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  • अधूरे सपनों की चादर - 18

    --अध्याय 18नई पहचान, नए अहसास(अधूरे सपनों की चादर)समय जैसे पंख लगाकर उड़ गया। कॉ...

  • बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 57

    chapter 57नफरत है मुझे उससे नफरत बेइंतहा नफरत करता हूं।वनराज की आखिरी लाइन सुनकर...

  • अदाकारा - 28

    *अदाकारा 28*     एक घंटा तो पलक झपकते ही बीत गया। शर्मिला जो सात बजे आयी थी वो आ...

  • Silent Hearts - 22

    साइलेंट हार्ट्स (조용한 마음 – Joyonghan Maeum)लेखक: InkImaginationएपिसोड 22: जी...

  • Froyo Flat - 5

    *Chapter 5 of _Froyo Flat_ *, continuing the emotional journey of Aanya and Devi...

  • रहस्यों की परछाई - 12

    Episode 12: अंधेरी सुरंगों का सफ़रसुबह की पहली किरणें आसमान पर फैल रही थीं, लेकि...

  • नेहरू फाइल्स - भूल-38

    भूल-38 सेना का राजनीतिकरण सेना के आलाकमान का राजनीतीकरण भारत-चीन युद्ध में भारत...

  • इश्क और अश्क - 52

    अगस्त्य वहाँ से निकल गया।सय्युरी गुस्से में पास में रखा वास तोड़कर ज़ोर से चिल्ल...

  • तेरे मेरे दरमियान - 7

    गिफ्ट लेकर भरत कहता है ।भरत :- थेंक्यू सो मच आदित्य । अशोक साहब इनसे मिलिए ये है...

  • थ्री बेस्ट फॉरेवर - 41

    ( __/)( • . •)( >Next epलेकर हाजिर है यारों का यार,,आपका बंकू होनहार,,पाच मिनट क...

जीवनोपनिषद By Agyat Agyani

जीवनोपनिषद  (प्रथम पुस्तक)   प्रस्तावना  सदियों से मनुष्य सत्य की खोज में है।कभी उसने वेदों का सहारा लिया,कभी उपनिषदों की गहराई में उतरने की कोशिश की,कभी गीता सुनी, कभी शास्त्र पढ़...

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सबा By Prabodh Kumar Govil

तेरी पगार कितनी है?
- तीन हज़ार!
- महीने के?
- और नहीं तो क्या, रोज़ के तीन हज़ार कौन देगा रे मुझको?
- ऐसा मत बोल, दे भी देगा! उसने कनखियों से लड़की की ओर देखते हुए कहा।
लड़की...

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जीवन कैसे जिएं? By Priyanshu Jha

माया, अपने बीस के दशक के अंत में एक युवा पेशेवर, हमेशा एक जिज्ञासु और आत्मविश्लेषी व्यक्ति रही है। उसने खुद को लगातार जीवन के गहरे अर्थ और अपने अस्तित्व के उद्देश्य पर विचार करते ह...

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दार्शनिक दृष्टि By बिट्टू श्री दार्शनिक

देखा ही है की, हर लड़का कितना भी ज्ञान प्राप्त करके सफलता को प्राप्त नहीं हो पाता। कितनी भी सावधानी बरतने के बाद भी वह सफल नहीं हो पाता। यहां तक की अत्यंत दुष्कर कार्य को अच्छे से...

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श्रीमत् अष्टावक्रगीता का हिन्दी अनुवाद By JUGAL KISHORE SHARMA

** हे प्रभो ! (पुरुषः ) ज्ञानम् कथम् अवाप्नोति । (पुंसः) मुक्तिः कथम् भविष्यति । ( पुंसः) वैराग्यम् च कथम् प्राप्तम् ( भवति ) एतत् मम ब्रूहि ॥१॥

Old king Janak asks the young As...

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दिव्य पुरुष कैसे बने ? By Mohit Rajak

दोस्तों आपने कोई ऐसे व्यक्ति के बारे में सुना है, जो सभी चीजों में माहिर हो जिसे सब काम बहुत अच्छे से करना आता हो। शायद ही ऐसे व्यक्ति के बारे में आप नहीं सुना हो ,यदि मैं आपसे कहू...

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गाँव की लोक कहानियां By निखिल ठाकुर

1. राक्षस का भाई भाक्षस --------- ये सारी लोक कहानियां हमारे गाँव के बजुर्ग हमें सुनाया करते थे ...उस समय हम बहुत छोटे होते थे ..तो आज मैं इन कहानियों को यहां आप सबके...

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अवसान की बेला में By Rajesh Maheshwari

जीवन और मृत्यु की निर्भरता प्रभु इच्छा पर है परंतु मृत्यु के उपरांत भी हमारी स्मृति लोगों के मन में बनी रहे यह हमारे कर्मों पर निर्भर है। जन्म और मृत्यु जीवन यात्रा का एक पड़ाव है।...

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जिंदगी के पहलू By Kamal Bhansali

इंसानी जिंदगी धरती पर जब अपना पहला कदम, माँ की बाहों से उतर कर रखती है, तो उसकी पहली लड़खड़ाहट उसे ये एहसास करा देती कि आसान नहीं है, जिंदगी का सफर उसके लिए। पर संभलने का संघर्ष उसे...

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हकीकत की हकीकत By Akshay jain

हकीकत इस शब्द से महज सभी लोग पीछा छुड़ाते हैं। कोई नहीं जानना चाहता हकीकत को। सभी लोग आंखों को बंद करके जीना चाहते हैं और जीते भी हैं। पूरा जीवन उस बिल्ली कि तरह जीते हैं जो दूध पी...

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जीवनोपनिषद By Agyat Agyani

जीवनोपनिषद  (प्रथम पुस्तक)   प्रस्तावना  सदियों से मनुष्य सत्य की खोज में है।कभी उसने वेदों का सहारा लिया,कभी उपनिषदों की गहराई में उतरने की कोशिश की,कभी गीता सुनी, कभी शास्त्र पढ़...

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तेरी पगार कितनी है?
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- महीने के?
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माया, अपने बीस के दशक के अंत में एक युवा पेशेवर, हमेशा एक जिज्ञासु और आत्मविश्लेषी व्यक्ति रही है। उसने खुद को लगातार जीवन के गहरे अर्थ और अपने अस्तित्व के उद्देश्य पर विचार करते ह...

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श्रीमत् अष्टावक्रगीता का हिन्दी अनुवाद By JUGAL KISHORE SHARMA

** हे प्रभो ! (पुरुषः ) ज्ञानम् कथम् अवाप्नोति । (पुंसः) मुक्तिः कथम् भविष्यति । ( पुंसः) वैराग्यम् च कथम् प्राप्तम् ( भवति ) एतत् मम ब्रूहि ॥१॥

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अवसान की बेला में By Rajesh Maheshwari

जीवन और मृत्यु की निर्भरता प्रभु इच्छा पर है परंतु मृत्यु के उपरांत भी हमारी स्मृति लोगों के मन में बनी रहे यह हमारे कर्मों पर निर्भर है। जन्म और मृत्यु जीवन यात्रा का एक पड़ाव है।...

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इंसानी जिंदगी धरती पर जब अपना पहला कदम, माँ की बाहों से उतर कर रखती है, तो उसकी पहली लड़खड़ाहट उसे ये एहसास करा देती कि आसान नहीं है, जिंदगी का सफर उसके लिए। पर संभलने का संघर्ष उसे...

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हकीकत की हकीकत By Akshay jain

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