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73नदी के प्रवाह में बहता हुआ उत्सव किसी अज्ञात स्थल पर पहुँच गया। चारों दिशाओं म...
बात खत्म नहीं हुई थी। कौन कहता है, ज़िन्दगी कितने नुकिले सिरे रखती है। पता नहीं ह...
अब आगे रूही ने रूद्र को शर्ट उतारते हुए देखा उसने अपनी नजर रूद्र पर से हटा ली रु...
अब तक : सीमा " पता नही मैम... । कई बार बेचारे को मारा पीटा भी जाता है... । दिमाग...
नेहा और आनंद के जाने के बादसांझ तुरंत अपने कमरे में चली गई उसे बहुत ही बुरा लग...
अब अंगद के जीवन में एक नई यात्रा की शुरुआत हुई। यह आरंभ था नहीं चेतना का, नए उत्...
पात्र: परिचयसुबह का समय था, और एक बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनी की कार्यलय की हलचल धीर...
कर ये भाई आ गया में अब हैपी ना. नमस्ते पंडित जी. कैसे है आप सब ठीक है ना.हा नमस्...
“माँ किधर जा रही हो” 38 साल के युवा ने अपनी 60 वर्षीय वृद्ध माँ को पुकारते हुए क...
पुरोवाक्'मनस्वी' एक शोकगाथा है एक करुण उपन्यासिका (Elegiac Novelette) ।...
परियों का पेड़ (1) राजू एक लकड़हारे का बेटा था | उसके पिताजी जंगल से पेड़ काटकर लकड़ियाँ लाते | फिर उन्हें बाजार में बेच देते | उसकी माँ लकड़ियों से ही कुछ खिलौने भी बना लेती थी, जिसे ब...
एक उदना था और एक उदनी थी। उदना प्रतिदिन खेत पर जाता था और उदनी उसके लिए दोपहर का खाना लेकर जाती थी। एक दिन उदनी जब उदना के लिए खेत पर खाना लेकर कर जा रही थी तो उसे रास्ते में बड़कू...
चिरइ चुरमुन और चीनू दीदी (कहानी पंकज सुबीर) (1) इस कहानी में जो चिरइ चुरमुन हैं वो ही ‘हम’ हैं । ‘हम’ का मतलब वो जो कहानी सुना रहा है । यहाँ पर ‘मैं’ की जगह पर ‘हम’ इसलिये सुना रहा...
आरुषि ........ आरुषि ........ हाँ मम्मा, मैं यहाँ हूँ l अपनी गुड़िया के साथ खेल रही हूँ l अच्छा, अच्छा अब जल्दी से तैयार हो जा, शाम हो गई है, चल मैं तेरी चोटी गूँथ दूँ l हाँ,...
बीरबल एक ईमानदार तथा धर्म—प्रिय व्यक्ति था। वह प्रतिदिन ईश्वर की आराधना बिना नागा किया करता था। इससे उसे नैतिक व मानसिक बल प्राप्त होता था। वह अक्सर कहा करता था कि ईश्वर जो कुछ भी...
एक बहुत बड़ा विशाल पेड़ था। उस पर बीसीयों हंस रहते थे। उनमें एक बहुत सयाना हंस था, बुद्धिमान और बहुत दूरदर्शी। सब उसका आदर करते ‘ताऊ' कहकर बुलाते थे। एक दिन उसने एक नन्ही—सी बेल...
रेमचंद हिंदी के उन महान् कथाकारों में थे, जिन्होंने बडों के लिए विपुल कथा-संसार की रचना के साथ-साथ विशेष रूप से बच्चों के लिए भी लिखा। उस समय एक ओर स्वतंत्रता संग्राम अपने पूरे जो...
प्राचीन समय की बात है। उज्जैन में राजा भोज राज्य करते थे। वह बड़े दानी और धर्मात्मा थे। उनके बारे में प्रसिद्ध था कि वह ऐसा न्याय करते कि दूध और पानी अलग—अलग हो जाए। नगरी में एक किस...
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