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एपिसोड 14 – जब नन्हीं लातों ने दस्तक दी---1. एक दोपहर – जब सबकुछ रुका, और कुछ पह...
प्रस्तावनाएक छोटे से कस्बे की मासूम, भोली और सादगी से भरी लड़की थी — सिया।उसका ब...
आज दोनों मे मिलने का वादा किया। आसिफ़ की कॉल आ रही थी,, और दूसरी तरफ rubab के च...
पिछले चैप्टर में हमने यहां पढ़ की शेखर जी की मां मोहिनी जी की सासू मां तेज जी क...
उस...
रचना: बाबुल हक़ अंसारी ". भाग 6 धुन जो अब रुकती...
"वो जो मेरा था..." Episode 9 – जब काव्या ने पहली बार आरव के लिए लिखा…---कहते हैं...
महाशक्ति – एपिसोड 46"भीतर की छाया और जीवन की कसौटी"---️ प्रस्तावना – जब बाहरी यु...
Ch 2 : जो छुपा है, वो सामने आएगाशमशेरपुर की सुबह की हवा कुछ अलग लग रही थी — भारी...
महाभारत की कहानी - भाग-११९ युद्ध के नौवें दिन के अंत में, युधिष्ठिरादि की रात मे...
मेरे द्वारा लिखी गयी कहानी फेसबुक मेरे कथा-संग्रह एक देह एक आत्मा से ली गयी है । फेसबुक की वर्चुअल दुनिया वास्तविक में किस तरह से मार्मिक हो जाती है यह इस कहानी में बताया गया है...
जयशंकर प्रसाद की कहानियाँ जयशंकर प्रसाद © COPYRIGHTS This book is copyrighted content of the concerned author as well as Matrubharti. Matrubharti has exclusive digital publishing...
हीर की प्रेम कहानी १
बुढ़ापा आ गया है, बीमार भी हूं और अब मेरे विचार अक्सर मृत्यु की ओर ही जाया करते हैं जो दिन-ब-दिन मेरे पास आ रही है। कदाचित् ही मैं भूतकाल के संबंध में सोचता हूं और शायद ही कभी मै...
‘सियाह हाशिये’ पाकिस्तान में बस जाने के बाद मंटो की तीसरी किताब थी जो ‘मकतबा-ए-जदीद’ से प्रकाशित हुई। सन् 1951 तक यह उनकी सातवीं किताब थी। वीभत्सता, उलझन, बेज़ारी, नफ़रत, दुख और क्...
गोदान हिंदी के उपन्यास-साहित्य के विकास का उज्वलतम प्रकाशस्तंभ है। गोदान के नायक और नायिका होरी और धनिया के परिवार के रूप में हम भारत की एक विशेष संस्कृति को सजीव और साकार पाते हैं...
समय का पहिया बीसवीं सदी मै लिखी गई कहानियाँ -हिस्से का दूध -तनी हुई मुठ्ठियाँ -शासन -अस्तित्वहीन नहीं -अपनी अपनी मौत -नियति
लाला मदनमोहन एक अंग्रेजी सौदागर की दुकानमैं नई, नई फाशन का अंग्रेजी अस्बाब देख रहे हैं. लाला ब्रजकिशोर, मुन्शी चुन्नीलाल और मास्टर शिंभूदयाल उन्के साथ हैं. मिस्टर ब्राइट ! य...
मेरी सारी जिन्दगी घूमने में ही बीती है। इस घुमक्कड़ जीवन के तीसरे पहर में खड़े होकर, उसके एक अध्याापक को सुनाते हुए, आज मुझे न जाने कितनी बातें याद आ रही हैं। यों घूमते-फिरते ही तो म...
दुर्गादास एक उपन्यास है जो एक वीर व्यक्ति दुर्गादास राठौड़ के जीवन पर मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखित है। इसे एक वीर गाथा भी कह सकते हैं जिससे हमें कई सीख मिलती है। यह बाल साहित्य के अ...
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