट पहुंचे तो उसके लिए मैं माफी चाहूंगा।)

~~एससीबीएस इंटर कॉलेज(काल्प...

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किस्से वीर बुन्देलों के - राज धर्म By Ravi Thakur

बुंदेलखंड की धरा, अद्भुत, अभूतपूर्व किस्से-कहानियों से अटी पड़ी है। यहाँ जन्म लेने वाले साधु-संत, कवि-साहित्यकार, रणबांकुरे, त्यागी- बलिदानी नर-नारियों के चरित्र आख्यान, अब तक छुटप...

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रंगून क्रीपर और अप्रैल की एक उदास रात By PANKAJ SUBEER

रंगून क्रीपर और अप्रैल की एक उदास रात (कहानी : पंकज सुबीर) (1) हवा में उदासी घुली हुई है। उदासी, जो मौसमों की थपक के साथ पैदा होती है। बाहर वसंत और पतझड़ क्या है, कुछ समझा नहीं जा...

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मेरे कॉलेज की वो लड़की By ब्रिज भारतीय

मेरे कॉलज की वो लड़की जब से मैने उसे देखा था तब बस उसीके बारे में सोचता था। वो जब उसके फ़्रेंडस के साथ सेल्फी लेते वख्त हँसती थी में वही हँसी का दीवाना था । क्लास या केम्पस में जब हम...

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Falling for my Heart Criminal By simran

हैदराबाद ........

शाम 5 बजे

कोर्ट के बहार .........

एक लड़की रोते हुए एक आदमी से हाथ जोड़कर कुछ कह रही थी "पापा इसमें मेरी कोई गलती नहीं है सब मन्नत ने किया है मुझे वो...

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ग़रीबी के आचरण By Manjeet Singh Gauhar

इस संसार में सभी तरह के प्राणी रहते हैं। इन सभी प्राणियों में से एक प्राणी इन्सान भी है। जो भगवान द्वारा बनाई गयी सभी चीज़ों में बहुत ही ज़्यादा खूबसूरत है। इंसान से जुड़ी कु...

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तू ही मेरी आशिकी By Mystic Quill

शहरों से दूर, एक छोटा सा शहर...

उस शहर की एक संकरी सी गली में एक पुराना-सा, दो मंज़िला मकान खड़ा था। बाहर से देखने पर कुछ ख़ास नहीं, मगर अंदर की दीवारों में बहुत सी कहानियाँ दबी...

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