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न जाने कौन सा क्षण था वह; जब मंदिर में पंडितजी की सुनी हुई एक बात...
हनुमत हांक -परिचय व समीक्षा हनुमत हांक' बलदेव दास जी द्वारा लिखी गई बड़ी महत्वपू...
चलिए एक नई कहानी शुरू करते हैं –***दिल्ली का लड़का और हरियाणा की लड़की:***सर्दी...
**परिचय:**क्या आपने कभी सोचा है कि एक साधारण सी शाम कैसे एक खौफनाक सफर में तब्दी...
अपनों के लिए स्वदेश की धरती पर पग धरने को आतुर संदीप आज वर्षों बाद अमेरिका से घर...
नगर में एक ही चर्चा चल रही है कि राजा अपने कौनसे पुत्र को आने वाले समय के लिए कि...
अध्याय (1) मिट्टी में खेलती गुड़ियामैंने माँ को पहली बार तब नहीं देखा जब मैं पैद...
विमल की बात को मान कर चेतना ने उसी दिन शाम को हर्ष से पूछा, "हर्ष अब हमें तेरी श...
इस सृष्टि में स्थूल, सूक्ष्म, चेतन और जड़ आदि जो कुछ दृष्टिगोचर हो रहा है, वह सब...
तेरी मेरी दुनिया अनिकेत उस सीट को निहारे जा रहा था जहाँ सोनम बैठती थी। वह कल्पन...
हेलो दोस्तों कैसे हे? जैसे की आप सब जानते हो मेने इस २०२० के नए साल को एनाउंसमेंट किया था की हर रविवार को में एक नयी स्टोरी के साथ आ रहा हु | आज इस साल का और इस महीने का तीसरा रविव...
विरासत पार्ट - 1 इतनी मुश्किल भरे इन दिनों के बाद अ...
*"पार्ट-1"*रात के करीब दस बजे का समय था।हर तरफ खामोशी छाई हुई थी।"आह..... !आह....! मैं कहाँ हूं,मैं कौन हूँ ?!" कोलकाता शहर के आलीशान प्राइवेट सिटी हॉस्पिटल के एक ब...
यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन करने के पश्चात समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करूं। किसी ने सलाह दिया कि मैं एम० सी० ए० कर लूं। मगर उसमें बहुत पैसा लगता था। फीस देने के लिए मेरे घर में पैस...
होप इस हेलये एक काल्पनिक कथा है। जिसे रोचक बनाने के लिए कुछ वर्तमान प्रवाह, स्थान, संस्था, देश और अन्य उचित वस्तुओं का प्रयोग किया गया है। जिसका वस्तावमे हो रही घटनाओं के साथ संब...
वह आवाज़ ठीक वैसी थी मानो किसी चाकू या तलवार को, धारदार बनाने के लिए, किसी पत्थर पर घिसा जा रहा हो। हालाँकि यह आवाज़ बहुत ही धीमे से उभरी थी लेकिन इस सन्नाटे में साफ-साफ सुनी जा सकती...
एसिड अटैक (1) ‘‘हाँ, हूँ, ठीक ही था’’ ऐसे जवाब सुन-सुन देवधर जान गये कि सेलेना उकता रही थी। देवधर ने उसे आराम करने देना ही मुनासिब समझा। थोड़ा बुरा तो लगा था देवधर को, कि उनकी बेटी...
शापित आशीष दलाल [बचपन में यौनउत्पीड़न का शिकार हुए युवक की अपराधी से बदला लेने की भावना और अंतर्द्वंद पर आधारित अपराध कथा] (१) ‘अंकल ! आपकी दाढ़ी चुभती है.’ दस वर्षीय नमन ने अपने नन्...
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